ग्वालियर। करीब डेढ़ दशक के इंतजार के बाद आखिरकार नए जिला एवं सत्र न्यायालय भवन का रविवार को लोकार्पण हो गया. इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सुप्रीम कोर्ट के जज जेके माहेश्वरी, प्रदेश के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ, प्रशासनिक न्यायमूर्ति रोहित आर्य जीएस अहलूवालिया सहित अन्य न्यायाधीश एवं विधिक अधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.
अंतिम पायदान के व्यक्ति को मिले सस्सा और सुलभ न्याय
कार्यक्रम का आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपयी कन्वेंशन सेंटर में रखा गया था. खास बात यह है कि नवीन जिला न्यायालय भवन के निर्माण में कई रुकावटें आई थीं. इससे भवन की लागत भी काफी बढ़ गई थी. करीब 115 करोड़ रुपये की लागत से बने इस भवन के निर्माण में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी लगाई गई थी. हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 15 सालों के इंतजार के फलस्वरूप इसका लोकार्पण हो सका है. इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि 'समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय सस्ता, सुलभ एवं जल्द मिले, इसकी परिकल्पना हम सभी के मन मस्तिष्क में होनी चाहिए.'
सिंधिया ने महिलाओं से कानून के क्षेत्र से जुड़ने का किया आव्हान
वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधिक अधिकारियों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने और उन्हें इस क्षेत्र में आने का आव्हान भी किया. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि मंच पर बैठे सभी लोग किसी न किसी रूप में ग्वालियर से जुड़े रहे हैं. उन्होंने खुद को भी गुजरात से जुड़े होकर वहां का अपने को दामाद बताया.