मेरठ: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर 2 जनवरी 2022 को मेरठ के सलावा में यूपी की पहली खेल यूनिवर्सिटी की नींव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी थी. इस विश्वविद्यालय का निर्माण अगले साल 2025 के अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद जारी की जा रही है. इसके बनने के बाद ऐसे युवा जो खेलों में छा जाना चाहते हैं उनके सपनों को उड़ान मिलेगी. आईए जानते हैं नींव रखने के 35 महीनों बाद इसका कितना विकास हुआ है.
मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निर्माण मेरठ के सरधना स्थित सलावा गांव में 91.38 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाली उच्चस्तरीय अत्याधुनिक खेल यूनिवर्सिटी के काम ने अब रफ्तार पकड़नी शुरु कर दी है. हालांकि इस बात पर भी संशय है कि जो इसके लिए तय समय सीमा है तब तक ये विश्वविद्यालय बनकर खड़ा हो पाएगा.
मेरठ जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर निर्माणस्थल पर जाकर ईटीवी भारत ने पड़ताल की पता चला कि निर्माण कार्य अब धरातल पर दिखने लगे हैं. इस बारे में मेरठ की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे का कहना है कि शुरुआत में स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की तरफ से टेंडर की प्रक्रिया में समय लग गया था. वह कहती हैं कि करीब 4 महीने की देरी इसमें हुई, लेकिन अब कार्य काफी तीव्र गति से हो रहा है. वह कहती हैं कि ऐसे में निश्चित ही ये खेल विश्वविद्यालय का कार्य समय से पूर्ण हो जाएगा. इस खेल यूनिवर्सिटी में वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं खिलाड़ियों को मिलेंगी.
मेरठ कमिश्नर ने बताया कि कुछ समय पहले वो खुद सलावा में निर्माणाधीन मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर चुकी हैं. सेल्वा कुमारी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग और संबंधित अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार और निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए गये थे. उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग और कार्यदायी संस्था दीपांशु प्रमोटर एंड बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों को प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्य को निर्धारित समय पर पूरा करने निर्देश दिए जा चुके हैं.
खेल यूनिवर्सिटी के फाउंडेशन के बाद पहले चरण में अब 20 से अधिक भवनाें में एक साथ तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है. कमिश्नर ने बताया तय प्लान के मुताबिक यहां प्रशासनिक भवन, एकेडमिक ब्लॉक, क्लासरूम कॉमप्लेक्स, सेंट्रल लाइब्रेरी, वर्कशॉप, वाइस चांसलर आवास, चार श्रेणी के आवासीय भवन, दो गर्ल्स हॉस्टल, दो बॉयज हॉस्टल, इंडोर स्पोटर्स कॉमप्लेक्स, फुटबॉल मैदान, मेस, हेल्थ सेंटर, सुविधा केंद्र, इलेक्ट्रिक प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, गेस्ट हॉस्टल का निर्माण इस समय किया जा रहा है.
कार्यदायी संस्था दीपांशु प्रमोटर एंड बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर अशोक मिश्रा से बताया कि काम अब गति पकड़ चुका है, जिन तमाम ब्लॉक का निर्माण होना है उनमें से एक भी ब्लॉक ऐसा नहीं है जहां निर्माण कार्य न चल रहा हो. उन्होंने कहा कि कार्यदायी कंपनी ने बिहार में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया है.
खेल यूनिवर्सिटी में मल्टीपरपज हॉल, जिमनेजियम, योगा हॉल, 60 मीटर शूटिंग रेंज, 90 मीटर शूटिंग रेंज व 125 मीटर शूटिंग रेंज, 100 मीटर ट्रैक, हॉकी ग्रांउड, फुटबॉल, एथलेटिक्स, हैंडबॉल कोर्ट आदि खेल भी यहां बन रहे हैं.
गंगनहर के किनारे बनने बनने वाली इस यूनिवर्सिटी में राफ्टिंग व रोविंग, नौकायन जैसे वाटर स्पोर्ट्स का प्रशिक्षण मिलेगा. वहीं ओलिंपिक खेलों से संबंधित शूटिंग रेंज, शानदार ट्रैक एंड फील्ड के अलावा खो-खो जैसे परंपरागत खेल को भी प्रोत्साहन देने के लिए भी यहां स्टूडेंट्स को ट्रैनिंग मिलेगी. इसके साथ ही जैवलिन थ्रो, भारोत्तोलन, कुश्ती, हॉकी, वॉलीबॉल के अलावा टर्फ युक्त मैदानों के साथ ओलिंपिक आकार का स्विमिंग पूल और साइकिलिंग ट्रैक भी यहां प्रस्तावित है.
खेल विश्वविद्यालय को लेकर दावा ये भी किया जा रहा है निर्माण पूर्ण होने के बाद साल 2026 में यहां स्टूडेंट्स और खिलाड़ियों के लिए प्रवेश शुरू कर दिए जाएंगे. यहां से खिलाड़ी पीएचडी, बैचलर और मास्टर डिग्री और पीजी डिप्लोमा कर सकेंगे. वहीं ये माना जा रहा है कि अगर अब कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई तो अगले साल तक खेल यूनिवर्सिटी बनकर तैयार हो जाएगी.
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