देहरादूनः उत्तराखंड में मौजूदा स्थिति ये है कि भाजपा अभी तक हजारों की संख्या में अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने दल में शामिल कर चुकी है. यह सिलसिला लगातार जारी है. नेताओं के दलबदल से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हो रहा है. ऐसे में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने दलबदल कर जा रहे नेताओं को लेकर प्रतिक्रिया जारी की है.
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बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं..https://t.co/kHyNGjrMB7..यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गये हैं वहां वफादार रहें।#uttarakhand #Congress pic.twitter.com/sRxb5Kohdf
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 4, 2024
सोशल मीडिया पर लंबी चौड़ी पोस्ट में हरीश रावत ने नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने पर लिखा कि 'बिन कहे रहा न जाए, मीडिया कुरेद-कुरेद कर पूछ रहा है कि आपके कई करीबी हैं जिनको सारी नियामतें उनके गले में हार बनाकर डाल दी, वह भी क्यों साथ छोड़ रहे हैं? मैंने कहा हर किसी के नाराजगी के कुछ न कुछ कारण होते हैं. कुछ लोग इसलिS नाराज हैं, वह मेरे कार्यकाल में एक एसडीएम को एडीएम बनाने की सुपारी ले चुके थे. एक पूज्यनीय इसलिए नाराज हैं, स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश की कुछ संपत्तियों को मैंने उनके संगठन के नाम पर करने से इनकार कर दिया. एकाद सज्जन ऐसे भी हैं कि उनको देते-देते अंत में जब मेरे पास भी देने के लिए कुछ नहीं रह गया तो वह बड़े दाताओं के पास पहुंच गए हैं. देखते हैं वहां क्या मिलता है? हमारी शुभकामनाएं हैं. यहां से कुछ ज्यादा उनको मिले और जहां गए हैं वहां वफादार रहें'.
दरअसल, उत्तराखंड कांग्रेस के सिटिंग विधायक के साथ ही हजारों नेता और कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम चुके हैं. इसी क्रम में कुछ दिनों पहले ही हरीश रावत के करीबी और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एसपी सिंह समेत तमाम नेताओं को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इसके बाद से ही चर्चाएं चल रही हैं कि आखिर कांग्रेस के नेता क्यों लगातार पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं. इन्हीं तमाम सवालों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अपना दुख व्यक्त किया है.
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