बाड़मेर : पर्यावरण के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए पूरे प्रदेश की यात्रा पर निकले ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित ने अपने गांव पहुंचकर एक पेड़ मां के नाम संकल्प यात्रा को समाप्त किया. उन्होंने प्रदेश के 48 जिलों में 18 हजार पौधे लगाने के साथ ही आमजन को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का अनुकरणीय कार्य किया.
गांव पहुंच समाप्त हुई यात्रा : पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ ही संरक्षण की अलख जगाने के उद्देश्य से गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित ने 75 दिनों में प्रदेशभर की यात्रा तय कर रविवार शाम को बाड़मेर जिले में अपने गांव कोजाणियो की ढाणी लंगेरा में यात्रा को समाप्त किया.
यह था यात्रा का मकसद : ग्रीनमैन नरपतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ग्रीन डेजर्ट संस्थान के तत्वावधान में 19 अगस्त को अपनी मां रेखादेवी का आशीर्वाद लेकर एक पेड़ मां के नाम संकल्प यात्रा को शुरू किया था. इस यात्रा के पीछे मकसद यही था कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सके.
18 हजार पौधे लगाए, किया लोगों को जागरूक : उन्होंने बताया कि इस दौरान बुलेट पर 75 दिनों में प्रदेश के 48 जिलों की यात्रा की. किन्हीं कारणों से हनुमानगढ़ और गंगानगर में नहीं जा सका. यात्रा के दौरान रोजाना 20-30 पौधे लगाए गए. पौधे ऐसी जगह लगाए ताकि आने वाले दिनों में यह पेड़ बन सके. इस वर्षों ऋतु 18 हजार पौध लगाएं हैं. इसके साथ स्कूलों व कॉलेज में बच्चों के बीच संवाद कार्यक्रम के माध्यम से पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया.
ग्रीनमैन का तिलक लगाकर किया अभिनंदन : ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित ने सोमवार को अपने गांव पहुंचकर यात्रा समाप्त की. यात्रा कर लौटे नरपतसिंह का माता-पिता सहित परिवार के सदस्यों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया. इस दौरान उनकी छोटी भतीजी ने अपने चाचा का तिलक लगाकर अभिनंदन किया. इस अवसर पर हीरसिंह, दुर्गसिंह, करनसिंह, युवा नेता किशनसिंह, बलवंतसिंह खुमानसिंह, सवाईसिंह, अंजू, सोनू, दिव्या, प्रिया, पायल, दिशा मौजूद रहे. ग्रीनमैन नरपतसिंह के पिता हीरसिंह राजपुरोहित ने बताया कि उनका बेटा ग्रीनमैन जो कार्य कर रहा है, वो बहुत सराहनीय व आने वाली पीढ़ियों को बचाने का काम कर रहे है. बता दें कि इससे पहले नरपतसिंह पूरे भारत को अपनी साइकिल यात्रा करके गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं. इसके वह वन्यजीवों को बचाने का भी सहराहनीय कार्य कर रहे हैं