लखनऊ : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के बजट में कैंसर के मरीजों को राहत दी है. इसमें कैंसर की तीन प्रमुख दवाएं ट्रास्टुजुमैब डेरेक्सटेकन, ओसिमेर्टिनिव और डुर्बालुमैव को कस्टम ड्यूटी से मुक्त करने की घोषणा की गई है. इससे कैंसर के मरीजों को राहत मिलेगी. इस घोषणा की डॉक्टरों ने सराहना की है. उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम के तहत मेडिकल एक्स- रे मशीनों में उपयोग के लिए एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) में भी बदलाव का प्रस्ताव किया है, ताकि घरेलू क्षमता वृद्धि के साथ तालमेल बिठाया जा सके.
चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवाशीष शुक्ला ने कहा कि देश में कैंसर का बोझ हर साल बढ़ रहा है. बजट घोषणा में कैंसर दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला सराहनीय है. केजीएमयू के प्रवक्ता और रेडियो थेरेपी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुधीर सिंह ने कहा, कस्टम ड्यूटी हटने से मरीजों को दवाओं की कीमत कम देनी होगी. इसके अलावा कई मेडिकल उपकरणों पर छूट भी मिलेगी. इससे मरीजों को भी फायदा होगा.
ट्रैस्टुज़ुमैब डेरेक्सटेकन : यह दवा सभी प्रकार के पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काम आती है. इसे हरसेप्टिन नाम से भी जाना जाता है. यह दवा आमतौर पर कैंसर के मरीज को 3 हफ्ते में एक बार लेनी होती है. इसकी एक डोज में 3 वायल लगते हैं, इसकी कीमत अनुमानित 4 लाख रुपये तक आती है.
ओसिमेर्टिनिव : यह दवा नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर में टार्गेटेड थेरेपी के रूप में इस्तेमाल होती है. यह दवा ईजीएफआर इनहेबिटर्स पीढ़ियों के प्रति रेजिस्टेंट हो चुके कैंसर पर बेहतरीन काम करती है. एक महीने की खुराकों की कीमत डेढ़ लाख रुपये तक है.
दुर्बलुमैव : यह एक इम्यूनोथेरेपी दवा है जो पीडी-एल1 प्रोटीन को ब्लॉक करके इम्यून सिस्टम को एक्टिव करने में मदद करती है. इसे नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर और ब्लैडर कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह दवा भी मरीज को 3 हफ्ते यानि करीब 21 दिन में एक बार लेनी होती है. इसकी एक खुराक की कीमत ढाई लाख रुपये के आसपास है.