भिवानी/नूंह: विभिन्न विभागों के कच्चे-पक्के कर्मचारी हरियाणा कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भिवानी के सुरेंद्र सिंह पार्क में एकत्रित हुए तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद कर्मचारी अपनी मांग पट्टी लेकर नारेबाजी करते हुए डीसी दफ्तर पहुंचे तथा घेराव किया. कर्मचारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन डीसी के जरिए मुख्यमंत्री के नाप सौंपा.
कर्मचारियों का प्रदर्शन: कर्मचारी नेता सुखदर्शन सरोहा और भरत सिंह खटाना ने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. धरने, प्रदर्शन, रैलियां, हड़ताल भी की गई है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही है. अब सभी विभागों के कर्मियों ने एकजुट होकर संयुक्त आंदोलन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगपत्र में शामिल सभी मांगों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि "भाजपा-जजपा सरकार बड़ी तेजी से सरकारी महकमों का नीजिकरण कर रही है. बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर समाप्त किए जा रहे हैx तथा महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है. सरकारी विभागों में हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन कर बेरोजगारों के लिए पक्की नौकरी खत्म की जा रही है.
कर्मचारियों की मांग: कर्मचारी नेताओं ने बताया कि उनकी मांगों में नियमितीकरण की नीति बनाकर सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करना, एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए, एचकेआरएम को भंग किया जाए, खाली पदों पर नियम से नियमित भर्तियां की जाए, सभी वर्गो की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए, हरियाणा का अलग से वेतन आयोग का गठन, एक्सग्रेसिया स्कीम में लगाई गई शर्त हटाई जाए, नीजिकरण पर रोक लगाकर जनसंख्या और कार्य भार के अनुसार नए पद स्वीकृत कर बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए आदि शामिल हैं.
नूंह में कर्मचारियों का प्रदर्शन: नूंह में ग्रामीण चौकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, जलकर्मी ऑनलाइन हाजिरी को लेकर खासे नाराज हैं. नाराज कर्मचारियों ने बुधवार को लघु सचिवालय परिसर नूंह में प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भेजा. ग्रामीण चौकीदार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, जलकर्मियों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी लगाने के बारे में सरकार ने आदेश जारी किया है और इन हाजरियों को ग्राम सचिव, सरपंच वेरिफिकेशन करने के बाद कर्मचारियों के पैसे दिए जाएंगे. कर्मचारियों का कहना है कि सरपंच और सचिवों की वेरिफिकेशन को हटाया जाए.
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