बस्तर: बलौदाबाजार में हुई आगजनी और तोड़फोड़ के खिलाफ कांग्रेस ने आज सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया. बस्तर से लेकर रायपुर और दुर्ग से लेकर बिलासपुर तक कांग्रेस नेताओं ने सरकार का इस्तीफा मांगा. बस्तर में हुए प्रदर्शन में पीसीसी चीफ दीपक बैज शामिल हुए. दीपक बैज ने कहा कि इस सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है. इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है.
''जिस तरह की घटना बलौदाबाजार में हुई वो निंदनीय है. सरकार का इकबाल खत्म हो गया है. प्रदेश के मुखिया को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए'' - दीपक बैज, पीसीसी चीफ
बीजापुर में कवासी लखमा ने संभाला मोर्चा: बीजापुर में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा बुलंद किया. लखमा ने कहा कि आजाद भारत में शायद ये पहली घटना होगी जब किसी एसपी और कलेक्टर के दफ्तर को भीड़ ने जला दिया. लोगों का गुस्सा क्यों भड़का इसकी जांच होनी चाहिए. सुरक्षा में इस तरह की चूक होना और खुफिया विभाग का फेल होना कई सवाल खड़े करता है.
सरकार के पास खुफिया एजेंसी है. खुफिया एजेंसी भी घटना को नहीं भांप सकी. छत्तीसगढ़ को शांत प्रदेश माना जाता है. यहां इस तरह की घटना होना अपने आप में शर्मनाक है. सीएम और गृहमंत्री को अपने पद पर बने रहना शोभा नहीं देता. - कवासी लखमा, पूर्व मंत्री
जशपुर में उमेश पटेल ने किया प्रदर्शन: जशपुर में कांग्रेस के पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा. उमेश पटेल ने कहा कि बीजेपी के राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है. अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. आम जनता बीजेपी सरकार से परेशान है. उमेश पटेल ने राज्यपाल से बीजेपी सरकार को बर्खास्त करने की भी मांग ज्ञापन के माध्यम से की है.
जय सिंह अग्रवाल ने मांगा इस्तीफा: बिलासपुर के नेहरु चौक पर प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे जय सिंह अग्रवाल ने प्रदर्शन किया. जय सिंह अग्रवाल ने आरोप लगाया कि जब से बीजेपी की सरकार आई है. गुंडे बदमाशों की चलती प्रदेश में हो गई है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुंडे मवालियों को पुलिस का खौफ नहीं है. लूट मर्डर और दुष्कर्म जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जय सिंह अग्रवाल ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इस सरकार को सत्ता में बने रहने का हक नहीं है.