जयपुर: राजधानी जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व से खुशी की खबर सामने आई है. झालाना लेपर्ड रिजर्व में मादा लेपर्ड फ्लोरा 3 नन्हे शावकों के साथ नजर आई है. लेपर्ड फ्लोरा के साथ तीनों शावकों की यह तस्वीर वाटर पॉइंट पर लगे ट्रैप कमरे में कैद हुई है. फ्लोरा नन्हे शावकों के साथ वाटर पॉइंट पर पानी पीने आई थी. इस दौरान ट्रैप कमरे में फोटो कैद हो गई. नन्हें शावकों के दिखने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है. वहीं, डीएफओ जगदीश गुप्ता ने मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
डीएफओ जगदीश गुप्ता ने रविवार को बताया कि झालाना लेपर्ड रिजर्व में वाटर पॉइंट के पास मादा लेपर्ड फ्लोरा 3 नन्हे शावकों के साथ नजर आई है. यह तस्वीर ट्रैप कैमरे में कैद हो गई. झालाना में नन्हे शावकों की साइटिंग पर्यटकों के लिए भी खास आकर्षण का केंद्र रहती है. लेपर्ड के साथ उनके शावकों को देखकर पर्यटक भी रोमांचक अनुभव लेते हैं. झालाना लेपर्ड रिजर्व में नन्हे शावक नजर आने से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. इससे पहले मादा लेपर्ड शर्मीली के साथ दो शावक नजर आए थे. झालाना लेपर्ड रिजर्व में लगातार वन्यजीवों का कुनबा बढ़ रहा है.
पढ़ें : जयपुर के नाहरगढ़ से आई खुशखबरी, 'तारा' ने दिया शावक को जन्म
डीसीएफ जगदीश गुप्ता के मुताबिक जयपुर शहर के बीचो बीच झालाना जंगल का अद्भुत दृश्य देख पर्यटक भी रोमांचित होते हैं. नन्हे शावक नजर आने के बाद से ही वन विभाग की ओर से लेपर्ड फ्लोरा और उसके शावकों की विशेष निगरानी रखी जा रही है. इससे पहले चार मादा लेपर्ड 6 शावकों के साथ नजर आ चुकी है. इससे पहले मादा लेपर्ड शर्मीली, जलेबी, एलके भी नन्हे शावकों के साथ नजर आ चुकी है. नए शावकों के जन्म के दो-तीन महीने तक मादा लेपर्ड उन्हें छुपा कर रखती है. आने वाले दिनों में और भी नन्हें शावक अन्य मादा लेपर्ड के साथ नजर आने की उम्मीद है.
वन्यजीव प्रेमियों ने भी नए शावक आने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि झालाना में लेपर्ड का कुनबा बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. लगातार झालाना में लेपर्ड्स का कुनबा बढ़ रहा है. झालाना लेपर्ड रिजर्व में करीब 40 से अधिक लेपर्ड्स हो चुके हैं. दूरदराज से पर्यटक झालाना लेपर्ड सफारी करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर जंगल की खूबसूरती और लेपर्ड्स की साइटिंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. झालाना जंगल में कई प्रजातियों के पक्षी भी देखे जाते हैं. वन्यजीव प्रेमी और पक्षी प्रेमी भी यहां पहुंच कर जंगल को निहारते हैं.