गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में एक बार फिर बिल्डर की मनमानी और उत्पीड़न से परेशान होकर लोग सड़कों पर उतरे हैं. यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 83 के जाने-माने बिल्डर अंसल और सम्यक बिल्डर से जुड़ा है. जहां 11 साल बाद भी लोगों को अभी तक उनकी गाढ़ी कमाई के बदले प्रॉपर्टी नहीं मिली है. यहां तक की हरेरा और तमाम दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं हुआ, तो लोगों ने आज मजबूरन सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.
बिल्डर की मनमानी: दरअसल, 2013 में अंसल बिल्डर ने लोगों को सेक्टर 83 के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में दुकान बेची थी. जिसका पोजीशन 2018 में मिला था. इसी दौरान अंसल ने दूसरे बिल्डर सम्यक के साथ एग्रीमेंट किया और लोगों से उसे प्रोजेक्ट की कीमत वसूलता रहा. लेकिन जब पोजीशन देने की बात आई, तो अंसल और सम्यक दोनों ने ही मिलीभगत कर लोगों को गुमराह करना शुरू कर दिया. अब हालात ये हो गए हैं की 11 साल बाद भी लोगों को ना तो उनका पैसा वापस मिल पाया है और ना ही अपनी दुकान मिली है.
बिल्डरों की मनमानी: लोगों की मानें तो उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई सिर्फ इसलिए ही इस प्रोजेक्ट में लगाई थी, ताकि वे अपना रोजगार कर सके. लेकिन बिल्डर ने उनको कहीं का नहीं छोड़ा. अब हालात ये हो गए हैं कि उन्हें दर-दर ठोकरें खानी पड़ रही है. बहरहाल बिल्डर की मनमानी का यह कोई पहला मामला नहीं है. हरेरा बनने के बावजूद भी बिल्डर की मनमानी रोकने में अभी तक सरकार विफल रही है.
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