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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024: गुजरात की सिमरन ने पंचगव्य प्रोडक्ट की लगाई स्टॉल, गौ रक्षा का चला रही मुहिम - INTERNATIONAL GITA FESTIVAL 2024

गीता महोत्सव में गुजरात की सिमरन के स्टॉल पर काफी लोग पहुंच रहे हैं. सिमरन ने पंचगव्य प्रोडक्ट की स्टॉल लगाई है.

International Gita Festival 2024
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 5, 2024, 8:30 AM IST

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का आगाज 28 नवंबर से ही हो चुका है. 15 दिसंबर तक ये महोत्सव जारी रहेगा. आज से लेकर 11 दिसंबर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य कई मुख्य कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसको लेकर कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस बीच अलग-अलग राज्यों से आए लोगों का सैंकड़ों स्टॉल लोगों को काफी भा रहा है. इन महोत्सव में गुजरात की एक महिला का स्टॉल लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

गुजरात के सिमरन का कुरुक्षेत्र में स्टॉल: दरअसल गुजरात से कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में सिमरन आर्य पहुंची है. ये महिला गाय को बचाने के लिए चलाई बड़ी मुहिम चला रही हैं. ये पंचगव्य से केमिकल रहित प्रोडक्ट तैयार करती हैं. 50 से अधिक प्रोडक्ट लेकर सिमरन अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंची है. उनका स्टॉल लोगों को अपनी ओर खींच रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (ETV Bharat)

ऐसे मिली प्रेरणा: ईटीवी भारत ने गुजरात से आई सिमरन से बातचीत की. सिमरन ने बताया कि कई साल पहले मुझे दिल की बीमारी हो गई थी. डॉक्टर से इलाज करा तो रही थी, लेकिन कोई सुधार नहीं आया. फिर मैंने पंचगव्य से तैयार प्रोडक्ट को यूज करना शुरू किया. उसके मुझे बेहतर रिजल्ट मिले. फिलहाल मैं काफी स्वस्थ हूं. अपने हेल्थ में हुए सुधार से ही मुझे प्रेरणा मिली. मैंने सोचा क्यों न लोगों को भी पंचगव्य से तैयार प्रोडक्ट मुहैया कराई जाए, ताकि वे केमिकल रहित प्रोडक्ट से खुद को स्वस्थ रख सकें.

50 से अधिक प्रोडक्ट किए हैं तैयार: सिमरन ने आगे कहा, "मैं एक संस्था के साथ जुड़ी हुई हूं. संस्था गुजरात में गौशाला भी चला रहे हैं. संस्था का लक्ष्य है कि गाय को बचाया जाए और लोगों को गाय के महत्व को समझाया जाए. इसके साथ ही हर इंसान गाय के महत्व को समझे कि कैसे गाय के पंचगव्य से बने प्रोडक्ट लोगों के जीवन की रक्षा करता है. पंचगव्य से हमने 50 से अधिक प्रोडक्ट तैयार किया है, जिसमें हम पंचगव्य में अन्य औषधि मिलाकर उनको तैयार करते हैं. उन औषधियों को हम लोगों तक पहुंचाते हैं. उनका अच्छा रिजल्ट भी सामने आ रहा है. लोग उनके प्रोडक्ट्स को काफी खरीद भी रहे हैं."

गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र पंचगव्य में आता है. पंचगव्य से अगरबत्ती, कफ सिरप, साबुन, दिए, फेस पैक, हेयर ऑयल सहित करीब 50 प्रोडक्ट तैयार किया जाता है. इसमें बची हुई सामग्री को आसानी से डिस्पोज किया जाता है, जिसमें पर्यावरण स्वच्छ रहता है. हम पर्यावरण को बचाने के लिए भी काम कर रहे हैं, ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ बना रहे. -सिमरन आर्य

कई महिलाओं को बना चुकी हैं आत्मनिर्भर: सिमरन ने आगे कहा कि मेरे पास लगातार 30 महिलाएं काम करती है. ये पंचगव्य से प्रोडक्ट तैयार करती हैं. इनको हमने पहले ट्रेनिंग दिया था. अब ये खुद का रोजगार स्थापित कर चुकी हैं. इनको हमने मुफ्त में ट्रेनिंग दिया था.हमारा मुख्य उद्देश्य है कि सिर्फ हमारी संस्था ही नहीं बल्कि देश की अन्य महिला भी गाय से मिलने वाले पंचगव्य से प्रोडक्ट तैयार करें, जिससे गौमाता की भी रक्षा होती है. वह रोजगार भी स्थापित कर सकती हैं.

ऑनलाइन भी बेचती हैं प्रोडक्ट: सिमरन पिछले कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र आती है. यहां उनके प्रोडक्ट लोग काफी पसंद करते है. वो ऑनलाइन भी पूरे भारत में अपने प्रोडक्ट को बेचती हैं. गुजरात की सिमरन का लक्ष्य है कि गाय की रक्षा हो. गायों को सड़क पर न छोड़कर लोग उनको घर में पाले. इससे न सिर्फ गौरक्षा होगी बल्कि लोगों का हेल्थ भी अच्छा रहेगा.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024: उत्तराखंड की अनीता का स्टॉल बना आकर्षण का केन्द्र, दिव्यांगों की कला के मुरीद हुए लोग

कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 का आगाज 28 नवंबर से ही हो चुका है. 15 दिसंबर तक ये महोत्सव जारी रहेगा. आज से लेकर 11 दिसंबर तक सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य कई मुख्य कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसको लेकर कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में तैयारियां जोरों पर चल रही है. इस बीच अलग-अलग राज्यों से आए लोगों का सैंकड़ों स्टॉल लोगों को काफी भा रहा है. इन महोत्सव में गुजरात की एक महिला का स्टॉल लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है.

गुजरात के सिमरन का कुरुक्षेत्र में स्टॉल: दरअसल गुजरात से कुरुक्षेत्र गीता महोत्सव में सिमरन आर्य पहुंची है. ये महिला गाय को बचाने के लिए चलाई बड़ी मुहिम चला रही हैं. ये पंचगव्य से केमिकल रहित प्रोडक्ट तैयार करती हैं. 50 से अधिक प्रोडक्ट लेकर सिमरन अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंची है. उनका स्टॉल लोगों को अपनी ओर खींच रहा है.

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (ETV Bharat)

ऐसे मिली प्रेरणा: ईटीवी भारत ने गुजरात से आई सिमरन से बातचीत की. सिमरन ने बताया कि कई साल पहले मुझे दिल की बीमारी हो गई थी. डॉक्टर से इलाज करा तो रही थी, लेकिन कोई सुधार नहीं आया. फिर मैंने पंचगव्य से तैयार प्रोडक्ट को यूज करना शुरू किया. उसके मुझे बेहतर रिजल्ट मिले. फिलहाल मैं काफी स्वस्थ हूं. अपने हेल्थ में हुए सुधार से ही मुझे प्रेरणा मिली. मैंने सोचा क्यों न लोगों को भी पंचगव्य से तैयार प्रोडक्ट मुहैया कराई जाए, ताकि वे केमिकल रहित प्रोडक्ट से खुद को स्वस्थ रख सकें.

50 से अधिक प्रोडक्ट किए हैं तैयार: सिमरन ने आगे कहा, "मैं एक संस्था के साथ जुड़ी हुई हूं. संस्था गुजरात में गौशाला भी चला रहे हैं. संस्था का लक्ष्य है कि गाय को बचाया जाए और लोगों को गाय के महत्व को समझाया जाए. इसके साथ ही हर इंसान गाय के महत्व को समझे कि कैसे गाय के पंचगव्य से बने प्रोडक्ट लोगों के जीवन की रक्षा करता है. पंचगव्य से हमने 50 से अधिक प्रोडक्ट तैयार किया है, जिसमें हम पंचगव्य में अन्य औषधि मिलाकर उनको तैयार करते हैं. उन औषधियों को हम लोगों तक पहुंचाते हैं. उनका अच्छा रिजल्ट भी सामने आ रहा है. लोग उनके प्रोडक्ट्स को काफी खरीद भी रहे हैं."

गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र पंचगव्य में आता है. पंचगव्य से अगरबत्ती, कफ सिरप, साबुन, दिए, फेस पैक, हेयर ऑयल सहित करीब 50 प्रोडक्ट तैयार किया जाता है. इसमें बची हुई सामग्री को आसानी से डिस्पोज किया जाता है, जिसमें पर्यावरण स्वच्छ रहता है. हम पर्यावरण को बचाने के लिए भी काम कर रहे हैं, ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ बना रहे. -सिमरन आर्य

कई महिलाओं को बना चुकी हैं आत्मनिर्भर: सिमरन ने आगे कहा कि मेरे पास लगातार 30 महिलाएं काम करती है. ये पंचगव्य से प्रोडक्ट तैयार करती हैं. इनको हमने पहले ट्रेनिंग दिया था. अब ये खुद का रोजगार स्थापित कर चुकी हैं. इनको हमने मुफ्त में ट्रेनिंग दिया था.हमारा मुख्य उद्देश्य है कि सिर्फ हमारी संस्था ही नहीं बल्कि देश की अन्य महिला भी गाय से मिलने वाले पंचगव्य से प्रोडक्ट तैयार करें, जिससे गौमाता की भी रक्षा होती है. वह रोजगार भी स्थापित कर सकती हैं.

ऑनलाइन भी बेचती हैं प्रोडक्ट: सिमरन पिछले कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र आती है. यहां उनके प्रोडक्ट लोग काफी पसंद करते है. वो ऑनलाइन भी पूरे भारत में अपने प्रोडक्ट को बेचती हैं. गुजरात की सिमरन का लक्ष्य है कि गाय की रक्षा हो. गायों को सड़क पर न छोड़कर लोग उनको घर में पाले. इससे न सिर्फ गौरक्षा होगी बल्कि लोगों का हेल्थ भी अच्छा रहेगा.

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