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सावधान! पुलिस के भेष में टहल रहे लुटेरे, हरियाणा से यूपी तक खौफ, 50 से ज्यादा वारदात - FAKE POLICEMAN IN GURUGRAM

रात में हाईवे से गुजरते हैं तो किसी से लिफ्ट लेते समय सावधान रहें. पुलिस के भेष में टहल रहे 3 लुटेरे पकड़े गये हैं.

FAKE POLICEMAN IN GURUGRAM
गिरफ्तार आरोपी. (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 14, 2024, 10:46 PM IST

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लूट करने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी सबसे पहले लिफ्ट देने के बहाने पीड़ित को अपनी गाड़ी में बैठाते थे. सवारी को अपना परिचय पुलिसकर्मी के रूप देकर पहले उनके सामान की तलाशी लेते थे. उसके बाद उनका कीमती सामान और कैश लूट लेते थे. ये लोग करीब 50 वारदात को अंजाम दे चुके हैं.

हाईवे पर करते थे लूट

गुरुग्राम पुलिस को मानेसर थाने में शिकायत मिली थी, जिसमे एक युवक ने बताया कि 11-12 अक्टूबर की दरमियानी रात को वो मानेसर के नजदीक हाईवे पर लिफ्ट के इंतजार में खड़ा हुआ था. तभी वहां एक गाड़ी आई, जिसमें तीन व्यक्ति बैठे हुए थे. उन्होंने युवक को गाड़ी में बिठाया और उसे गंतव्य तक छोड़ने की बात कही. लेकिन कुछ दूर चलने पर ही तीनों युवकों ने चाकू दिखाकर उससे लूटपाट कर ली. जिसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.

तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले

गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों को गांव शिकोहपुर, गुरुग्राम से काबू करने में सफलता हासिल की. आरोपियों की पहचान रमेश, गंगाराम उर्फ सनी और के. सेलवराज के रूप में हुई है. तीनों निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली के रहने वाले हैं.

खुद को बताते थे पुलिसकर्मी

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये किसी अकेले व्यक्ति को अपना निशाना बनाते थे. फिर उस व्यक्ति को सवारी के रूप में अपनी गाड़ी में बैठा लेते थे और सवारी को अपना परिचय पुलिसकर्मी के रूप में देते थे. फिर ये अपने मोबाईल फोन में पहले से रिकॉर्ड की गई एक वीडियो चलाते थे, जिसमें किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए सवारियों को, उनके समान को चेक करने की बात रिकॉर्ड होती थी. उसके बाद सवाली के सामान की तलाशी लेते और धोखाधड़ी से उसका सामान, पर्स, नगदी इत्यादि निकाल लेते थे.

लूटने के बाद सवारी को छोड़कर फरार हो जाते

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में दिल्ली NCR, केएमपी एक्सप्रेस-वे और उत्तर-प्रदेश से इस तरह की करीब 50 वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया है. आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि आरोपी रमेश पर चोरी करने, शस्त्र अधिनियम, धोखाधड़ी के संबंध में 3 मुकदमे दिल्ली में दर्ज हैं और आरोपी सेलवराज पर चोरी करने के संबंध में एक मुकदमा दिल्ली में पहले भी दर्ज है.

आरोपियों से ये सामान हुआ बरामद

पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने में प्रयोग की गई एक ईको स्पोर्ट कार, 1 चाकू और कुछ पीड़ितों के आधार कार्ड समेत, ड्राइविंग लाइसेंस, 7 हजार रुपयों की नगदी बरामद की गई है.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर साइबर ठग, स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर लोगों को लगाता था चूना

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम में दिनदहाड़े बाइक सवार पर दाग दी 4 गोलियां, घटना CCTV में कैद

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में फर्जी पुलिसकर्मी बनकर लूट करने वाले 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी सबसे पहले लिफ्ट देने के बहाने पीड़ित को अपनी गाड़ी में बैठाते थे. सवारी को अपना परिचय पुलिसकर्मी के रूप देकर पहले उनके सामान की तलाशी लेते थे. उसके बाद उनका कीमती सामान और कैश लूट लेते थे. ये लोग करीब 50 वारदात को अंजाम दे चुके हैं.

हाईवे पर करते थे लूट

गुरुग्राम पुलिस को मानेसर थाने में शिकायत मिली थी, जिसमे एक युवक ने बताया कि 11-12 अक्टूबर की दरमियानी रात को वो मानेसर के नजदीक हाईवे पर लिफ्ट के इंतजार में खड़ा हुआ था. तभी वहां एक गाड़ी आई, जिसमें तीन व्यक्ति बैठे हुए थे. उन्होंने युवक को गाड़ी में बिठाया और उसे गंतव्य तक छोड़ने की बात कही. लेकिन कुछ दूर चलने पर ही तीनों युवकों ने चाकू दिखाकर उससे लूटपाट कर ली. जिसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.

तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले

गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों को गांव शिकोहपुर, गुरुग्राम से काबू करने में सफलता हासिल की. आरोपियों की पहचान रमेश, गंगाराम उर्फ सनी और के. सेलवराज के रूप में हुई है. तीनों निवासी त्रिलोकपुरी, दिल्ली के रहने वाले हैं.

खुद को बताते थे पुलिसकर्मी

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये किसी अकेले व्यक्ति को अपना निशाना बनाते थे. फिर उस व्यक्ति को सवारी के रूप में अपनी गाड़ी में बैठा लेते थे और सवारी को अपना परिचय पुलिसकर्मी के रूप में देते थे. फिर ये अपने मोबाईल फोन में पहले से रिकॉर्ड की गई एक वीडियो चलाते थे, जिसमें किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को काबू करने के लिए सवारियों को, उनके समान को चेक करने की बात रिकॉर्ड होती थी. उसके बाद सवाली के सामान की तलाशी लेते और धोखाधड़ी से उसका सामान, पर्स, नगदी इत्यादि निकाल लेते थे.

लूटने के बाद सवारी को छोड़कर फरार हो जाते

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में दिल्ली NCR, केएमपी एक्सप्रेस-वे और उत्तर-प्रदेश से इस तरह की करीब 50 वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया है. आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि आरोपी रमेश पर चोरी करने, शस्त्र अधिनियम, धोखाधड़ी के संबंध में 3 मुकदमे दिल्ली में दर्ज हैं और आरोपी सेलवराज पर चोरी करने के संबंध में एक मुकदमा दिल्ली में पहले भी दर्ज है.

आरोपियों से ये सामान हुआ बरामद

पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से वारदात को अंजाम देने में प्रयोग की गई एक ईको स्पोर्ट कार, 1 चाकू और कुछ पीड़ितों के आधार कार्ड समेत, ड्राइविंग लाइसेंस, 7 हजार रुपयों की नगदी बरामद की गई है.

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