ग्वालियर। शहर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के सिंधिया नगर में 25 -26 अप्रैल की दरमियानी रात हुए एक आदिवासी युवक के कत्ल के मामले में परिवार के लोगों ने रविवार को थाने पर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि इस मामले में पुलिस ने सिर्फ तीन लोगों को आरोपी बनाया है. जबकि आरोपियों की संख्या कहीं ज्यादा है. हालांकि पुलिस ने दो आरोपी सुनील एवं अनिल को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन असल मास्टरमाइंड वीरू अभी तक फरार है.
पुलिस ने की पिटाई
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां भांजी है. पुलिस पीड़ित परिवार की सुनने के बजाय आरोपियों का साथ दे रही है. मृतक सोनू आदिवासी के परिवार की महिलाओं का कहना है कि आरोपियों ने पुलिस में लाखों रुपए भर दिए हैं. इस कारण पुलिस आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है. जबकि आरोपी उन्हें धमकाते घूम रहे हैं. महिलाओं ने अपनी चोट दिखाते हुए कहा कि पुलिस ने उनकी फरियाद सुनने के बजाय उन पर ही लाठियां भांज दी.
चाकू घोपकर की हत्या
मामला बिगड़ता देख पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह भी वहां पहुंचे और उन्होंने किसी तरह मामले को समझा बुझाकर शांत कराया. विश्वविद्यालय थाने के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार का कहना है कि ''शादी समारोह में आदिवासी युवक की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी. मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, तीसरे की तलाश की जा रही है.'' उन्होंने कहा कि थाने में हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों को पुलिस द्वारा पीटने की बात गलत है.'' उल्लेखनीय है कि अपनी ममेरी बहन की शादी में सोनू आदिवासी गया था. उसका पूर्व में वीरू आदिवासी और उसके बेटे अनिल एवं सुनील से विवाद हो गया था. जब आरोपियों को सोनू शादी में दिख गया तो उन्होंने उसे किसी बहाने से टेंट के पीछे बुलाया और चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी थी.