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अब काशी के गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प, अलग-अलग फेजों में किए जाएंगे तैयार - Gurudwara and Jain temples

काशी में एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इसके तहत अब (Gurudwara and Jain temples in Varanasi) गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बुद्ध मंदिरों को संरक्षित करने की शुरुआत की जाएगी.

गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प
गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 8:37 AM IST

वाराणसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिरों के बाद अन्य धार्मिक स्थलों के कायाकल्प की पहल शुरू कर दी है. जिसके तहत धर्मनगरी काशी में आधा दर्जन से ज्यादा जैन व बुद्ध मंदिरों के साथ गुरुद्वारे को नए कलेवर में तैयार किया जा रहा है. खास बात यह है कि, यहां पर आने वाले पर्यटकों को सामान्य सुविधाओं के साथ-साथ इन मंदिरों के संरक्षण को लेकर भी बढ़ावा दिया जाएगा. जिसके तहत बाकायदा सरकार की ओर से बजट पास कर दिया गया है. आगामी 2 वर्षों में इस बड़े प्रोजेक्ट को तैयार कर दिया जाएगा.

नए प्रोजेक्ट की शुरुआत
नए प्रोजेक्ट की शुरुआत (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)



बता दें कि, वाराणसी को धर्म इतिहास की नगरी भी कहा जाता है. यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों को निहारने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार लगातार यहां के विरासतों को सहेजने की कवायद में जुटा है, जिसके तहत तमाम हिंदू मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. इसी क्रम में एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है, जिसमें काशी में मौजूद गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बौद्ध मंदिरों के संरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू होगी. अलग-अलग फेजों में इसे तैयार किया जाएगा. लगभग 20 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में मौजूद प्राचीन अलग-अलग धर्म के मंदिरों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इनका कायाकल्प कराया जाएगा.

गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प
गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)


अब नए कलेवर में दिखेंगे मंदिर : इस बारे में पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं कि, वाराणसी में मंदिरों को सहेजने की प्रक्रिया लंबे वक्त से चल रही है. लगभग दर्जन भर से ज्यादा हिंदू मंदिरों को योजना के तहत संरक्षित किया गया है और इसी के तहत अब गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बुद्ध मंदिरों को संरक्षित करने की शुरुआत की जाएगी. लगभग 20 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट है. सरकार को इसकी संस्तुति भेजी गई है. जल्द यह संरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले फेज में चार गुरुद्वारा, आधा दर्जन जैन मंदिर व चार बुद्ध मंदिर को लिया गया है.

गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प
गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)

मिलेंगी ये सुविधाएं : इन मंदिरों में बैठने की सुविधा से लेकर चलने के लिए रैंप, पानी की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, फसाद लाइट, छोटा ग्रीनरी पार्क, छोटी पार्किंग, यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही मंदिरों को सहेजा जाएगा. इनकी मरम्मत कराई जाएगी और इनको नए कलेवर के रूप में आम जनमानस के लिए तैयार किया जाएगा.

यहां के मंदिरों के बदलेंगे स्वरूप : उन्होंने बताया कि वाराणसी में जैन मंदिरों की बात करें तो सारनाथ, भेलूपुर, भदैनी, चिंतामणि, चंद्रावती, पंचायती, बिहारी लाल, महावीर नारिया और खोजवा में मौजूद जैन मंदिरों को संरक्षित कराया जाएगा. इसके साथ ही चंदौली के भी एक जैन मंदिर को लिया गया है. वहीं, गुरु बाग नीचे बाग सारनाथ में मौजूद बौद्ध मंदिर व गरूद्वारे को भी संरक्षित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : प्रवास यात्रा में जैन संत सुधा सागर से मुस्लिम युवक ने की अभद्रता, जैन समाज में आक्रोश

यह भी पढ़ें : जैन मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू, मर्यादित कपड़े पहनकर आने पर ही मिलेगा प्रवेश

वाराणसी : उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिरों के बाद अन्य धार्मिक स्थलों के कायाकल्प की पहल शुरू कर दी है. जिसके तहत धर्मनगरी काशी में आधा दर्जन से ज्यादा जैन व बुद्ध मंदिरों के साथ गुरुद्वारे को नए कलेवर में तैयार किया जा रहा है. खास बात यह है कि, यहां पर आने वाले पर्यटकों को सामान्य सुविधाओं के साथ-साथ इन मंदिरों के संरक्षण को लेकर भी बढ़ावा दिया जाएगा. जिसके तहत बाकायदा सरकार की ओर से बजट पास कर दिया गया है. आगामी 2 वर्षों में इस बड़े प्रोजेक्ट को तैयार कर दिया जाएगा.

नए प्रोजेक्ट की शुरुआत
नए प्रोजेक्ट की शुरुआत (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)



बता दें कि, वाराणसी को धर्म इतिहास की नगरी भी कहा जाता है. यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों को निहारने के लिए आते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार लगातार यहां के विरासतों को सहेजने की कवायद में जुटा है, जिसके तहत तमाम हिंदू मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. इसी क्रम में एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है, जिसमें काशी में मौजूद गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बौद्ध मंदिरों के संरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू होगी. अलग-अलग फेजों में इसे तैयार किया जाएगा. लगभग 20 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में मौजूद प्राचीन अलग-अलग धर्म के मंदिरों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर इनका कायाकल्प कराया जाएगा.

गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प
गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)


अब नए कलेवर में दिखेंगे मंदिर : इस बारे में पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं कि, वाराणसी में मंदिरों को सहेजने की प्रक्रिया लंबे वक्त से चल रही है. लगभग दर्जन भर से ज्यादा हिंदू मंदिरों को योजना के तहत संरक्षित किया गया है और इसी के तहत अब गुरुद्वारा, जैन मंदिर व बुद्ध मंदिरों को संरक्षित करने की शुरुआत की जाएगी. लगभग 20 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट है. सरकार को इसकी संस्तुति भेजी गई है. जल्द यह संरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले फेज में चार गुरुद्वारा, आधा दर्जन जैन मंदिर व चार बुद्ध मंदिर को लिया गया है.

गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प
गुरुद्वारे और जैन मंदिरों का होगा कायाकल्प (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)

मिलेंगी ये सुविधाएं : इन मंदिरों में बैठने की सुविधा से लेकर चलने के लिए रैंप, पानी की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था, फसाद लाइट, छोटा ग्रीनरी पार्क, छोटी पार्किंग, यहां आने वाले श्रद्धालुओं पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही मंदिरों को सहेजा जाएगा. इनकी मरम्मत कराई जाएगी और इनको नए कलेवर के रूप में आम जनमानस के लिए तैयार किया जाएगा.

यहां के मंदिरों के बदलेंगे स्वरूप : उन्होंने बताया कि वाराणसी में जैन मंदिरों की बात करें तो सारनाथ, भेलूपुर, भदैनी, चिंतामणि, चंद्रावती, पंचायती, बिहारी लाल, महावीर नारिया और खोजवा में मौजूद जैन मंदिरों को संरक्षित कराया जाएगा. इसके साथ ही चंदौली के भी एक जैन मंदिर को लिया गया है. वहीं, गुरु बाग नीचे बाग सारनाथ में मौजूद बौद्ध मंदिर व गरूद्वारे को भी संरक्षित किया जाएगा.

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