वाराणसी : रंगभरी एकादशी पर 20 मार्च को वाराणसी के टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर होने वाले गौना बारात के दौरान बाबा विश्वनाथ और गौरा की चल प्रतिमा को इस बार काठियावाड़ी खादी परिधान धारण कराए जाएंगे. माता गौरा के लिए कांजीवरम साड़ी खासकर भेंट की गई है. वहीं, इस लौकिक परंपरा के लोकाचार्य की शुरुआत भी रविवार की रात हो गई. बाबा के पालकी पूजन के साथ महंत परिवार ने इस उत्सव की शुरुआत कर दी है और आज माता गौरा को तेल हल्दी लगाकर उन्हें तैयार करने की शुरुआत की जाएगी.
![गुजराती भक्त ने मां के लिए भेजा काठियावाड़ी परिधान.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-03-2024/up-var-1-mataa-gauna-7200982_18032024081500_1803f_1710729900_740.jpg)
शिवांजलि के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया कि काठियावाड़ से आए बाबा के परिधान को वाराणसी के कारीगर विनोदलाल सजा रहे हैं. गौना के लिए महंत आवास पर होने वाले कर्मकांड के दौरान बाबा और गौरा की चल प्रतिमाओं को यही जोड़ा धारण कराया जाएगा. इस उत्सव के लोकाचार का प्रारंभ गौरा की हल्दी तेल की रस्म संग 18 मार्च (सोमवार) को होगी. रंगभरी एकादशी पर काशीपुराधीश्वर संग माता गौरा के गौना के पारंपरिक आयोजन से पूर्व गौरा को महंत आवास पर हल्दी लगाई जाएगी. कार्यक्रम टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर सायंकाल 6:45 बजे आरंभ होगा. 19 मार्च को गौना बारात का आगमन महंत आवास पर होगा और 20 मार्च को गौरा के गौने का लोकाचार होगा.
वहीं, रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती संग प्रथमेश की चल प्रतिमा की पालकी यात्रा के निमित्त होने वाले लोकाचार पालकी पूजन के साथ रविवार को शुरू हो गई है. टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर एक तरफ जहां बाबा की पारंपरिक पालकी की साफ सफाई के बाद पूजन किया गया. रविवार को पालकी और सिंहासन का पूजन पं. वाचस्पति तिवारी ने किया. पूजन पं. सुशील त्रिपाठी के आचार्यत्व में पांच वैदिक ब्राह्मणों ने कराया. वहीं, कोलकाता से लाए गए ‘देव किरिट’ और काठियावाड़ से भेजे गए शिव पार्वती के राजसी परिधानों को तैयार कर लिया गया है. दशाश्वमेध में महादेव के राजसी वस्त्र विनोद मास्टर तैयार कर रहे हैं. यह दायित्व निभाने वाले टेलर मास्टर विनोद अपने परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं.
महंत पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि गौरा के गौना के लिए महाशिवरात्रि के बाद महंत आवास गौरा-सदनिका में परिवर्तित हो जाता है. 18 मार्च को महंत आवास पर माता गौरा की प्रतिमा के पूजन के बाद गौना की हल्दी होगी. गौनहारिनों की टोली मंगल गीत गाएगी. गौना के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा को परंपरागत खादी से बनी राजसी पोशाक धारण कराया जाएगा.