जबलपुर। हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद जबलपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है. जिला प्रशासन ने आपात बैठक बुलाकर तय किया है कि जहां लाइसेंसधारी के पटाखों का भंडारण है या पटाखे बना रहे हैं, ऐसे स्थानों की जांच की जाएगी. मंगलवार को दिनभर जबलपुर जिला प्रशासन ने बैठक का आयोजन किया. बैठक में जबलपुर के कलेक्टर, एडिशनल कलेक्टर, एसपी और एसडीएम स्तर के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सभी एसडीएम स्तर के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में पटाखा कारोबारी पर नजर बनाएं.
लाइसेंसधारकों के स्थलों की होगी जांच
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आदेश दिया है कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र के पटाखा लाइसेंस धारकों के ठिकानों की जांच करेंगे लाइसेंस दर कौन है, जिस जगह पर पटाखे का भंडारण दिखाया है. यदि उसके अलावा किसी दूसरी जगह पटाखे पाए गए तो ऐसे लाइसेंसधारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस बात की भी जांच की जाएगी कि जिन घरों में या जिन स्थानों पर पटाखे रखे गए हैं, वह कितने सुरक्षित हैं. पटाखे के अलावा बारूद और डायनामाइट को लेकर भी जिला प्रशासन ने चिंता जाहिर की है.
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जबलपुर में शहर के बीचों-बीच पटाखा दुकानें
कलेक्टर का कहना है कि जहां-जहां भी बारूद और डायनामाइट का इस्तेमाल किया जाता है, उन सभी को चिन्हित किया जाएगा और उन पर लगातार निगरानी की जाएगी. जबलपुर में भी पटाखे का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है हालांकि जिला प्रशासन ने पटाखा कारोबारी को शहर से काफी दूर करोंदा ट्रीटमेंट प्लांट के भीतर कंपलेक्स बनाकर दुकान मुहैया करवाई हैं लेकिन इसके बाद भी शहर के बीचोंबीच कई पटाखा कारोबारी की दुकानें हैं, जहां बड़े पैमाने पर पटाखों का भंडारण किया जाता है.