ग्वालियर। जिले के मुरार क्षेत्र में स्थित आदर्श गौशाला मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला है. यह गौशाला नगर निगम के अधीन है, लेकिन संतों द्वारा संचालित इस गौशाला का माहौल शहर से बिल्कुल अलग है. यहां गोवंशों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिन्हें देखकर गर्मी को भी ठंडक का अहसास होने लगता है. असल में इस भीषण गर्मी को देखते हुए आदर्श गौशाला में राजस्थान की तरह ही जानवरों को बचाने की तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.
ठंडक के लिए लगवाए फव्वारे
गौशाला में गो सेवा कर रहे संत मधुरेंद्रान्द बताते हैं कि ''इस बार गर्मी प्रचंड रूप दिखा रही है. मानव तो बुद्धिमता अनुसार इससे बचाव का उपाय कर लेते हैं. घर में ठंडक पा लेते हैं, लेकिन बेचारे ये पशु पक्षी कहां आसरा लें. इसलिए इस बार आदर्श गौशाला के गोसेवकों ने गौवंश को ठंडक पहुंचाने और गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए खास इंतजाम किए हैं. गौशाला में ठंडी हवा के लिये बड़े बड़े कूलर लगवाये गए हैं. साथ ही लू का असर कम करने के लिए पानी के फव्वारे लगाए गये हैं. जिनसे शेड की छत से लगातार पानी की फुहार निकलती रहती है और कूलर पंखों की हवा से उन्हें ठंडक मिलती रहती है.''
खाने में दिए जा रहे तरबूज़-ककड़ी
गर्मी के मौसम लू और गर्मी से बचाने के लिए आम तौर पर लोग ठंडे पेय पदार्थ और ठंडी तासीर का भोजन करते हैं. जिससे इस मौसम में अस्वस्थ होने का खतरा नहीं रहता. ठीक उसी तरह मवेशियों के लिए भी सही भोजन अत्यंत जरूरी होता है. इस बात का भी ध्यान इस गौशाला में संत गोसेवक रख रहे हैं. इन दिनों गौशाला के गोवंश को भोजन में आम दिनों में मिलने वाले भूसे के अलावा शीतलता देने वाला भोजन दिया जा रहा है. इन गोवंशों को खासकर छोटे गोवंशों में गर्मी की वजह से पानी की कमी ना हो इसलिए हरे चारे के साथ खीरा, तरबूज, ककड़ी जैसे फल खिलाए जा रहे हैं.
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प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला है आदर्श गौशाला
बता दें कि, ग्वालियर के मुरार क्षेत्र के लाल टिपारा में स्थित आदर्श गौशाला प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला मानी जाती है. इस गौशाला में बीमार और चोटिल गौवंश को इलाज के लिए लाया जाता है और इलाज के बाद उनकी देख रेख और सेवा भी यहीं की जाती है. कहने को यह गौशाला ग्वालियर नगर निगम के अंतर्गत आती है लेकिन वर्तमान में इस गौशाला में करीब 8000 गौवंश की सेवा यहां रहने वाले संत और गोसेवक करते हैं.