पटना: बिहार में एक अप्रैल से अतिथि शिक्षक काम नहीं कर सकेंगे. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर पत्र जारी किया था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि बिहार में अतिथि शिक्षक की जरूरत नहीं है. इसके बाद आज एक अप्रैल को सैकड़ों की संख्या में अतिथि शिक्षक राजधानी पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं. सबसे पहले मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया. यहां से खदेड़े जाने के बाद सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे.
फिर से बहाल करने की मांगः सेवा से हटाये गये अतिथि शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में आए अतिथि शिक्षकों का कहना था कि सरकार ने हमें अचानक नौकरी से हटा दिया है. अब हम लोग क्या करेंगे. सरकार को यह सोचना चाहिए बड़ी संख्या में महिला भी अतिथि शिक्षक के रूप में काम कर रही थी. बीजेपी कार्यालय के सामने फिर से बहाल करने के मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
अचानक से हटा दिया गया: समस्तीपुर से आई सविता देवी का कहना था कि वर्ष 2018 से हम लोग अतिथि शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे. सरकार द्वारा राशि भी दी जा रही थी. अब अचानक से सरकार नौकरी से हटा दिया. जो की गलत है. मुजफ्फरपुर से आई सरिता देवी का कहना था कि किस मुंह से घर जाएंगे. लोगों को क्या कहेंगे. पहले हम अतिथि शिक्षक थे और अब कुछ नहीं है.
आगे भी धरना प्रदर्शन की धमकीः प्रदर्शनकारियों ने कहना था कि फिर से उन लोगों को बहाल किया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो वे लोग ऐसे ही धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का कहना था कि सरकार को उन लोगों की मांग पर सोचना पड़ेगा. क्योंकि अब कहीं नौकरी के लिए अप्लाय करने की उम्र खत्म हो गयी है. कहीं नौकरी नहीं कर सकते हैं. जहां हम लोगों ने पढ़ाई किया अच्छे ढंग से पढ़ाई हुई लेकिन सरकार अब हम लोगों को हटा दिया है जो कि पूरी तरह से गलत है.
क्यों हटाये गये अतिथि शिक्षकः बता दें कि बिहार में शिक्षा विभाग ने बीपीएससी के माध्यम से 94,738 शिक्षक की नियुक्ति की गई है. वे कार्यरत हैं. इस स्थिति में अतिथि शिक्षकों को सेवा में बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं है. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद एक अप्रैल से इन अतिथि शिक्षकों को सेवा से मुक्त कर दिया गया है.
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