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आनलाइन सट्टेबाजी का गोरखपुर में चल रहा खेल, नौकरानी और रिश्तेदारों के अकाउंट का हो रहा इस्तेमाल

गोरखपुर पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के कारोबार का भंडाफोड़ (Betting Exposed in Gorakhpur) किया है. पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर 11 लाख रुपये, सात लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए गए हैं. इनके सरगना मुंबई से लेकर बेंगलुरु और हैदराबाद में हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 7:12 PM IST

गोरखपुर पुलिस ने किया ऑनलाइन सट्टेबाजी का भंडाफोड़. देखें खबर

गोरखपुर : जिले में ऑनलाइन सट्टेबाजी का कारोबार खूब जमकर फल फूल रहा था. सट्टेबाजी के लिए अपने घरों में काम करने वाले नौकर और रिश्तेदारों के अकाउंट का सहारा, सट्टेबाज ले रहे थे और लाभ का बंटवारा गोरखपुर से लेकर मुंबई तक होता था. ऐसे ही एक मामले का पर्दाफाश गोरखपुर पुलिस ने किया है. पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों गोरखपुर में नौकरानी और उसके रिश्तेदारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के मकसद से खाता खुलवाकर करोड़ों रुपये का टर्नओवर हुआ था. इस मामले में लिखित शिकायत एक नौकरानी की तरफ से मिली थी. जिसकी जांच के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में दोनों से चौंकाने वाले खुलासे हुए.



वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि आरोपियों की पहचान कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी, संजय चौरसिया और सिद्धार्थनगर निवासी अजय ठाकुर के रूप में हुई है. दोनों आरोपी मुंबई में बैठे अपने सरगनाओं के लिए सट्टेबाजी करवाते थे और हर हफ्ते 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करते थे. सट्टेबाजी के रुपयों को अपने घरों में काम करने वाले नौकरों, नौकरानियों और रिश्तेदारों के अकाउंट में मंगाया करते थे. आरोपियों ने नौकरानियों और रिश्तेदारों को धोखे में रख बैंक अकाउंट खुलवाए थे. उन्हें यह बताया गया कि आपको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अकाउंट खोला जा रहा है. इसके बाद यह लोग कुछ लाभ देकर सट्टेबाजों के पैसों का लेने देन करने लगे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अनुसार मामला यह तब खुला जब कुछ दिन पहले एक सट्टेबाज के घर में साफ सफाई करने वाली बिहार निवासी महिला लक्ष्मीना और उसके रिश्तेदारों को इस खेल की भनक लगी. उनके खातों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन देन हो चुका था. इससे उनके होश उड़ गए. तभी वह इसकी शिकायत लेकर मिले थे. जांच कराई तो सट्टेबाजी का मामला सामने आया. जांच में सामने आया कि आरोपी गरीब और असहाय लोगों को अपना टारगेट बनाते थे और उनके खाते खुलवाकर उनमें सट्टेबाजी से कमाए गए रुपयों की हेराफेरी करते थे. यह कमाई हर सप्ताह 30 लाख रुपये से ज्यादा की निकली. आईटी सेल और पुलिस की मदद से दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपियों के पास से 11 लाख रुपये, सात लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए गए हैं. जांच में सामने आया है कि इनके सरगना मुंबई से लेकर बेंगलुरु और हैदराबाद में हैं. वहां की पुलिस को सूचना दे दी गई है.

यह भी पढ़ें : आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी सट्टेबाज गिरफ्तार, बेटिंग एप से लगवाता था सट्टा

यह भी पढ़ें : ICC Cricket World Cup 2023 के मैचों पर सट्टा लगाते दो सटोरिए गिरफ्तार, देहरादून पुलिस को बताया कैसे कमाते हैं लाखों

गोरखपुर पुलिस ने किया ऑनलाइन सट्टेबाजी का भंडाफोड़. देखें खबर

गोरखपुर : जिले में ऑनलाइन सट्टेबाजी का कारोबार खूब जमकर फल फूल रहा था. सट्टेबाजी के लिए अपने घरों में काम करने वाले नौकर और रिश्तेदारों के अकाउंट का सहारा, सट्टेबाज ले रहे थे और लाभ का बंटवारा गोरखपुर से लेकर मुंबई तक होता था. ऐसे ही एक मामले का पर्दाफाश गोरखपुर पुलिस ने किया है. पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों गोरखपुर में नौकरानी और उसके रिश्तेदारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के मकसद से खाता खुलवाकर करोड़ों रुपये का टर्नओवर हुआ था. इस मामले में लिखित शिकायत एक नौकरानी की तरफ से मिली थी. जिसकी जांच के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में दोनों से चौंकाने वाले खुलासे हुए.



वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि आरोपियों की पहचान कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी, संजय चौरसिया और सिद्धार्थनगर निवासी अजय ठाकुर के रूप में हुई है. दोनों आरोपी मुंबई में बैठे अपने सरगनाओं के लिए सट्टेबाजी करवाते थे और हर हफ्ते 30 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करते थे. सट्टेबाजी के रुपयों को अपने घरों में काम करने वाले नौकरों, नौकरानियों और रिश्तेदारों के अकाउंट में मंगाया करते थे. आरोपियों ने नौकरानियों और रिश्तेदारों को धोखे में रख बैंक अकाउंट खुलवाए थे. उन्हें यह बताया गया कि आपको सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अकाउंट खोला जा रहा है. इसके बाद यह लोग कुछ लाभ देकर सट्टेबाजों के पैसों का लेने देन करने लगे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अनुसार मामला यह तब खुला जब कुछ दिन पहले एक सट्टेबाज के घर में साफ सफाई करने वाली बिहार निवासी महिला लक्ष्मीना और उसके रिश्तेदारों को इस खेल की भनक लगी. उनके खातों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन देन हो चुका था. इससे उनके होश उड़ गए. तभी वह इसकी शिकायत लेकर मिले थे. जांच कराई तो सट्टेबाजी का मामला सामने आया. जांच में सामने आया कि आरोपी गरीब और असहाय लोगों को अपना टारगेट बनाते थे और उनके खाते खुलवाकर उनमें सट्टेबाजी से कमाए गए रुपयों की हेराफेरी करते थे. यह कमाई हर सप्ताह 30 लाख रुपये से ज्यादा की निकली. आईटी सेल और पुलिस की मदद से दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. आरोपियों के पास से 11 लाख रुपये, सात लैपटॉप और मोबाइल बरामद किए गए हैं. जांच में सामने आया है कि इनके सरगना मुंबई से लेकर बेंगलुरु और हैदराबाद में हैं. वहां की पुलिस को सूचना दे दी गई है.

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