नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर की हवा लगातार खराब हो रही है. प्रदूषण का ग्राफ तेजी के साथ ऊपर चल रहा है. दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड ज़ोन में है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को मद्देनजर ग्रेप-एक लागू है. लेकिन दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण में इजाफा हो रहा है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि जल्द दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-दो की पाबंदियां लागू हो सकती है.
दिल्ली में 300 के करीब पहुंचा AQI : दशहरे के बाद से दिल्ली का AQI स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है. इसके लिए तीन दिन पहले दिल्ली-NCR में ग्रेप-1 लागू किया गया. इसमें कई चीजों पर पाबंदी लगाई गई. फिर से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब हुई है जिसके चलते जल्द ही GRAP-2 लगाया जा सकता है. GRAP-2 लागू होता है तो उसमें डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है. GRAP-1,2,3 और अलग-अलग स्थितियों में लागू किया जाता है.
15 अक्टूबर से ग्रैप का पहला चरण लागू :बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली एनसीआर में 15 अक्टूबर को ग्रेप का पहला चरण लागू किया गया था. केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूर्व अनुमान को देखते हुए ग्रैप एक की पाबंदियां लागू की गई थी. एयर क्वालिटी इंडेक्स के 200 के पार पहुंचने पर ग्रैप का पहला चरण लागू किया जाता है. पहले चरण के लागू होने के बाद होटल और रेस्टोरेंट में कोयले और लकड़ी का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहता है.
रेड ज़ोन में 15 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के 15 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन (गंभीर) श्रेणी में है. जबकि 20 इलाकों का एकयूआई ऑरेंज जोन यानी कि खराब श्रेणी में है. वही, गाजियाबाद की लोनी का एकयूआई रेड जोन में पहुंच गया है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण बढ़ रहा है. दोनों क्षेत्रों में एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में है.
ग्रेप का दूसरा चरण ऐसे होगा लागू : माना जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर में जल्द ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू हो सकती हैं. एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 पर करने पर ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू होती हैं. ग्रेप के दूसरे चरण के लागू होने के साथ सरकार द्वारा दिल्ली एनसीआर में पार्किंग शुल्क बढ़ाया जा सकता है. जिससे कि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें. मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों के फेरो मैं बढ़ोतरी की जा सकती है.
डीजल जनरेटर और बसों पर पूर्ण रूप से लग सकता है प्रतिबंध :इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ दिल्ली एनसीआर में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा सकता है. दूसरे राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली डीजल बसों पर प्रतिबंध लगा सकता है. बता दें, एक नवंबर 2023 को ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू की गई थी. जबकि दिसंबर में ग्रेप तीन की पाबंदियां लागू की गई थी. एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार कम होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो सकता है. धरातल पर प्रदूषण की रोकथाम को लेकर सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे इंतजाम न काफी साबित हो रहे हैं.
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