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छात्रों के वायवा के दौरान जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगी आग, खिड़की तोड़ क्लर्क ने बचाई बच्चों की जान - Gwalior Jiwaji University fire - GWALIOR JIWAJI UNIVERSITY FIRE

जीवाजी यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस भवन में मंगलवार को अचानक आग लग गई. आगजनी के दौरान यूनिवर्सिटी में छात्रों का वायवा चल रहा था जिससे परिसर में अफरा तफरी मच गई. मौके पर क्लर्क ने जान जोखिम में डालकर खिड़की के कांच तोड़ा और बच्चों को बाहर निकाला.

GWALIOR JIWAJI UNIVERSITY FIRE
जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगी भीषण आग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 5:04 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस भवन में मंगलवार सुबह अचानक आग लग गई. आग इतनी तेजी से फैली के कुछ ही मिनटों में भीषण आग ने प्रथम और द्वितीय तल को चपेट में ले लिया. जिसके बाद तत्काल न्यूरोसाइंस भवन परिसर को खाली कराया गया. वहीं, आगजनी की सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और आग को बुझाया गया. आगजनी के समय यूनिवर्सिटी में छात्रों की वायवा परीक्षा चल रही थी, जिससे परिसर में अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानी नहीं हुई है.

छात्रों के वायवा के दौरान जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगी आग (ETV Bharat)

क्लर्क ने खिड़की तोड़ बच्चों को बचाया

जीवाजी विश्वविद्यालय में मंगलवार को एमएससी के छात्रों का न्यूरोसाइंस भवन में वायवा चल रहा था. इसी बीच अचानक धमाके के साथ बिल्डिंग में आग लग गई और कुछ ही देर में आग ने दो मंजिलों को अपनी चपेट में ले लिया. जिसके बाद परिसर में अचानक हर तरफ धुआं और आग देखकर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. क्लर्क निरंजन माहौर ने बताया कि "परीक्षा की वजह से बहुत सारे छात्र अंदर मौजूद थे और जब आग लगी तो नीचे उतरने का रास्ता नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने खिड़की में लगे कांच को तोड़कर छात्रों को किसी तरह बाहर निकाला." खिड़की तोड़ने के दौरान क्लर्क निरंजन माहौर के हाथ में गंभीर चोटें आई हैं.

एसी कंप्रेसर फटने से हुआ हादसा

डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव ने बताया कि "न्यूरोसाइंस भवन में लगे दो एयर कंडीशनर के कंप्रेसर में अचानक ब्लास्ट हो गए और आग लगी. कमिश्नर ने बताया कि उन्हें फोन पर आग लगने की सूचना मिली तो वे उस समय विश्वविद्यालय के पास में ही थे जिससे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई. इसके बाद 8 से 10 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया. लेकिन तब तक बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंच चुका था, हालांकि अब आग पर काबू पा लिया गया है."

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यूनिवर्सिटी में फायर सेफ्टी की लापरवाही

विश्वविद्यालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही भी इस बीच देखने को मिली है, बताया जा रहा है कि जिस परिसर में आग लगी वहां आग बुझाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे. गर्मी के दिनों में शहर के कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं देखने को मिली, बावजूद इसके प्रबंधन ने इससे सीख नहीं ली और परिसर में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं किया. वहीं, जो फायर एक्सटिंग्यूशर सिलेंडर यहां रखे हुए थे वे भी एक्सपायर हो चुके थे. फायर सेफ्टी की कमी इस भीषण आग की बड़ी वजह बनी.

ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस भवन में मंगलवार सुबह अचानक आग लग गई. आग इतनी तेजी से फैली के कुछ ही मिनटों में भीषण आग ने प्रथम और द्वितीय तल को चपेट में ले लिया. जिसके बाद तत्काल न्यूरोसाइंस भवन परिसर को खाली कराया गया. वहीं, आगजनी की सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और आग को बुझाया गया. आगजनी के समय यूनिवर्सिटी में छात्रों की वायवा परीक्षा चल रही थी, जिससे परिसर में अफरा-तफरी मच गई. हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानी नहीं हुई है.

छात्रों के वायवा के दौरान जीवाजी यूनिवर्सिटी में लगी आग (ETV Bharat)

क्लर्क ने खिड़की तोड़ बच्चों को बचाया

जीवाजी विश्वविद्यालय में मंगलवार को एमएससी के छात्रों का न्यूरोसाइंस भवन में वायवा चल रहा था. इसी बीच अचानक धमाके के साथ बिल्डिंग में आग लग गई और कुछ ही देर में आग ने दो मंजिलों को अपनी चपेट में ले लिया. जिसके बाद परिसर में अचानक हर तरफ धुआं और आग देखकर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. क्लर्क निरंजन माहौर ने बताया कि "परीक्षा की वजह से बहुत सारे छात्र अंदर मौजूद थे और जब आग लगी तो नीचे उतरने का रास्ता नहीं मिला. ऐसे में उन्होंने खिड़की में लगे कांच को तोड़कर छात्रों को किसी तरह बाहर निकाला." खिड़की तोड़ने के दौरान क्लर्क निरंजन माहौर के हाथ में गंभीर चोटें आई हैं.

एसी कंप्रेसर फटने से हुआ हादसा

डिप्टी कमिश्नर अतिबल सिंह यादव ने बताया कि "न्यूरोसाइंस भवन में लगे दो एयर कंडीशनर के कंप्रेसर में अचानक ब्लास्ट हो गए और आग लगी. कमिश्नर ने बताया कि उन्हें फोन पर आग लगने की सूचना मिली तो वे उस समय विश्वविद्यालय के पास में ही थे जिससे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाई. इसके बाद 8 से 10 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया. लेकिन तब तक बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंच चुका था, हालांकि अब आग पर काबू पा लिया गया है."

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यूनिवर्सिटी में फायर सेफ्टी की लापरवाही

विश्वविद्यालय प्रबंधन की बड़ी लापरवाही भी इस बीच देखने को मिली है, बताया जा रहा है कि जिस परिसर में आग लगी वहां आग बुझाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे. गर्मी के दिनों में शहर के कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं देखने को मिली, बावजूद इसके प्रबंधन ने इससे सीख नहीं ली और परिसर में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं किया. वहीं, जो फायर एक्सटिंग्यूशर सिलेंडर यहां रखे हुए थे वे भी एक्सपायर हो चुके थे. फायर सेफ्टी की कमी इस भीषण आग की बड़ी वजह बनी.

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