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नागपंचमी पर यहां पूजन करने से सालभर नहीं होता सांपों से खतरा, घंटी और पान से चमत्कार का दावा - Nag panchami Special 2024

नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है इस दिन नागदेवता की पूजा करने से भगवान शिव खुश होते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के नर्मदा नदी किनारे बसे चारखेड़ा गांव का मंदिर अपनी खास मान्यता के लिए प्रसिद्ध है.

NAG PANCHAMI SPECIAL 2024
नागपंचमी पर यहां पूजन करने से सालभर नहीं होता सांपों से खतरा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 8, 2024, 7:50 PM IST

हरदा : माना जाता है कि हरदा जिले के इस मंदिर में नागपंचमी पर पूजा करने से चमत्कार होता है. पूजन करके गाय के गले में बांधी जाने वाली घंटी और पान को यहां जो चढ़ाता है, उसके परिवार और पालतू जानवरों से जहरीले जीव-जंतु और सांप साल भर दूर रहते हैं. इस वजह से यहां सालों से दूर-दूर से लोग नाग पंचमी पर घंटी चढ़ाने पहुंचते हैं.

मान्यता के बारे में बताते स्थानीय लोग (Etv Bharat)

घंटी, पान और पानी का असर

इस मंदिर से सालों से जुड़े क्षेत्र के अशोक गुर्जर बताते हैं, '' पिछले तकरीबन 60 सालों से हर नागपंचमी पर बड़ी संख्या में लोग नागदेवता की पूजा करने पहुंचते हैं. इस दौरान लोग यहां गाय के गले में बांधी जाने वाली घंटी और पान चढ़ाते हैं और शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है. यह घंटी और पान अर्पित करने के बाद स्थानीय लोग इसे अपने घर ले जाते हैं. घर पर जल छिड़कने से साल भर तक घर में सांप और दूसरे जहरीले जीव-जंतु नहीं आते.''

घंटी से भाग जाते हैं सांप?

मंदिर की सेवा करने वाले महेन्द्र सिंह बांके बताते हैं, '' भगवान को अर्पित करने वाली घंटी का असर यह होता है कि इसकी आवाज सुनकर सांप भाग जाते हैं. इसकी वजह से किसान खेत में काम करने के दौरान यह घंटी लेकर साथ चलते हैं, इससे उनके आसपास सांप ने आते और वे बिना डरे खेती-किसानी का काम करते रहते हैं.''

गांव में आज तक किसी को नहीं काटा सांप

ग्रामीण रामविलास बताते हैं, '' इस गांव में आज तक किसी भी व्यक्ति को सांप ने नहीं काटा. कई बार ऐसी भी घटना हुई कि गलती से लोगों के पैरों के नीचे सांप आ गया, लेकिन इसके बाद भी सांप ने लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया. इस मंदिर में नागपंचमी पर बड़ी संख्या में लोग पूजा के लिए पहुंचते हैं, सभी की यही मनोकामना होती है कि सांप जैसे जहरीले जीव-जंतु से उनकी रक्षा हो सके.''

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सांप को सुनाई नहीं देता, लेकिन कंपन से दूर भागते हैं

सर्प विशेषज्ञ सलीम खान कहते हैं , '' सांपों को लेकर यह गलत फहमी होती है कि उन्हें सुनाई देता है और वह बीन की आवाज पर नाचते हैं. ऐसा नहीं होता. इंसानों की सुनने की क्षमता जहां 20 से 20 हजार हर्ट्ज तक होती है, वहीं सांप सिर्फ 300 हर्ट्ज तक ही सुन सकता है, लेकिन इनकी त्वचा बहुत सेंसेटिव होती है. आसपास होने वाली हल्की सी आहट को यह महसूस कर लेते हैं. खासतौर से आसपास होने वाले कंपन को महसूस कर यह वहां से दूर भाग जाते हैं.''

हरदा : माना जाता है कि हरदा जिले के इस मंदिर में नागपंचमी पर पूजा करने से चमत्कार होता है. पूजन करके गाय के गले में बांधी जाने वाली घंटी और पान को यहां जो चढ़ाता है, उसके परिवार और पालतू जानवरों से जहरीले जीव-जंतु और सांप साल भर दूर रहते हैं. इस वजह से यहां सालों से दूर-दूर से लोग नाग पंचमी पर घंटी चढ़ाने पहुंचते हैं.

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घंटी, पान और पानी का असर

इस मंदिर से सालों से जुड़े क्षेत्र के अशोक गुर्जर बताते हैं, '' पिछले तकरीबन 60 सालों से हर नागपंचमी पर बड़ी संख्या में लोग नागदेवता की पूजा करने पहुंचते हैं. इस दौरान लोग यहां गाय के गले में बांधी जाने वाली घंटी और पान चढ़ाते हैं और शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है. यह घंटी और पान अर्पित करने के बाद स्थानीय लोग इसे अपने घर ले जाते हैं. घर पर जल छिड़कने से साल भर तक घर में सांप और दूसरे जहरीले जीव-जंतु नहीं आते.''

घंटी से भाग जाते हैं सांप?

मंदिर की सेवा करने वाले महेन्द्र सिंह बांके बताते हैं, '' भगवान को अर्पित करने वाली घंटी का असर यह होता है कि इसकी आवाज सुनकर सांप भाग जाते हैं. इसकी वजह से किसान खेत में काम करने के दौरान यह घंटी लेकर साथ चलते हैं, इससे उनके आसपास सांप ने आते और वे बिना डरे खेती-किसानी का काम करते रहते हैं.''

गांव में आज तक किसी को नहीं काटा सांप

ग्रामीण रामविलास बताते हैं, '' इस गांव में आज तक किसी भी व्यक्ति को सांप ने नहीं काटा. कई बार ऐसी भी घटना हुई कि गलती से लोगों के पैरों के नीचे सांप आ गया, लेकिन इसके बाद भी सांप ने लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाया. इस मंदिर में नागपंचमी पर बड़ी संख्या में लोग पूजा के लिए पहुंचते हैं, सभी की यही मनोकामना होती है कि सांप जैसे जहरीले जीव-जंतु से उनकी रक्षा हो सके.''

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सांप को सुनाई नहीं देता, लेकिन कंपन से दूर भागते हैं

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