ग्वालियर। ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय छात्र संगठन (NSUI) ने सोमवार को अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. एनएसयूआई के छात्र बड़ी संख्या में जीवाजी यूनिवर्सिटी पहुंचे. इसके बाद यहां हाथों में खाली थैले और कॉलेज लिखे हाथ ठेलों को धकेला. इस दौरान ढोल-तासे भी बजाए गए. एनएसयूआई की मांग है कि विश्वविद्यालय में बढ़ती गड़बड़ियों को लेकर राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए और विश्वविद्यालय में धारा 52 को लागू करना चाहिए.
एसटीएफ ने 6 कॉलेजों के खिलाफ लिया एक्शन
एनएसयूआई ने यह प्रदर्शन कॉलेजों की सम्बद्धता में हुए फर्जीवाड़े को लेकर किया. एनएसयूआई का आरोप है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता हासिल किए कॉलेज बंद थैलों और चलित हाथ ठेलों में संचालित हो रहे हैं. आरोप है कि सम्बद्धता में फर्जीवाड़े में एसटीएफ ने 6 कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. जब जांच के लिए अधिकारी जाते हैं तो कॉलेज या तो कागजों में संचालित मिलते है या बंद थैलों में या फिर जो जगह अनुमति के समय दिखाई जाती है, उसकी जगह दूसरी जगह पर. यही नहीं तीसरी जगह भी कॉलेज फर्जीवाड़े से संचालित होते मिल रहे हैं.
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यूनिवर्सिटी में राज्यपाल शासन लागू करने की मांग
एनएसयूआई नेता वंश माहेश्वरी का कहना है "जिस तरह ठेला कभी यहां, कभी वहां लगाकर संचालित किया जाता है, वैसे ही जीवाजी से सम्बद्धता हासिल कॉलेजों की हालत है. ऐसे में एक ही कैंपस में 4 से 6 कॉलेज संचालित कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. एनएसयआई ने यूनिवर्सिटी में धारा 52 लगा कर राज्यपाल शासन लागू करने की मांग की है. इसके साथ ही दोषी कुलपति और कुलसचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है. एनएसयूआई ने चेतावनी भी दी है कि उनके इस सांकेतिक प्रदर्शन के बाद छात्रहित में कदम नहीं उठाए गए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा."