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गोरखपुर एम्स के नए निदेशक बोले- मरीजों को 24 घंटे मिलेगा इलाज, पर्चा काउंटर की संख्या बढ़ेगी - GORAKHPUR NEWS - GORAKHPUR NEWS

गोरखपुर एम्स के एडिशनल डायरेक्टर डॉ अजय सिंह ने ओपीडी सेवाओं (GORAKHPUR NEWS) को बढ़ाने का निर्देश दिया है. मरीजों को अब बिना इलाज लौटना नहीं पड़ेगा.

गोरखपुर एम्स
गोरखपुर एम्स (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 12:53 PM IST

गोरखपुर : भोपाल एम्स के एडिशनल डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ अजय सिंह ने रविवार की शाम गोरखपुर एम्स पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एम्स गोरखपुर की जिम्मेदारी उनके लिए थोड़ी मुश्किल भरी जरूर है, लेकिन इस जिम्मेदारी के मिलने से वह उत्साहित भी हैं.

जानकारी देते गोरखपुर एम्स के एडिशनल डायरेक्टर डॉ अजय सिंह (Video credit: ETV Bharat)

पर्चा काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी : सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स को लेकर जो भी जानकारी उनके पास है, उसके मुताबिक यहां आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए हर पहलु पर वह विशेष तौर पर कार्य करने की पहल करेंगे. पर्चा काउंटर से लेकर भुगतान काउंटर तक की संख्या बढ़ाई जाएगी. महिला, पुरुष, वरिष्ठ नागरिक सबके लिए अलग काउंटर होगा, जिससे ओपीडी से लेकर कहीं पर भी मरीज को कोई समस्या न आये. एम्स के अंदर मौजूद सभी 16 ऑपरेशन थिएटर अति शीघ्र संचालित होंगे जो मौजूदा समय में चार की संख्या में संचालित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह होगी कि यहां के ट्राॅमा सेंटर पहुंचने वाले मरीज को हर हाल में फर्स्ट एड देने की सुविधा शुरू की जाएगी. जिस सुविधा का अभाव है उस दशा में ही मरीज को यहां से रेफर किया जाएगा. यही नहीं उन्होंने 6 के 6 दिन ओपीडी संचालित करने पर जोर दिया है और प्रत्येक ओपीडी में दो सीनियर रेजीडेंट को मौजूद रहते हुए मरीजों को इलाज और परामर्श देना होगा. यह उन्होंने तय कर दिया है.

15 लाख रुपए का बजट तैयार : उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स जिस उद्देश्य से स्थापित हुआ है उसको पूरा करने के लिए जो भी जरूरतें हैं उसे लागू करवाने की कोशिश होगी. फिलहाल वह 3 महीने के लिए प्रभारी एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए हैं, लेकिन इस समय को भी वह अपने लिए एक चैलेंज के रूप में लेते हैं, जिसमें व्यवस्थाओं में बेहतरी लाने का प्रयास होगा. शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी एम्स प्रबंधन 15 लाख रुपए का बजट तैयार कर रखा है, जिससे न सिर्फ इलाज, बल्कि समस्याओं के असली वजह तक भी पहुंचा जा सकेगा. डॉ अजय सिंह ने कहा कि बहुत कुछ समस्याएं संवाद के स्थापित होने से समाप्त हो जाती हैं. ऐसे में उनकी कोशिश होगी मरीज और डॉक्टर यहां तक की सिक्योरिटी गार्ड और एम्स में पढ़ने वाले छात्रों के बीच, जिस भी विषय को लेकर नकारात्मकता स्थापित है, उसको संवाद स्थापित करके दूर किया जाए. इससे समस्याओं का निदान होगा और एम्स की छवि परिसर से बाहर अच्छी निकलकर जाएगी और सुधार की गुंजाइश भी बढ़ जाएगी.

24 घंटे मिलेगी इलाज की सुविधा : उन्होंने कहा कि एम्स गोरखपुर की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को 24 घंटे सुविधा इलाज की मिलेगी. कुछ ऐसे मरीज जो किसी कारण बस धन के भाव में इलाज से वंचित हो जाते हैं, उन्हें गंभीर परिस्थितियों में इलाज देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. धन की कमी आड़े नहीं आएगी. मरीज के परिजन जो रैन बसेरे में रहते हैं उसके शुल्क की भी समीक्षा की जाएगी. उम्मीद है कि उसमें कुछ कटौती की जाए जिससे परिजनों को लाभ मिले. इसके अलावा जो 551 बेड मरीज के भर्ती के लिए संचालित हैं, वहां पर सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. ब्लड सैंपल लेने के लिए एम्स की पैथोलॉजी से अब बेड तक टीम जाएगी. साथ ही हर विभाग के हिसाब से जितने बेड आवंटित हैं उनमें दो-दो बेड आईसीयू के हों इसकी भी कोशिश होगी. एमबीबीएस डॉक्टर को भी आईसीयू के संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे मरीज को इसकी सुविधा उसी वार्ड में मिलने में सहूलियत हो सके.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर एम्स डायरेक्टर की छुट्टी, बेटे के एडमिशन मामले में नपे, जाने किसे मिला प्रभार - Gorakhpur AIIMS director removed

यह भी पढ़ें : गंजेपन से परेशान हैं तो गोरखपुर एम्स आइए, फॉलिकुलर ग्राफ्टिंग टेक्नोलॉजी से कभी नहीं गिरेंगे बाल

गोरखपुर : भोपाल एम्स के एडिशनल डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ अजय सिंह ने रविवार की शाम गोरखपुर एम्स पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एम्स गोरखपुर की जिम्मेदारी उनके लिए थोड़ी मुश्किल भरी जरूर है, लेकिन इस जिम्मेदारी के मिलने से वह उत्साहित भी हैं.

जानकारी देते गोरखपुर एम्स के एडिशनल डायरेक्टर डॉ अजय सिंह (Video credit: ETV Bharat)

पर्चा काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी : सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स को लेकर जो भी जानकारी उनके पास है, उसके मुताबिक यहां आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए हर पहलु पर वह विशेष तौर पर कार्य करने की पहल करेंगे. पर्चा काउंटर से लेकर भुगतान काउंटर तक की संख्या बढ़ाई जाएगी. महिला, पुरुष, वरिष्ठ नागरिक सबके लिए अलग काउंटर होगा, जिससे ओपीडी से लेकर कहीं पर भी मरीज को कोई समस्या न आये. एम्स के अंदर मौजूद सभी 16 ऑपरेशन थिएटर अति शीघ्र संचालित होंगे जो मौजूदा समय में चार की संख्या में संचालित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह होगी कि यहां के ट्राॅमा सेंटर पहुंचने वाले मरीज को हर हाल में फर्स्ट एड देने की सुविधा शुरू की जाएगी. जिस सुविधा का अभाव है उस दशा में ही मरीज को यहां से रेफर किया जाएगा. यही नहीं उन्होंने 6 के 6 दिन ओपीडी संचालित करने पर जोर दिया है और प्रत्येक ओपीडी में दो सीनियर रेजीडेंट को मौजूद रहते हुए मरीजों को इलाज और परामर्श देना होगा. यह उन्होंने तय कर दिया है.

15 लाख रुपए का बजट तैयार : उन्होंने कहा कि गोरखपुर एम्स जिस उद्देश्य से स्थापित हुआ है उसको पूरा करने के लिए जो भी जरूरतें हैं उसे लागू करवाने की कोशिश होगी. फिलहाल वह 3 महीने के लिए प्रभारी एडिशनल डायरेक्टर बनाए गए हैं, लेकिन इस समय को भी वह अपने लिए एक चैलेंज के रूप में लेते हैं, जिसमें व्यवस्थाओं में बेहतरी लाने का प्रयास होगा. शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी एम्स प्रबंधन 15 लाख रुपए का बजट तैयार कर रखा है, जिससे न सिर्फ इलाज, बल्कि समस्याओं के असली वजह तक भी पहुंचा जा सकेगा. डॉ अजय सिंह ने कहा कि बहुत कुछ समस्याएं संवाद के स्थापित होने से समाप्त हो जाती हैं. ऐसे में उनकी कोशिश होगी मरीज और डॉक्टर यहां तक की सिक्योरिटी गार्ड और एम्स में पढ़ने वाले छात्रों के बीच, जिस भी विषय को लेकर नकारात्मकता स्थापित है, उसको संवाद स्थापित करके दूर किया जाए. इससे समस्याओं का निदान होगा और एम्स की छवि परिसर से बाहर अच्छी निकलकर जाएगी और सुधार की गुंजाइश भी बढ़ जाएगी.

24 घंटे मिलेगी इलाज की सुविधा : उन्होंने कहा कि एम्स गोरखपुर की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को 24 घंटे सुविधा इलाज की मिलेगी. कुछ ऐसे मरीज जो किसी कारण बस धन के भाव में इलाज से वंचित हो जाते हैं, उन्हें गंभीर परिस्थितियों में इलाज देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. धन की कमी आड़े नहीं आएगी. मरीज के परिजन जो रैन बसेरे में रहते हैं उसके शुल्क की भी समीक्षा की जाएगी. उम्मीद है कि उसमें कुछ कटौती की जाए जिससे परिजनों को लाभ मिले. इसके अलावा जो 551 बेड मरीज के भर्ती के लिए संचालित हैं, वहां पर सारी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. ब्लड सैंपल लेने के लिए एम्स की पैथोलॉजी से अब बेड तक टीम जाएगी. साथ ही हर विभाग के हिसाब से जितने बेड आवंटित हैं उनमें दो-दो बेड आईसीयू के हों इसकी भी कोशिश होगी. एमबीबीएस डॉक्टर को भी आईसीयू के संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे मरीज को इसकी सुविधा उसी वार्ड में मिलने में सहूलियत हो सके.

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