ETV Bharat / state

GST लागू होने के बाद पहली बार केंद्र सरकार को मिला एक महीने में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स - gross goods and services tax

जीएसटी कलेक्शन अब सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2024 में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. इसके बाद ट्रेडर्स की मांग है कि जीएसटी कलेक्शन का कुछ हिस्सा मार्केट के विकास में खर्च हो.

Etv Bharat
Etv Bharat (ETV bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 2, 2024, 7:38 PM IST

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है. यह अब तक के अपने सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2024 में सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. अब ट्रेडर्स की मांग है कि जीएसटी कलेक्शन का कुछ हिस्सा व्यापारियों और मार्केट के विकास में खर्च हो.

व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि 2017 में जीएसटी आया था. इसके 7 साल हो गए पहली बार जीएसटी कलेक्शन ने एक महीने में दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है. केंद्र और राज्य सरकार को जीएसटी इकट्ठा करके देने में व्यापारी समुदाय का बड़ा हाथ है. जटिल प्रक्रियाओं के बावजूद ट्रेडर्स सरकार को राजस्व देते हैं. अब सरकार का भी दायित्व है कि व्यापारी वर्ग के उत्थान पर ठोस कदम उठाए जाएं.

आम तौर पर कहा जाता है कि व्यापारी टैक्स चोरी करता है. कर चुकाने में ढिलाई बरतता है. मगर, ताजा आंकड़ों से साफ है कि व्यापारी जमकर टैक्स दे रहा है. सीटीआई की मांग है कि हाई टैक्स पेयर को सरकार इन्सेंटिव, प्रोत्साहन राशि, इनाम और सम्मान दे. ये केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर हो सकता है. महीने में 100 टॉप टैक्स पेयर को चुना जा सकता है. यदि व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, तो अन्य ट्रेडर्स भी जीएसटी जमा कराएंगे.

ये भी पढ़ें : जीएसटी चोरी का मामला: पुलिस ने मामले में दोनों मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार, लंबा-चौड़ा है कारोबार

बृजेश ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था का सरलीकरण होना चाहिए. अभी तक रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा नहीं मिली है. पोर्टल में तकनीकि खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है. जीएसटी की दरों में अनेक विसंगति है. ये तर्कसंगत होनी चाहिए. 60 साल बाद व्यापारी को पेंशन और मेडिक्लेम पॉलिसी मिलनी चाहिए. सीटीआई की मांग है कि जिन बाजारों से टैक्स आता है, उसका निश्चित हिस्सा मार्केट के रख-रखाव और विकास पर खर्च हो.

ये भी पढ़ें : नोएडा: करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है. यह अब तक के अपने सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2024 में सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. अब ट्रेडर्स की मांग है कि जीएसटी कलेक्शन का कुछ हिस्सा व्यापारियों और मार्केट के विकास में खर्च हो.

व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि 2017 में जीएसटी आया था. इसके 7 साल हो गए पहली बार जीएसटी कलेक्शन ने एक महीने में दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है. केंद्र और राज्य सरकार को जीएसटी इकट्ठा करके देने में व्यापारी समुदाय का बड़ा हाथ है. जटिल प्रक्रियाओं के बावजूद ट्रेडर्स सरकार को राजस्व देते हैं. अब सरकार का भी दायित्व है कि व्यापारी वर्ग के उत्थान पर ठोस कदम उठाए जाएं.

आम तौर पर कहा जाता है कि व्यापारी टैक्स चोरी करता है. कर चुकाने में ढिलाई बरतता है. मगर, ताजा आंकड़ों से साफ है कि व्यापारी जमकर टैक्स दे रहा है. सीटीआई की मांग है कि हाई टैक्स पेयर को सरकार इन्सेंटिव, प्रोत्साहन राशि, इनाम और सम्मान दे. ये केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर हो सकता है. महीने में 100 टॉप टैक्स पेयर को चुना जा सकता है. यदि व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, तो अन्य ट्रेडर्स भी जीएसटी जमा कराएंगे.

ये भी पढ़ें : जीएसटी चोरी का मामला: पुलिस ने मामले में दोनों मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार, लंबा-चौड़ा है कारोबार

बृजेश ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था का सरलीकरण होना चाहिए. अभी तक रिवाइज्ड रिटर्न की सुविधा नहीं मिली है. पोर्टल में तकनीकि खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की जरूरत है. जीएसटी की दरों में अनेक विसंगति है. ये तर्कसंगत होनी चाहिए. 60 साल बाद व्यापारी को पेंशन और मेडिक्लेम पॉलिसी मिलनी चाहिए. सीटीआई की मांग है कि जिन बाजारों से टैक्स आता है, उसका निश्चित हिस्सा मार्केट के रख-रखाव और विकास पर खर्च हो.

ये भी पढ़ें : नोएडा: करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में दिल्ली के तीन कारोबारी गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.