कुल्लू: भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए जहां भक्त कई प्रकार की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, हरतालिका तीज करने से भी भक्तों को भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति और संतान की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में इस साल 6 सितंबर को हरितालिका तीज का व्रत रखा जाएगा.
देशभर में इस व्रत के दौरान महिलाओं द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. आचार्य विजय कुमार शर्मा ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दोपहर 12:20 पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज पूजा के लिए सुबह का समय बहुत ही उत्तम कहा गया है. ऐसे में इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 5 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. इस दिन शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है, जो रात 10 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. उसके बाद हस्त नक्षत्र भी बन रहा है जो अगली सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
आचार्य विजय कुमार ने बताया कि तीज के दिन दान-पुण्य करना भी काफी शुभ माना गया है. इस दिन दान करने के लिए शुभ समय सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक बताया गया है. हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत उपासना करने से और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करने से पारिवारिक और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ ही सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.
इस विशेष दिन पर दान-पुण्य कर्म करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. संतान प्राप्ति के लिए भी तीज व्रत को बहुत ही उत्तम माना जाता है और भगवान शिव माता पार्वती की कृपा से निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है.
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