वाराणसी : पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के बाद मैदानी इलाकों में अब बाढ़ का खतरा सताने लगा है. उत्तर प्रदेश में भी तमाम इलाकों में लगातार बारिश से नदियां अब धीरे-धीरे उफान पर आने लगी हैं. इसे लेकर अब सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. वाराणसी और आस-पास के जिले में नदियों के बढ़ने के स्तर की निगरानी शुरू हो गई और एनडीआरएफ की विशेष टीमों को अलर्ट कर दिया गया है.
बाढ़ के खतरों को देखते हुए सरकार राहत व बचाव के लिए पूरी तरह सतर्क है. इसके लिए संबंधित विभागों को अलर्ट भी कर दिया गया है. वाराणसी की 11 बटालियन एनडीआरएफ़ बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए कमर कस चुकी है. एनडीआरएफ़ ने प्री-पोजीशनिंग कर टीमों को मुस्तैद कर दिया है. वाराणसी स्थित 11 बटालियन एनडीआरएफ उत्तर प्रदेश के 42 जिलों तक बचाव और राहत कार्य करती है. तुर्की में आए भूकंप में भी एनडीआरएफ वाराणसी ने अहम भूमिका निभाई थी. योगी सरकार ने बारिश और आपदा के संभावित खतरों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में बाढ़ राहत एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. उप महानिरीक्षक, 11 एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसी भी विपरीत परिस्थितियों में राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह तैयार है. वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को पहले से चिह्नित किया जा चुका है.
ये है तैयारी : बाढ़ से निबटने को एनडीआरएफ की दो टीम तैयार है. टीमें रेस्क्यू मोटर बोट, डीप डाइवर्स, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय, ऑक्सीजन सिलेंडर इत्यादि के साथ राहत बचाव उपकरणों के साथ तैनात की गई हैं. गंगा में एनडीआरएफ की वाटर एम्बुलेंस पैरा मेडिकल टीम के साथ तैनात की गई. वाराणसी में जरूरत के हिसाब से टीमों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए भी एनडीआरएफ की तैयारी पूरी है. वाराणसी स्थित 11 बटालियन एनडीआरएफ उत्तर प्रदेश के 42 जिलों तक बचाव और राहत कार्य में जुटी रहती है.
उप महानिरीक्षक, 11 एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जिन जिलों में हर साल बाढ़ अधिक आती है, उन जिलों को पहले से चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए अभी वाराणसी, गोरखपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी में सभी बचाव और राहत उपकरणों के साथ टीमों को तैनात किया जा चुका है. अन्य जिलों में भी टीमों को जरूरत के हिसाब से तैनात किया जाएगा.