नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले कई दिनों से पानी को लेकर हाहाकार मचा है. हरियाणा की तरफ से यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़े जाने की वजह से राजधानी पर जल संकट पैदा हो गया है. पानी की कमी को पूरा करने के लिए सरकार की ओर से कई खास कदम भी उठाए गए हैं. इस मामले पर सियासत भी पूरी तरह से गरमाई हुई है. ऐसे में बात अगर वाटर बिल कनेक्शन और उसके बकाए की करें तो दिल्ली में तमाम सरकारी विभाग हैं जिन पर सालों से दिल्ली जल बोर्ड के कई हजार करोड़ रुपये की देनदारी बकाया है.
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दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि केंद्र सरकार से लेकर दिल्ली सरकार के तमाम कार्यालयों पर आठ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का पानी का बिल बकाया है. सालों से पानी के बिल का भुगतान नहीं करने वाले विभागों में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली पुलिस, भारतीय रेलवे आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार के भी कई ऐसे विभाग हैं जिन्होंने सालों से पानी का बिल नहीं भरा है. इन विभागों के ऊपर भी जल बोर्ड का कई सौ करोड़ का बिल बकाया है.
भारतीय रेलवे डिपार्टमेंट पर DJB की 6113.37 करोड़ की देनदारी
हैरान करने वाली बात ये है कि पानी के बिल बकाया वाले विभागों को जल बोर्ड की ओर से समय-समय पर रिमांडर और नोटिस भी भेजे जाते रहे हैं. बावजूद इसके इनकी तरफ से बकाया बिल भुगतान को कोई खास तव्वजों नहीं दी गई है. दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पिछले साल मई माह तक के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की बात करें तो उसके अधीनस्थ क्षेत्र में अकेले भारतीय रेलवे के 75 वाटर कनेक्शन हैं जिन पर 6113.37 करोड़ रुपये का पानी का बिल बकाया है.
इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस पर जल बोर्ड की 1317.17 करोड़ रुपये की देनदारी है. दिल्ली पुलिस के कुल 165 वाटर कनेक्शन पर कुल बकाया राशि जल बोर्ड को अदा की जानी है. इनमें दिल्ली पुलिस के थानों के अलावा जिला डीसीपी मुख्यालय भी शामिल हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार के तहत आने वाले डीडीए पर भी 40.49 करोड़ का पानी का बिल बकाया है. डीडीए ने भी सालों से पानी के बकाया बिलों का भुगतान नहीं किया है.
दिल्ली सरकार के विभागों पर भी सैकड़ों करोड़ का बकाया
बात अगर दिल्ली सरकार के विभागों की करें तो डीएसआईआईडीसी, ड्यूसिब और लोक निर्माण विभाग पर भी जल बोर्ड का करोड़ों रुपये बकाया है. सबसे ज्यादा देनदारी दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड यानी ड्यूसिब पर 271.31 करोड़ रुपये की है. जबकि डीएसआईआईडीसी के ऊपर 49.94 करोड़ और पीडब्ल्यूडी पर 52.58 करोड़ रुपये के पानी के बिल की देनदारी है.
इन बकाया राशि के भुगतान करने के लिए जल बोर्ड की ओर से सभी बकायादारों को नोटिस भेजे जाते रहे हैं. लेकिन सरकारी महकमा इसकी तरफ कोई खास ध्यान नहीं देता है. इसके चलते बकाया राशि लेट पैमेंट सरचार्ज की वजह से लगातार बढ़ती ही जा रही है.
बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से राजधानी में फ्री पानी योजना को भी लागू किया हुआ है. इस योजना के तहत आम जनता को घरेलू कनेक्शन पर प्रति माह 20 किलोलीटर यानी 20 हजार लीटर पानी मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन इंडस्ट्रियल व कॉमर्शियल कनेक्शनों पर यह सुविधा नहीं मिलती है. सभी सरकारी विभाग या निकाय आदि कॉमर्शियल वाटर कनेक्शन कैटेगरी के अधीन आती हैं, जिन पर सालों से दिल्ली जल बोर्ड की बड़ी देनदारी बनी हुई है.
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