भोपाल। हरदा में हुए भीषण पटाखा अग्नि कांड के पीड़ितों से कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने हरदा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की. इसके बाद कांग्रेस नेता घटनास्थल पर भी पहुंचे. कांग्रेस ने सरकार से मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए और घायलों को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग की. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि 'यह सरकार द्वारा प्रायोजित हत्याकांड है. सरकार को इस मामले में फैक्ट्री मालिकों के साथ अधिकारियों पर भी हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए.'
जीतू पटवारी का सरकार पर तीखा प्रहार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा भी मौजूद रहे. कांग्रेस नेताओं ने पीड़ितों से घटना को लेकर चर्चा की. पीड़ित परिवारों ने कहा कि घटना के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद रहे. घटना के समय लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि 'यह सरकार द्वारा प्रयाजित हत्याकांड है. प्रदेश में बारूद माफिया काम कर रहे हैं. सरकार को फैक्ट्री मालिक के साथ-साथ अधिकारियों पर भी हत्या का मामला दर्ज करना चाहिए, क्योंकि अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह पटाखा फैक्ट्री सालों से संचालित हो रही है.'
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 'हादसे को लेकर शासन-प्रशासन के आंकड़ों और ब्लास्ट का शिकार हुए लोगों के परिजनों की जानकारी में जमीन आसमान का अंतर है. सरकार सच्चाई सामने लाकर दोषियों पर कार्रवाई करने के स्थान पर इस खौफनाक मंजर में भी लापरवाही बरत रही है.'
फैक्ट्री में 400-600 लोग करते थे काम, हजारों किलो था बारूद
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 'हॉस्पिटल में घायल प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 'मौके पर 400 से 600 लोग काम करते थे. 100 से 150 लोग स्थानीय थे और बाकी बाहर से आते थे. अधिकांश आदिवासी और अनुसूचित वर्ग के लोग काम करते थे. जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ, उसमें एक बेसमेंट था, उसमें 100 से 150 लोग काम करते थे. बताया जाता है कि यहां हजारों किलो बारूद था.
पढ़िए मोहन सरकार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के आरोप
- रेस्क्यू के नाम पर मिट्टी को जेसीबी से पलटा जा रहा है. जेसीबी ऐसी चलाई जा रही है कि कोई जिंदा हो, तो भी वह मिट्टी में ही दब जाएगा. मौके पर कोई भी अधिकारी, फॉरेंसिक का व्यक्ति नहीं है.
- इतने बड़े हादसे के बाद भी कोई भी अधिकारी, मंत्री क्या यहां 24 घंटे नहीं रूक सकता था.
- मुख्यमंत्री 100 किलोमीटर दूर हैं, क्या वे तत्काल हेलीकॉप्टर से मौके पर नहीं आ सकते थे.
- जीतू पटवारी ने सवाल किया कि इतने बड़े ब्लॉस्ट में यह नहीं देखा जा रहा कि कितने लोग नीचे दबे हुए हैं.
- फारेंसिक एक्सपर्ट ने बताया कि विस्फोट के आग का ताप इतना ज्यादा था कि लोहा भी गल जाए, ऐसे में जो 10 और 11 लोगों की मौत की बात कही जा रही है, यह बताई जा रही है. प्रदेश में गरीब की जान की कीमत नहीं है.
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- इस घटना से स्पष्ट है कि झाबुआ कांड 80 लोगों की मौत हुई थी. उसमें बीजेपी का नेता संदिग्ध था. मामले में जांच आयोग बनाया गया, लेकिन आज तक जांच रिपोर्ट पता नहीं चली.
- पिछली घटनाओं के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने बड़े-बड़े बयान दिए थे, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया, यदि होता तो यह घटना नहीं होती.