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आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का केंद्र बनेगा गोरखपुर का BRD मेडिकल कॉलेज; सटीक जांच से इलाज में मिलेगी मदद - BRD Medical College

गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आनुवांशिक बीमारियों का सटीक इलाज शुरू हो जाएगा. यहां माइक्रोबायोलॉजी विभाग में RTPCR मशीन सितंबर में ही आनी है, जिसके बाद जेनेटिक बीमारियों की जांच आसान हो जाएगी.

आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का केंद्र बनेगा गोरखपुर का BRD मेडिकल कॉलेज
आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का केंद्र बनेगा गोरखपुर का BRD मेडिकल कॉलेज (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 6:15 PM IST

गोरखपुर : BRD मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आनुवांशिक बीमारियों का सटीक इलाज शुरू हो जाएगा. यहां माइक्रोबायोलॉजी विभाग में RTPCR मशीन सितंबर में ही आनी है, जिसके बाद जेनेटिक बीमारियों की जांच आसान हो जाएगी, इसके अनुरूप ही दवाएं दी जाएंगी, जिससे इलाज कारगर होगा. यहां बता दें कि इस तरह की जांच के लिए अभी तक यूपी में सिर्फ PGI लखनऊ में ही सुविधा है. इसके बाद गोरखपुर में यह सहूलियत उपलब्ध हो जाएगी. इस तरह आनुवांशिक रोगों के इलाज का गोरखपुर बड़ा केंद्र बन जाएगा. उम्मीद है कि सितंबर के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी.

आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का केंद्र बनेगा गोरखपुर का BRD मेडिकल कॉलेज (Video Credit; ETV Bharat)

दूर की जा सकती हैं आनुवांशिक बीमारियां : कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर रामकुमार जायसवाल ने बताया कि जीन की गड़बड़ी दूर कर मरीज को आनुवंशिक बीमारी से मुक्त किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए ही जेनेटिक मेडिसिन विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज में खोला गया है. वर्तमान में कुछ ऐसी दवाएं हैं, जिनसे जीन की बीमारी ठीक की जा रही है, लेकिन इसका विस्तार होना जरूरी है. बताया कि इसमें ज्यादातर मामले स्त्री और प्रसूति रोग से जुड़े होते हैं. इसके साथ ही चर्म, नेत्र और अस्थि से जुड़ी बीमारियां भी आनुवांशिक होती हैं. जब इसकी ओपीडी शुरू होगी तो ऐसी बीमारियों को शोध का आधार भी बनाया जाएगा.

अभी तक सिर्फ लखनऊ में सुविधा : प्राचार्य के मुताबिक ऐसे मरीजों को पहले रेफर करना पड़ता था. अब कॉलेज परिसर के अंदर आनुवांशिक बीमारियों की पहचान और उसके इलाज का केंद्र खुल जाने से लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. गोरखपुर, बस्ती मंडल, बिहार और नेपाल के रोगियों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी. उनका समय और खर्च दोनों बचेगा. बताया कि अभी तक जेनेटिक मेडिसिन विभाग केवल संजय गांधी पीजी संस्थान लखनऊ में ही संचालित हो रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज इसका दूसरा केंद्र होगा, जहां यह सुविधा मिलेगी.

500 बेड के बाल रोग चिकित्सा संस्थान में इस विभाग के लिए जगह चिन्हित की गई थी, जहां पर अब यह केंद्र खोल दिया गया है. डॉक्टरों की हड़ताल के बाद इसमें मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा बताया कि किसी अनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त माता के गर्भ में पल रहे शिशु की भी जांच कर ऐसी दवा दी जाएगी, जिससे बच्चा उस बीमारी से दूर रहे.

होगी सटीक जांच: प्राचार्य के मुताबिक माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर मशीन से बीमारी के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी. यह मशीन जल्दी ही स्थापित हो जाएगी. बहुत जरूरी होने पर जीन की जांच क्षेत्रीय और विज्ञान अनुसंधान केंद्र में भी नमूने भेजे जाएंगे. जांच मशीन का प्रस्ताव शासन को जा चुका है. मुख्यमंत्री द्वारा इस केंद्र के उद्घाटन के बाद जरूरी सुविधाओं के जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें : मिलावटी सरसों तेल और मिर्च-मसाले, फास्टफूड खा रहे हैं तो हो जाएं सावधान, पित्त की थैली में पथरी-कैंसर का खतरा - Gallbladder Cancer

गोरखपुर : BRD मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आनुवांशिक बीमारियों का सटीक इलाज शुरू हो जाएगा. यहां माइक्रोबायोलॉजी विभाग में RTPCR मशीन सितंबर में ही आनी है, जिसके बाद जेनेटिक बीमारियों की जांच आसान हो जाएगी, इसके अनुरूप ही दवाएं दी जाएंगी, जिससे इलाज कारगर होगा. यहां बता दें कि इस तरह की जांच के लिए अभी तक यूपी में सिर्फ PGI लखनऊ में ही सुविधा है. इसके बाद गोरखपुर में यह सहूलियत उपलब्ध हो जाएगी. इस तरह आनुवांशिक रोगों के इलाज का गोरखपुर बड़ा केंद्र बन जाएगा. उम्मीद है कि सितंबर के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी.

आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का केंद्र बनेगा गोरखपुर का BRD मेडिकल कॉलेज (Video Credit; ETV Bharat)

दूर की जा सकती हैं आनुवांशिक बीमारियां : कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर रामकुमार जायसवाल ने बताया कि जीन की गड़बड़ी दूर कर मरीज को आनुवंशिक बीमारी से मुक्त किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए ही जेनेटिक मेडिसिन विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज में खोला गया है. वर्तमान में कुछ ऐसी दवाएं हैं, जिनसे जीन की बीमारी ठीक की जा रही है, लेकिन इसका विस्तार होना जरूरी है. बताया कि इसमें ज्यादातर मामले स्त्री और प्रसूति रोग से जुड़े होते हैं. इसके साथ ही चर्म, नेत्र और अस्थि से जुड़ी बीमारियां भी आनुवांशिक होती हैं. जब इसकी ओपीडी शुरू होगी तो ऐसी बीमारियों को शोध का आधार भी बनाया जाएगा.

अभी तक सिर्फ लखनऊ में सुविधा : प्राचार्य के मुताबिक ऐसे मरीजों को पहले रेफर करना पड़ता था. अब कॉलेज परिसर के अंदर आनुवांशिक बीमारियों की पहचान और उसके इलाज का केंद्र खुल जाने से लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. गोरखपुर, बस्ती मंडल, बिहार और नेपाल के रोगियों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी. उनका समय और खर्च दोनों बचेगा. बताया कि अभी तक जेनेटिक मेडिसिन विभाग केवल संजय गांधी पीजी संस्थान लखनऊ में ही संचालित हो रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज इसका दूसरा केंद्र होगा, जहां यह सुविधा मिलेगी.

500 बेड के बाल रोग चिकित्सा संस्थान में इस विभाग के लिए जगह चिन्हित की गई थी, जहां पर अब यह केंद्र खोल दिया गया है. डॉक्टरों की हड़ताल के बाद इसमें मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा बताया कि किसी अनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त माता के गर्भ में पल रहे शिशु की भी जांच कर ऐसी दवा दी जाएगी, जिससे बच्चा उस बीमारी से दूर रहे.

होगी सटीक जांच: प्राचार्य के मुताबिक माइक्रोबायोलॉजी विभाग में आरटीपीसीआर मशीन से बीमारी के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी. यह मशीन जल्दी ही स्थापित हो जाएगी. बहुत जरूरी होने पर जीन की जांच क्षेत्रीय और विज्ञान अनुसंधान केंद्र में भी नमूने भेजे जाएंगे. जांच मशीन का प्रस्ताव शासन को जा चुका है. मुख्यमंत्री द्वारा इस केंद्र के उद्घाटन के बाद जरूरी सुविधाओं के जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

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