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राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या 13.5 प्रतिशत, इनकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए कार्य हो-राज्यपाल

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आदि महोत्सव का शुभारंभ किया. उन्होंने मेले में लगी स्टॉल का अवलोकन भी किया.

AADI MAHOTSAV IN JAIPUR,  GOVERNOR INAUGURATED AADI MAHOTSAV
आदि महोत्सव में लगे स्टॉल का अवलोकन करते राज्यपाल. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 10:30 PM IST

जयपुरः शहर के जवाहर कला केंद्र के शिल्प ग्राम में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, ट्राइफेड और नगर निगम ग्रेटर द्वारा आयोजित 'आदि महोत्सव' का शुभारंभ राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने किया. इस दौरान उन्होंने आदिवासी परंपराओं के संरक्षण पर जोर देते हुए प्रकृति पोषण से जुड़े उनके कार्य अपनाए जाने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या 13 से 13.5 प्रतिशत है, इनकी शिक्षा के अवसरों में वृद्धि के साथ युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्य होना चाहिए.

उन्होंने इस अवसर पर महोत्सव में देशभर के राज्यों से भाग लेने वाले शिल्पकारों, कलाकारों का अभिनंदन करते हुए आम जन से आह्वान किया कि दैनिक जीवन में जनजातीय उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए. बागड़े ने समारोह में बिरसा मुंडा की स्मृति को नमन करते हुए कहा कि वो अंग्रेजों से ही नहीं लड़े, बल्कि उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता का कार्य किया. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2021 से हर साल 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है. ये दिवस जनजातीय परंपराओं को सहेजने, उनके विकास और उनके समग्र कल्याण को समर्पित है.

पढ़ेंः International camel festival : 9 से 12 जनवरी तक आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव

शिक्षा में सहयोग करेंः राज्यपाल ने जनजातियों के समग्र विकास के लिए उनसे जुड़े क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनके आजीविका के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करने की आवश्यकता जताई. साथ ही कहा कि देश की गरीबी तभी कम होगी, जब राष्ट्र के बच्चे पढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भीख मांगने वाले नहीं पढ़ने वाले 100 परिवारों को चिह्नित कर स्कूल भेजे जाने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वे जनजातीय शिक्षा से वंचित बच्चों के बारे में जानकारी दें और उनकी शिक्षा में सहयोग करें.

वहीं, जनजातीय मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जनजातीय कलाकारों की उत्पादित सामग्री के प्रदर्शन के ज्यादा से ज्यादा अवसर दिए जाने पर जोर दिया. वहीं, ग्रेटर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने आदि महोत्सव को वोकल फोर लोकल मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बताया. इससे पहले राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों की ओर से प्रदर्शित उत्पाद स्टालों का अवलोकन किया. साथ ही कुछ आदिवासी उत्पाद क्रय करके शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया.

मेले में 120 स्टॉलः बता दें कि जवाहर कला केंद्र शिल्पग्राम में 8 दिसम्बर तक आदि महोत्सव-2024 का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत स्वयं सहायता समूह की ओर से बनाए गए प्रोडेक्ट की स्टॉल्स लगाई गई है. इस मेले मे राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और नॉर्थ ईस्ट के जनजातीय कारीगर, शिल्पकार भाग ले रहे हैं. ये मेला लगभग 120 स्टॉल के साथ 200 से ज्यादा जनजातीय कारीगर और शिल्पकार को हस्तनिर्मित उत्पाद बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मंच प्रदान करेगा.

जयपुरः शहर के जवाहर कला केंद्र के शिल्प ग्राम में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, ट्राइफेड और नगर निगम ग्रेटर द्वारा आयोजित 'आदि महोत्सव' का शुभारंभ राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने किया. इस दौरान उन्होंने आदिवासी परंपराओं के संरक्षण पर जोर देते हुए प्रकृति पोषण से जुड़े उनके कार्य अपनाए जाने की आवश्यकता जताई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या 13 से 13.5 प्रतिशत है, इनकी शिक्षा के अवसरों में वृद्धि के साथ युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्य होना चाहिए.

उन्होंने इस अवसर पर महोत्सव में देशभर के राज्यों से भाग लेने वाले शिल्पकारों, कलाकारों का अभिनंदन करते हुए आम जन से आह्वान किया कि दैनिक जीवन में जनजातीय उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए. बागड़े ने समारोह में बिरसा मुंडा की स्मृति को नमन करते हुए कहा कि वो अंग्रेजों से ही नहीं लड़े, बल्कि उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता का कार्य किया. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2021 से हर साल 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है. ये दिवस जनजातीय परंपराओं को सहेजने, उनके विकास और उनके समग्र कल्याण को समर्पित है.

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शिक्षा में सहयोग करेंः राज्यपाल ने जनजातियों के समग्र विकास के लिए उनसे जुड़े क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनके आजीविका के ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करने की आवश्यकता जताई. साथ ही कहा कि देश की गरीबी तभी कम होगी, जब राष्ट्र के बच्चे पढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भीख मांगने वाले नहीं पढ़ने वाले 100 परिवारों को चिह्नित कर स्कूल भेजे जाने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वे जनजातीय शिक्षा से वंचित बच्चों के बारे में जानकारी दें और उनकी शिक्षा में सहयोग करें.

वहीं, जनजातीय मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जनजातीय कलाकारों की उत्पादित सामग्री के प्रदर्शन के ज्यादा से ज्यादा अवसर दिए जाने पर जोर दिया. वहीं, ग्रेटर निगम की महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने आदि महोत्सव को वोकल फोर लोकल मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बताया. इससे पहले राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों की ओर से प्रदर्शित उत्पाद स्टालों का अवलोकन किया. साथ ही कुछ आदिवासी उत्पाद क्रय करके शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया.

मेले में 120 स्टॉलः बता दें कि जवाहर कला केंद्र शिल्पग्राम में 8 दिसम्बर तक आदि महोत्सव-2024 का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत स्वयं सहायता समूह की ओर से बनाए गए प्रोडेक्ट की स्टॉल्स लगाई गई है. इस मेले मे राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और नॉर्थ ईस्ट के जनजातीय कारीगर, शिल्पकार भाग ले रहे हैं. ये मेला लगभग 120 स्टॉल के साथ 200 से ज्यादा जनजातीय कारीगर और शिल्पकार को हस्तनिर्मित उत्पाद बेचने के लिए जनजातीय कारीगरों को मंच प्रदान करेगा.

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