ग्वालियर: हाथ में रायफल, कांधे पर कारतूसों की लड़ी और डकैत पर बंदूक ताने गणपति बप्पा की प्रतिमा चंबल के ग्वालियर में विराजमान है. शहर के हजीरा क्षेत्र में गौसपुरा गणेश उत्सव आयोजन समिति ने यह अनोखी प्रतिमा पंडाल में स्थापित की है. समिति के सदस्यों का कहना है कि गणेश जी का यह स्वरूप उन्होंने बहुत सोच समझ कर तैयार कराया है. पहले वे वर्ल्ड कप थीम पर गणेश जी की प्रतिमा लेकर आने वाले थे, लेकिन वह संभव नहीं हो सका. इसलिए इस स्वरूप की प्रतिमा का चुनाव किया.
क्यों गणेश जी ने हाथ में पकड़ी बंदूक
आखिर यहां भगवान गणेश ने हाथ में बंदूक पकड़ी है और इसके पीछे क्या उद्देश्य है? जब यह सवाल हमने आयोजन समिति के सदस्यों से किया तो उनका कहना था कि "लगातार चंबल क्षेत्र में क्राइम बढ़ रहा है. बंदूक से इस क्षेत्र का पुराना नाता है. आज अपराधी रायफल और बंदूकों का उपयोग गलत इरादों से करते हैं. ऐसे में यह उनको एक चेतावनी है कि भगवान गणेश के आगे कोई भी टिक नहीं सकता है."
रायफल भी एक अस्त्र
गणेश भक्तों का कहना है कि "हमेशा से ही भगवान के हाथ में कोई न कोई अस्त्र होता है. रायफल भी एक तरह का अस्त्र ही है. इसकी भी सभी लोग पूजा करते हैं. इसलिए नई सोच के हिसाब से हमने गणेश जी को रायफल के साथ विराजमान किया है."
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अपराधियों के खात्मे के लिए उठायी बंदूक
सोशल मीडिया पर इन दिनों जिस तरह चंबल के युवा हाथ में हथियार लहराते दिखाई देते हैं. कई तरह की रील्स बनाते हैं. ठीक वैसे ही स्वरूप में यहां भगवान गणेश को देखा जा रहा है. इसकी तुलना करने पर आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि "भगवान यहां दबंगई नहीं दिखा रहे है. वे तो राक्षस रूपी डकैत पर बंदूक ताने खड़े हैं और चेतावनी दे रहे हैं, कि वे अपराध कम करने आये हैं. वे बता रहे हैं कि अगर हथियार अपराधी उठा सकते हैं, तो गणेश जी भी उनको खत्म करने के लिए बंदूक उठा सकते हैं."