गिरिडीहः झारखंड में विधानसभा चुनाव में भले ही 10 माह की देरी हो लेकिन चुनाव का रंग अभी से चढ़ने लगा है. इस रंग में गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र के पीरटांड़ के लोग भी दिख रहे हैं. अभी से ही यहां के लोग गोलबंद हो रहे हैं. लोगों की मांग विधानसभा में पीरटांड़ से उम्मीदवार बनाने की है. इसके लिए लगातार बैठक हो रही है.
विधानसभा चुनाव में पीरटांड़ से उम्मीदवार की मांग को लेकर प्रखंड के हरकटवा नदी के किनारे मंजुरा मैदान में बैठक कर चिंतन-मंथन किया गया. प्रमुख सविता टुडू और सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार साहू ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मंथन शिविर में उपप्रमुख महेंद्र प्रसाद महतो के साथ कई पंचायत प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. यहां मौजूद लोगों ने पीरटांड़ की समस्या और उपेक्षा की चर्चा की. उन्होंने बताया कि आजादी के बाद कभी भी यहां के स्थानीय को किसी भी राजनीतिक दल ने टिकट नहीं दिया. यह भी कहा कि राजनीतिक उपेक्षा के कारण इस क्षेत्र का समुचित विकास भी नहीं हो सका. लोगों ने साफ कहा कि कोई भी राजनीतिक दल यहां के किसी भी व्यक्ति को टिकट देते हैं तो उसका समर्थन होगा नहीं तो पीरटांड़ की जनता खुद ही अपना उम्मीदवार चुनेगी और चुनावी मैदान में खड़ा करवाएगी.
इस मंथन शिविर में प्रखंड क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी चर्चा की गई. वक्ताओं ने कहा कि अंचल-प्रखंड में बगैर रिश्वत काम नहीं होता, पुलिस बालू गाड़ी पकड़ती है और गरीबों को प्रताड़ित करती है. मनोज साहू ने कहा कि अब यहां की अस्मिता सें जुड़ा हुआ सवाल है. ऐसे में लोग गोलबंद हो रहे हैं. इस दौरान केशव पाठक, ओमप्रकाश महतो, भवानी टुडू, गुड्डू मंडल, पिंटू समेत कई लोग मौजूद रहे.
पीरटांड़ का राजनीतिक महत्वः पीरटांड़ प्रखंड गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में आता है. यहां भाजपा और झामुमो दोनों के वोटर हैं. कहा जाता है कि गिरिडीह विधानसभा में जीत-हार पीरटांड़ ही तय करती है. यहां जिसका पलड़ा भारी होता है वही इस सीट पर काबिज हो पाता है. ऐसे में यहां के लोग स्थानीय उम्मीदवार की मांग को लेकर अभी से गोलबंद हो रहे हैं तो सियासी दलों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है.
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