रायपुर: नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार वोटिंग प्रतिशत बढ़ता जा रहा है. 2019 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2023 का विधानसभा चुनाव. हर बार चुनाव आयोग के आंकड़े ये बताते हैं कि किस तेजी से लोगों की जागरुकता वोटिंग के प्रति बढ़ी है. गांव का गरीब और किसान दोनों अब अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए वोटिंग के दिन घर से निकलता है. उसे कोई भी लालच और डर उसे अपने अधिकार के इस्तेमाल से डिगा नहीं पाता. बस्तर में जहां पहले नक्सली चुनाव के दौरान खौफ पैदा करने के लिए धमाके करते थे. गांव में बैठक कर लोगों को डराते थे. नक्सलियों का अब ये डर लोगों के जहन से दूर हो चुका है. बैलेट अब बारूद पर भारी पड़ रहा है.
बैलेट अब बारूद पर पड़ रहा भारी: पिछले दो से तीन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो बस्तर में तेजी से वोटिंग का प्रतिशत बढ़ा है. वोटिंग का जो आंकड़ा बढ़ा है वो आबादी के हिसाब से नहीं बल्कि जागरुकता के हिसाब से बढ़ा है. बस्तर में लगातार बढ़ते वोटिंग के आंकड़ों से चुनाव आयोग भी खुश है. चुनाव आयोग लंबे वक्त से लोगों को वोट के अधिकार के लिए जागरुक करता आ रहा है. सोशल मीडिया कैंपेन और टीवी रेडियो ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है. बस्तर में तेजी से विकास की रफ्तार भी बढ़ी है. बस्तर का युवा और किसान अब दोनों विकास की बात करने लगे हैं. बस्तर का युवा भी अब रायपुर जैसी सुविधाओं की मांग करने लगा है. लोगों को ये पता चल गया है कि जब उनकी अपनी चुनी हुई सरकार और चुने हुए प्रतिनिधि होंगे तभी उनका विकास हो पाएगा.
साल | वोट प्रतिशत | पहला नंबर | दूसरा नंबर | कुल मत |
1952 | 55.65 | निर्दलीय 177588 मत 83.05 वोट % | कांग्रेस 36257 मत 16.95 वोट % | 213845 |
1957 | 49.35 | कांग्रेस 140961 मत 77.18 वोट % | निर्दलीय 41684 मत 22.82 वोट % | 182645 |
1962 | 51.93 | निर्दलीय 87557 मत 46.66 | निर्दलीय 61348 मत 32.69 | 187656 |
1967 | 50.27 | निर्दलीय 53798 मत 27.85 वोट % | बीजेएस 36531 मत 18.91 वोट % | 193182 |
1971 | 48.41 | निर्दलीय 42207 मत 21.08 वोट % | निर्दलीय 34713 मत 17.34 वोट % | 200216 |
1977 | 42.9 | BLD 101007 53.47 वोट % | कांग्रेस 50953 मत 26.98 वोट % | 188889 |
1980 | 37.21 | कांग्रेस 62014 मत 35.66 वोट % | जेएनपी 46964 मत 27.00 वोट % | 173925 |
1984 | 40.45 | कांग्रेस 118729 मत 54.66 वोट % | सीपीआई 42419 मत 19.53 वोट % | 217204 |
1989 | 34.8 | कांग्रेस 101131 मत 41.87 वोट % | बीजेपी 64905 मत 26.87 वोट % | 241520 |
1991 | 27.21 | कांग्रेस 87993 मत 44.87 वोट % | बीजेपी 70973 मत 36.19 वोट % | 196108 |
1996 | 45.76 | IND 124322 मत 32.15 वोट % | कांग्रेस 110265 मत 28.51 वोट % | 386701 |
1998 | 41.33 | बीजेपी 151484 मत 42.27 वोट % | कांग्रेस 134603 मत 37.56 वोट % | 358371 |
1999 | 39.35 | बीजेपी 155421 मत 43.58 वोट % | कांग्रेस 134684 मत 37.77 वोट % | 356603 |
2004 | 43.33 | बीजेपी 212,893 47. 26 वोट % | कांग्रेस 158,520 मत 35. 19 वोट % | 450425 |
2009 | 47.34 | बीजेपी 249373 मत 44.16 वोट % | कांग्रेस 149111 मत 26.40 वोट % | 564711 |
2014 | 59.32 | बीजेपी 385,829 मत 52.77 वोट % | कांग्रेस 261,470 मत 35.76 वोट % | 731141 |
2019 | 66.19 | कांग्रेस 402527 मत 46.2 वोट % | बीजेपी 363545 मत 41.73 वोट % | 871179 |
2024 |
- चुनाव आयोग की कड़ी मेहनत से बदले आंकड़े: साल 1999 की बात की जाए तो बस्तर लोकसभा सीट पर 29.16 प्रतिशत मतदान रहा. इसके बाद साल 2000 में छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ और उसके बाद 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़कर 34.79 प्रतिशत हुआ. यानी साल 2019 के बाद साल 2004 में हुए मतदान में 8.91% वोट में बढ़ोतरी हुई. इसी तरह साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में यह वोट प्रतिशत बढ़कर 42.92% हो गया. यानि इस बार के चुनाव में 14.78 प्रतिशत मतदान ज्यादा हुआ. साल 2014 में 57.68 प्रतिशत वोट पड़े जो पिछली बार की अपेक्षा 8.8 प्रतिशत ज्यादा थी. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट पर 65.01% मतदान हुआ. इस बार 6.34 प्रतिशत अधिक मतदान इस सीट पर हुआ. कहा जा सकता है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद बस्तर में लगातार वोट प्रतिशत बढ़ रहा है.
हर चुनाव में बढ़े वोट प्रतिशत
साल 1999 29.16 % मतदान हुआ
साल 2004 34.79 % मतदान हुआ जो कि पिछली बार की अपेक्षा 8.91 % अधिक रहा
साल 2009 42.92 % मतदान हुआ जो कि पिछली बार की अपेक्षा 14.78 % अधिक रहा
साल 2014 57.68 % मतदान हुआ जो कि पिछली बार की अपेक्षा 8.8 % अधिक रहा
साल 2019 65.01 % मतदान हुआ जो कि पिछली बार की अपेक्षा 6.24 % अधिक रहा
बस्तर के अंदरुनी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी अब विकास चाहते हैं. उनको पता है कि वोट करेंगे उनकी सरकार बनेगी उनकी जरुरतों पर काम होगा. सुविधाएं चाहिए तो वोट जरूर देना होगा. सोशल मीडिया के चलते भी बस्तर में क्रांति आई. नक्सल प्रभावित इलाकों के लोग भी ये मानने लगे कि उनकी सहभागिता होगी तभी विकास होगा. - वर्णिका शर्मा, नक्सल एक्सपर्ट
कांग्रेस ने क्या कहा: बस्तर में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने को कांग्रेस अपनी सरकार की कामयाबी बता रही है. कांग्रेस की ओर से इसे 5 साल के भूपेश बघेल के कार्य से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस का कहना है कि बघेल सरकार के कार्यकाल में बस्तर में कई ऐसे काम किए गए जिससे लोगों में मतदान को लेकर जागरुकता बढ़ी
राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बेहतर काम किया गया. सुविधा दी गई योजनाओं का लाभ दिया गया. बस्तर में लोगों तक सुविधाएं पहुंचाई जिससे वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई. हमने पांच साल जो काम विकास का किया ये उसकी का नतीजा है कि लोग वोट के लिए आगे आ रहे हैं. - धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
बीजेपी ने अपनी पीठ थपथपाई: बीजेपी बस्तर में हुए विकास कार्यों की दुहाई दे रही है. बीजेपी का कहना है कि रमन सिंह के 15 साल के शासन में बस्तर में चौतरफा विकास हुआ. बस्तर के अंदरुनी इलाकों तक सड़कें बनी जिससे लोग एक दूसरे से कनेक्ट हो पाए. इस तरह चुनाव के प्रति भी लोगों में जागरुकता आई.
15 साल छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही इस दौरान नक्सल क्षेत्र में विकास कार्य किए गए, सड़क बनवाई गई. आज उस क्षेत्र में जो भी सुख सुविधा मौजूद है वह भाजपा सरकार के द्वारा किया गया. लोग वोट के प्रति जागरुक हुए तो उसमें भाजपा का बड़ा योगदान रहा है. - अमित साहू, प्रदेश प्रवक्ता ,भाजपा
वोटिंग परसेंटेज के बढ़ने के पीछे कई कारण है. उस क्षेत्र में लगातार विकास हुआ है. चुनाव की बात की जाए तो सबसे पहले चुनाव आयोग की व्यवस्था, दूसरा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, तीसरा सोशल मीडिया के जरिए प्रचार प्रसार. ये सभी प्रमुख कारण हैं जिसके चलते वोटिंग प्रतिशत में लगातार इजाफा होता चला आ रहा है. - उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
बस्तर दे रहा अब विकास का संदेश: बस्तर के भोले भाले आदिवासियों को अब न तो नेता और नहीं नक्सली बहका सकते हैं. बस्तर का आदिवासी अब अपनी ताकत पहचान गया है. वो दिन दूर नहीं है जब बस्तर का आम आदमी सरकारी दफ्तर में आरटीआई फाइल कर अपने इलाके के विकास की जानकारी मांगे.