जांजगीर चांपा: जिले के नवागढ़ नगर पंचायत में उन्मुक्त खेल मैदान के नाम पर पैसों के बंदरबाट का खेल चल रहा है. कांग्रेस सरकार में स्वीकृत 40 लाख रुपये के खेल मैदान निर्माण में ठेकेदार और नगर पंचायत के सीएमओ की मिली भगत से लाखों रुपये का बिल निकाला जा चुका है. एक बार फिर फर्जी बिल निकालने की साजिश को जनपद पंचायत के अध्यक्ष ने पकड़ा और जिला प्रशासन के साथ शासन को इसकी शिकायत की है. खेल मैदान निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच का आदेश दिया है.
नगर पंचायत अध्यक्ष ने पकड़ा फर्जी भुगतान का मामला: जांजगीर चांपा के नवागढ़ नगर पंचायत में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 40 लाख रुपये की स्वीकृति खेल मैदान निर्माण के लिए की थी. सरकार बदल गई और अब तक खेल मैदान निर्माण का काम ठीक से शुरु नहीं हुआ है. ठेकेदार को नगर पंचायत के सीएमओ की ओर से 8 लाख 41 हजार की प्रथम किस्त जारी की गई है.
इसके कुछ दिन बाद ठेकेदार को 5 लाख 72 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए चेक में हस्ताक्षर का दौर शुरु हो गया था. जब नगर पंचायत के अध्यक्ष को खेल मैदान की दूसरी किस्त जारी होने की सूचना मिली तो ठेकेदार को इस बिल का भुगतान नहीं करने के लिए सीएमओ से चर्चा की गई. इसके बाद मैदान का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया, लेकिन सीएमओ ने काम हुए बिना ही दूसरी किस्त जारी कर दी. इसकी शिकायत नगर पंचायत के अध्यक्ष ने कलेक्टर से की है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
दिए गए जांच के आदेश:नगर पंचायत के अध्यक्ष ने कलेक्टर के जन दर्शन में उपस्थित होकर नगर पंचायत के सीएसओ और बाबू के खिलाफ लिखित शिकायत की है. शिकायत के अनुसार खेल मैदान में काम कराए बगैर पैसों का भुगतान करने का खेल चल रहा है. इस पर कलेक्टर ने जांच टीम का गठन कर दिया है. प्रकरण में जांच का निर्देश दिया गया है. वहीं, शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की बात कलेक्टर ने कही है.
"शिकायत मिली है. जांच की जा रही है. जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी."-एस पी वैद्य, एडिशनल कलेक्टर
बता दें कि नवागढ़ में उन्मुक्त खेल मैदान बनाने के लिए शासन ने राशि जारी कर दी है. इस राशि को अधिकारी और ठेकेदार गबन करने की जुगत लगा रहे हैं.