देहरादून: उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय देहरादून पहुंचे, जहां उनका पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विरोधियों पर तंज भी कसा. बीती 15 मार्च को ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में रोड शो किया था, जिसके बाद से उनका जोश काफी हाई दिखाई दिया.
उत्तराखंड की सबसे हॉट लोकसभा सीट हरिद्वार से टिकट मिलने के बाद पहली बार शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बात की. इस दौरान अपनी जीत के सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले तो बीजेपी हाईकमान का धन्यवाद किया और उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पार्टी ने हर लोकसभा सीट पर पांच लाख वोटों से जीतने का लक्ष्य रखा है. उनका प्रयास रहेगा कि वो उससे भी ज्यादा वोट से अपनी जीत दर्ज कराएं. वहीं, त्रिवेंद्र सिंह रावत से जब हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों और चुनौतियों के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जनता का जीतना ज्यादा प्रेम मिलता है, चुनौती भी उतनी ही बड़ी होती है.
वहीं, हरिद्वार लोकसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के चुनाव लड़ने के सवाल और उनके कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मिलने पर जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने सब इतना ही कहा कि वो किसी उमेश कुमार को नहीं जानते हैं.
बता दें कि, हरिद्वार लोकसभा सीट से इस बार बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काटकर त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
बता दें कि कल 15 मार्च को एक कार्यक्रम में उमेश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भ्रष्ट बताया था. उमेश कुमार ने कहा था कि बीजेपी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जिस पार्टी ने भ्रष्टाचार के कारण मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था. उमेश ने यहां तक कहा था कि हरिद्वार की जनता ऐसे व्यक्ति को अपना सांसद नहीं चुनेगी.
त्रिवेंद्र-उमेश कुमार के बीच का विवाद: बता दें कि उमेश कुमार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर आरोप लगाया था कि जब त्रिवेंद्र झारखंड बीजेपी के प्रभारी थे, तब उन्होंने एक व्यक्ति को झारखंड के 'गौ सेवा आयोग' का अध्यक्ष बनाने के घूस ली थी. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार की तरफ उमेश कुमार पर राजद्रोह का केस लगाया गया था, जिसके बाद उमेश कुमार को जेल भी जाना पड़ा था. तभी से दोनों के बीच तनातनी चल रही है.
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