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ज्ञानवापी प्रकरण; आदि विशेश्वर मुख्य वाद पर सुनवाई पूरी, पूरे परिसर के ASI सर्वे की है मांग - ज्ञानवापी एएसआई सर्वे

ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुराने मामले को लेकर बुधवार को पूरे परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) की वैज्ञानिक जांच को लेकर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 7:26 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुराने मामले को लेकर बुधवार को पूरे परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) की वैज्ञानिक जांच को लेकर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. इसके बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. इस मामले के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से संपूर्ण परिसर का सर्वे करने की मांग का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया था. जिस पर आज सुनवाई हुई.

सीनियर जज सिविल डिवीजन फास्ट ट्रैक प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई लगभग दो घंटे तक चली. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 6 माह में मुकदमे के निस्तारण का आदेश दिया था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. वहीं इस मामले में पुराने वादी हरिहर पांडे की मृत्यु के बाद उनके बेटों ने पक्षकार बनने के लिए एप्लीकेशन दी है. इस पर भी सुनवाई हुई. वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इसका विरोध किया है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. पिछली तारीख में वादी पक्ष के वकील गैर हाजिर हुए थे. जिसकी वजह से सुनवाई नहीं हो पाई थी और उन पर हर्जाना भी लगाया गया था.

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल बुक बोर्ड की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है. स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की तरफ से दाखिल 1991 के मुख्य मुकदमे में सीनियर अधिवक्ता और वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई.

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े मुख्य मुकदमे 1991 के स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुराने मामले को लेकर बुधवार को पूरे परिसर के आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ASI) की वैज्ञानिक जांच को लेकर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. इसके बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. इस मामले के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से संपूर्ण परिसर का सर्वे करने की मांग का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया था. जिस पर आज सुनवाई हुई.

सीनियर जज सिविल डिवीजन फास्ट ट्रैक प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई लगभग दो घंटे तक चली. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 6 माह में मुकदमे के निस्तारण का आदेश दिया था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. वहीं इस मामले में पुराने वादी हरिहर पांडे की मृत्यु के बाद उनके बेटों ने पक्षकार बनने के लिए एप्लीकेशन दी है. इस पर भी सुनवाई हुई. वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इसका विरोध किया है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. पिछली तारीख में वादी पक्ष के वकील गैर हाजिर हुए थे. जिसकी वजह से सुनवाई नहीं हो पाई थी और उन पर हर्जाना भी लगाया गया था.

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल बुक बोर्ड की ओर से आपत्ति दाखिल की गई है. स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की तरफ से दाखिल 1991 के मुख्य मुकदमे में सीनियर अधिवक्ता और वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई.

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