Himachal Pradesh Exit Poll Result 2024: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होते ही अलग अलग एग्जिट पोल के आंकड़े भी सामने आ गए हैं. हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्कर है. मंडी के साथ-साथ हमीरपुर सीट भी देशभर में हॉट सीट बनी हुई है. इस सीट पर अनुराग ठाकुर पाचंवी बार चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला सतपाल रायजादा से है. हिमाचल की चारों सीटों पर 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है. हमीरपुर में 70.64 प्रतिशत वोटिंग हुई है.
मतदान समाप्त होते ही देशभर की सभी सीटों के साथ हिमाचल की चारों सीटें के एग्जिट पोल के नतीजे भी देखने मिले, हालांकि एग्जिट पोल मात्र एक आकलन होते हैं. असल नतीजे 4 जून को सामने आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों ने लोगों और राजनीति के गलियारों में हलचल मचा दी है. कुछ एग्जिट पोल ने NDA को 350 से 400 पार तक के आंकड़े पर पहुंचा दिया है. वहीं, हिमाचल के बारे सभी एग्जिट पोल की अलग-अलग राय है. कुछ एग्जिट पोल ने हिमाचल में बीजेपी-कंग्रेस को 2-2 सीटें दी हैं. कुछ एग्जिट पोल ने बीजेपी-3, कांग्रेस को मात्र एक ही सीट दी है. वहीं, कुछ जगह बीजेपी-4, कांग्रेस-0, बीजेपी के खाते में 3 और कांग्रेस के खाते में एक ही सीट दी है.
क्या कहते हैं एग्जिट पोल
हिमाचल को लेकर जारी किए गए सभी एग्जिट पोल में हमीरपुर सीट बीजेपी के खाते में जाने की भविष्यवाणी की गई है. यहां अनुराग ठाकुर पांचवीं बार मैदान में हैं. वहीं, कांग्रेस ने सतपाल रायजादा पर दांव खेला है. सतपाल रायजादा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीतिक पंडित हिमाचल की इस सीट पर पहले से ही मुकाबला एकतरफा मान रहे थे. हालांकि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से की नादौन और हरोली विधानसभा सीट से सीएम और डिप्टी सीएम आते हैं. ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस के बीच इस बार कड़ी टक्कर की उम्मीद लोगों को थी, लेकिन एग्जिट पोल में कांग्रेस यहां इस बार फिर धराशाई होती नजर आ रही है.
एग्जिट पोल में अनुराग ठाकुर को बढ़त
अब तक जारी हुए विभिन्न एजेंसियों और मीडिया हाउसेज के एग्जिट पोल में अनुराग ठाकुर को बढ़त और कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा को पिछड़ता हुआ बताया गया है. एग्जिट पोल की मानें तो जनता ने यहां कमल का साथ दिया है. अनुराग ठाकुर ने लगातार 4 बार कांग्रेस उम्मीदवारों को एकतरफा पटखनी दी है. ऐसे में 400 पार के नारे के बीच उनकी भी इस सीट पर अग्निपरीक्षा थी.
'बागी विधायकों पर ही रहा सीएम का निशाना'
वरिष्ठ पत्रकार ओपी वर्मा ने कहा कि अनुराग की सीट सेफ है. अनुराग केंद्रीय मंत्री, और 4 बार सांसद रहे हैं. देशभर में बड़ा नाम होने के साथ-साथ संसद में प्रखरता से भी अपनी राय रखते रहे हैं और पार्टी का बचाव करने के साथ ही विपक्ष पर हमलावर होते भी देखे गए हैं. हिमचाल के चारों सांसदों में सबसे अधिक एक्टिव अनुराग ठाकुर ही नजर आए हैं. शायद यही वजह है कि जनता उनके जैसा सांसद खोना नहीं चाहती. इसके साथ ही युवाओं के बीच अनुराग की काफी लोकप्रियता है. क्रिकेट और खेल से जुड़कर अनुराग ठाकुर ने अपना नया जनाधार तैयार किया है. साथ ही आज भी निचले हिमाचल में बीजेपी का कैडर प्रेम कुमार धूमल के साथ ही है. वहीं, कांग्रेस के सतपाल रायजादा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. हमीरपुर में कांग्रेस का कोई वर्चस्व नहीं दिखता है. सीएम सुक्खू भी हमीरपुर में रहे, लेकिन बागी विधायकों को ही घेरते नजर आए.
यहां 1996 से नहीं जीती कांग्रेस
1996 में मेजर जनरल विक्रमजीत ने इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार जीत दिलाई थी. इसके बाद से बीजेपी का ही यहां डंका बजता आया है. 1998 के बाद से यहां सुरेश चंदेल तीन बार, प्रेम कुमार धूमल एक बार और अनुराग ठाकुर लगातार चार बार जीत हासिल कर चुके हैं. इस सीट पर बीजेपी के विजयी रथ को जारी रखने का दबाव उनके कंधों पर है, जबकि पूर्व विधायक रहे कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा का ये पहला लोकसभा चुनाव है. 26 साल से ये सीट बीजेपी के कब्जे में है. बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए कांग्रेस ने उन्हें ये जिम्मेदारी दी थी. पिछले चुनाव में अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल ठाकुर को करीब-करीब 4 लाख वोटों से हराया था. जानकारों का मानाना है कि इस बार मोदी लहर 2019 के मुकाबले कम है ऐसे में जीत का अंतर कम हो सकता है, लेकिन जीत अनुराग की होगी.
छाया रहा अग्निवीर का मुद्दा
इस संसदीय क्षेत्रों में सैनिक की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में प्रचार के दौरान यहां अग्निवीर का मुद्दा छाया रहा है. कांग्रेस ने प्रचार के दौरान अग्निवीर के मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश की है. कांग्रेस ने अग्निवीर स्कीम को खत्म करने की चुनावी घोषणा की है. सतपाल रायजादा के लिए प्रियंका गांधी, राहुल गांधी ने जनसभाएं की हैं. कांग्रेस प्रत्याशी ने प्रचार के दौरान अनुराग ठाकुर को हमीरपुर रेल लाइन के मुद्दे पर खूब घेरा है. वहीं, एग्जिट पोल को सच मानें तो इन मुद्दों का बीजेपी के खिलाफ कोई खासा असर नजर नहीं आ रहा है. बता दें कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने हिमाचल में 4-0 से क्लीन स्वीप किया है. इस बार भी बीजेपी हैट्रक लगाने के इरादे से मैदान में उतरी वहीं, कांग्रेस अपना पिछला प्रदर्शन सुधारने के लिए खूब जोर आजमाइश कर रही थी.
क्या होता है एग्जिट पोल
मतदान के बाद हर बार सर्वे के आधार पर राजनीतिक पार्टियों की जीत-हार का अनुमान लगाया जाता है. एग्जिट पोल की सही होने की कभी 100 प्रतिशत पुष्टि नहीं की जा सकती है. कई बार चुनावी नतीजे एग्जिट पोल के विपरीत ही आते हैं. एग्जिट पोल की शुरूआत 80 दशक के बाद से हुई है. 2004, 2009 में एग्जिट पोल फेल हो गए थे, जबकि 2014-2019 में चुनावी और कुछ एग्जिट पोल के नतीजे कुछ हद तक सही रहे थे.