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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लिंक होगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे; दिल्ली पहुंचना होगा आसान, यूपी समेत 3 राज्यों को फायदा - Siliguri Expressway route change

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए नया रूट तय किया गया है. अब इसे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक जोड़ने का नया प्लान तैयार किया गया है. जिस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने काम भी शुरू कर दिया है.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 6:58 AM IST

Updated : Aug 14, 2024, 11:34 AM IST

गोरखपुर : गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक दूरी कम करने के लिए एक नया रूट तय किया गया है. इसके निर्माण की प्रक्रिया जो आगे बढ़ी थी, उसमें थोड़ा सा परिवर्तन किया गया है. अब इसे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक जोड़ने का नया प्लान तैयार किया गया है. इस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने काम भी शुरू कर दिया है. यह कुशीनगर- गोरखपुर लिंक रोड से आरंभ होने वाली थी, जो अब कुशीनगर से बढ़कर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक रोड से जुड़ेगी.

एनएचएआई के अधिकारी के मुताबिक, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के कारण सिलीगुड़ी से दिल्ली या मोतिहारी से दिल्ली जाने वाले, गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लिंक रोड में जुड़कर सीधे दिल्ली पहुंच जाएंगे. पहले यह सड़क गोरखपुर बाईपास पर खत्म हो रही थी.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (Photo credit: ETV Bharat)

बिहार के भी 8 जिले होंगे शामिल : NHAI से मिली जानकारी के अनुसार इसका पूर्वी चंपारण में 95 किमी में निर्माण होना है, जबकि पश्चिमी चंपारण में बैरिया, नौतन के कुल 23 किमी में 24 गांव होंगे. शिवहर में 16 किमी में 17 गांव शामिल होंगे. सरकार के नए निर्देश के क्रम में विभागीय स्तर पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. अगले आदेश में डीपीआर भी बनाया जा रहा है. 540 किमी गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे में बिहार के आठ जिले शामिल हैं, जिसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज, अररिया शामिल हैं.

16 फ्लाईओवर का होगा निर्माण : एनएचएआई के अधिकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे में बेतिया और पूर्वी चंपारण के बीच गंडक और कोसी नदी पर सबसे बड़ा पुल बनेगा. इसके अलावा बूढ़ी गंडक, बागमती सहित कई छोटी-बड़ी नदियाें पर भी पुल का निर्माण होगा. 540 किमी की दूरी में सड़क-पुलिया निर्माण में 17 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के बीच 16 फ्लाईओवर का निर्माण होगा. एक्सप्रेस-वे में 25 इंटरचेंज सड़क बदलने के लिए बनेंगे, ताकि लोगों काे सुविधा मिले. कुल 31 मेजर ब्रिज होंगे, जिसमें गंडक व कोसी पर बड़ा ब्रिज बनेगा. एक्सप्रेस-वे कई रेल लाइनाें से गुजरेगा, जिसके लिए 9 रेल पुल बनाए जाएंगे.

नए प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण के लिए बढ़ेगी गांवों की संख्या : एनएचएआई के अधिकारी अमरेश कुमार ने बताया कि प्रथम सर्वे के अनुसार, करीब 17 हजार 700 करोड़ रुपये पुल-पुलिया व सड़क पर खर्च होंगे. यह एक्सप्रेस-वे अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के साथ यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक रोड से जोड़ा जा रहा है. इससे दिल्ली जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी. जिसके लिए भूमि अधिग्रहण में सात हजार करोड़ खर्च होंगे. यह प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. पहले जो प्रोजेक्ट था, उसके लिये कुल 115 गांव की जमीन का अधिग्रहण NHAI करता, लेकिन अब नये प्रोजेक्ट में गांवों की संख्या बढ़ेगी.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव (Photo credit: NHAI)

इसके तहत कुशीनगर और देवरिया जिले की जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी. एक्सप्रेस वे के बीच में ग्रीन लैंड को छोड़कर इसका निर्माण किया जाएगा. इसके निर्माण पर करीब 32 हजार करोड़ रुपए खर्च होने थे. इसकी लागत अब बढ़ेगी. शुरुआत में यह फोर लेन की सड़क बनाई जाएगी, लेकिन जमीन का अधिग्रहण सिक्स लेन के हिसाब से किया जाएगा. इसकी कुल चौड़ाई 75 मीटर रखी जाएगी. वर्ष 2025 तक इसके पूरा होने का अनुमान है.

तीन राज्यों के लोगों को मिलेगी सुविधा : भारत माला परियोजना के तहत भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बन रहे इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के बन जाने से, गोरखपुर- सिलीगुड़ी के बीच की दूरी कम हो जाएगी. गोरखपुर में इसकी शुरुआत गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन बाईपास के पास चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के, बसडिला गांव के पास से होगी. तीन राज्यों यूपी, बिहार और बंगाल से गुजरने वाली गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस के बन जाने से, पूर्वोत्तर के राज्यों को जाने वाले वाहनों को एक अलग वैकल्पिक और सुविधाजनक मार्ग मिलेगा. NHAI ने भोपाल की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को इस एक्सप्रेस वे के डीपीआर को तैयार करने का निर्देश दिया है.

2022 से इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रोजेक्ट में कोई भी पुरानी सड़क शामिल नहीं है. यह आबादी से दूर बनाई जा रही है. गोरखपुर और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क न होने के कारण लोगों को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने में लगभग 15 घंटे लगते हैं, जबकि गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह समय लगभग 6 घंटे कम हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा नया लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा से जुड़ेगा फर्रुखाबाद

यह भी पढ़ें : पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर हादसा, बिहार जा रही कार डिवाइडर से टकराई, एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत

गोरखपुर : गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक दूरी कम करने के लिए एक नया रूट तय किया गया है. इसके निर्माण की प्रक्रिया जो आगे बढ़ी थी, उसमें थोड़ा सा परिवर्तन किया गया है. अब इसे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक जोड़ने का नया प्लान तैयार किया गया है. इस पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने काम भी शुरू कर दिया है. यह कुशीनगर- गोरखपुर लिंक रोड से आरंभ होने वाली थी, जो अब कुशीनगर से बढ़कर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक रोड से जुड़ेगी.

एनएचएआई के अधिकारी के मुताबिक, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के कारण सिलीगुड़ी से दिल्ली या मोतिहारी से दिल्ली जाने वाले, गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लिंक रोड में जुड़कर सीधे दिल्ली पहुंच जाएंगे. पहले यह सड़क गोरखपुर बाईपास पर खत्म हो रही थी.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (Photo credit: ETV Bharat)

बिहार के भी 8 जिले होंगे शामिल : NHAI से मिली जानकारी के अनुसार इसका पूर्वी चंपारण में 95 किमी में निर्माण होना है, जबकि पश्चिमी चंपारण में बैरिया, नौतन के कुल 23 किमी में 24 गांव होंगे. शिवहर में 16 किमी में 17 गांव शामिल होंगे. सरकार के नए निर्देश के क्रम में विभागीय स्तर पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. अगले आदेश में डीपीआर भी बनाया जा रहा है. 540 किमी गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे में बिहार के आठ जिले शामिल हैं, जिसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, किशनगंज, अररिया शामिल हैं.

16 फ्लाईओवर का होगा निर्माण : एनएचएआई के अधिकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे में बेतिया और पूर्वी चंपारण के बीच गंडक और कोसी नदी पर सबसे बड़ा पुल बनेगा. इसके अलावा बूढ़ी गंडक, बागमती सहित कई छोटी-बड़ी नदियाें पर भी पुल का निर्माण होगा. 540 किमी की दूरी में सड़क-पुलिया निर्माण में 17 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के बीच 16 फ्लाईओवर का निर्माण होगा. एक्सप्रेस-वे में 25 इंटरचेंज सड़क बदलने के लिए बनेंगे, ताकि लोगों काे सुविधा मिले. कुल 31 मेजर ब्रिज होंगे, जिसमें गंडक व कोसी पर बड़ा ब्रिज बनेगा. एक्सप्रेस-वे कई रेल लाइनाें से गुजरेगा, जिसके लिए 9 रेल पुल बनाए जाएंगे.

नए प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण के लिए बढ़ेगी गांवों की संख्या : एनएचएआई के अधिकारी अमरेश कुमार ने बताया कि प्रथम सर्वे के अनुसार, करीब 17 हजार 700 करोड़ रुपये पुल-पुलिया व सड़क पर खर्च होंगे. यह एक्सप्रेस-वे अब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के साथ यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिंक रोड से जोड़ा जा रहा है. इससे दिल्ली जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी. जिसके लिए भूमि अधिग्रहण में सात हजार करोड़ खर्च होंगे. यह प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है. पहले जो प्रोजेक्ट था, उसके लिये कुल 115 गांव की जमीन का अधिग्रहण NHAI करता, लेकिन अब नये प्रोजेक्ट में गांवों की संख्या बढ़ेगी.

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के रूट में बदलाव (Photo credit: NHAI)

इसके तहत कुशीनगर और देवरिया जिले की जमीन भी अधिग्रहित की जाएगी. एक्सप्रेस वे के बीच में ग्रीन लैंड को छोड़कर इसका निर्माण किया जाएगा. इसके निर्माण पर करीब 32 हजार करोड़ रुपए खर्च होने थे. इसकी लागत अब बढ़ेगी. शुरुआत में यह फोर लेन की सड़क बनाई जाएगी, लेकिन जमीन का अधिग्रहण सिक्स लेन के हिसाब से किया जाएगा. इसकी कुल चौड़ाई 75 मीटर रखी जाएगी. वर्ष 2025 तक इसके पूरा होने का अनुमान है.

तीन राज्यों के लोगों को मिलेगी सुविधा : भारत माला परियोजना के तहत भारत-नेपाल सीमा के समानांतर बन रहे इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के बन जाने से, गोरखपुर- सिलीगुड़ी के बीच की दूरी कम हो जाएगी. गोरखपुर में इसकी शुरुआत गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन बाईपास के पास चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के, बसडिला गांव के पास से होगी. तीन राज्यों यूपी, बिहार और बंगाल से गुजरने वाली गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस के बन जाने से, पूर्वोत्तर के राज्यों को जाने वाले वाहनों को एक अलग वैकल्पिक और सुविधाजनक मार्ग मिलेगा. NHAI ने भोपाल की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को इस एक्सप्रेस वे के डीपीआर को तैयार करने का निर्देश दिया है.

2022 से इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. इस प्रोजेक्ट में कोई भी पुरानी सड़क शामिल नहीं है. यह आबादी से दूर बनाई जा रही है. गोरखपुर और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधी सड़क न होने के कारण लोगों को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचने में लगभग 15 घंटे लगते हैं, जबकि गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण से यह समय लगभग 6 घंटे कम हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा नया लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा से जुड़ेगा फर्रुखाबाद

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Last Updated : Aug 14, 2024, 11:34 AM IST
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