धमतरी : आधे छत्तीसगढ़ का प्यास बुझाने वाला धमतरी जिला आज खुद जल संकट से घिरता जा रहा है. धमतरी ब्लॉक में ही भूजल स्तर इतना गिर गया है कि यहां पर केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की एक कार्यशाला करवानी पड़ गई. केंद्रीय भूमि जल बोर्ड से आए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों ने यहां के भू जल स्तर का जायजा लिया. साथ ही बांधों में पानी की कमी का भी डाटा लिया. जिसके बाद उन्होंने धमतरी में भी भीषण जल संकट होने का अलर्ट दिया है.
जल संरक्षण पर तीन दिवसीय कार्यशाला : धमतरी जिले में लगातार गिरते भू जल स्तर और भू जल से संबंधित विषयों को ध्यान में रखते हुए तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत की गई है. यह कार्यशाला भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, केन्द्रीय जल बोर्ड द्वारा जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की गई. जिसमें स्थानीय स्तर पर भूजल प्रबंधन के सम्बंध में जानकारी दी जा रही है. इस कार्यशाला में रिजनल डायरेक्टर प्रवीर कुमार नायक पहुंचे. उन्होंने वर्षा जल संचयन, गिरते हुए जल स्तर के लिए कृत्रिम पुनर्भरण तथा जिले में स्थानीय स्तर पर भूजल मुद्दों से निपटने की तकनीकियों से अवगत कराया.
"पानी के अनियमित दोहन के कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है. इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी पानी का सही उपयोग करना सीखें." - प्रवीर कुमार नायक, रिजनल डायरेक्टर, केन्द्रीय जल बोर्ड
"जल सरंक्षण के प्रति नागरिक उदासीन": धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा, "नगरीकरण और औद्योगिकीरण की तीव्र गति व बढ़ते प्रदूषण तथा जनसंख्या में लगातार वृद्धि के साथ प्रत्येक व्यक्ति के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, कई हिस्सों में पानी की समस्या उत्पन्न हो रही है. हर साल यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है."
"हम हमेशा यही सोचते हैं कि बस जैसे-तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाए. बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी. यीह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति नागरिक उदासीन हो जाते हैं." - नम्रता गांधी, कलेक्टर, धमतरी
भीषण जल संकट का मंडरा रहा खतरा : केंद्रीय भूमि जल बोर्ड से आए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की टीम ने धमतरी का दौरा किया. सभी विशेषज्ञों का यह मानना है कि इस संकट से निपटने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सही उपाय है. बरसात में जो छतों में पानी इकट्ठा होता है यानी कि रेन वाटर, यदि इसका सही ढंग से हार्वेस्टिंग किया जाए, तो इस संकट से निपटा जा सकता है. विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर इसी तरह लापरवाही चलती रही तो आने वाले दिनों में धमतरी में भी भीषण जल संकट खड़ा हो जाएगा.