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कृष्णानंद राय हत्याकांड, एक साथ 7 लोगों का कत्ल, किस तरह अंसारी परिवार ने भुगता खामियाजा, पढ़िए डिटेल - Krishnanand Rai murder case - KRISHNANAND RAI MURDER CASE

साल 2005 में 29 नवंबर को गाजीपुर में गोलियों की बौछार कर कृष्णानंद राय समेत कई लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड ने अब तक अंसारी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा, मुख्तार से लेकर अफजाल अंसारी तक को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा.

हत्याकांड से अंसारी परिवार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
हत्याकांड से अंसारी परिवार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 29, 2024, 12:26 PM IST

गाजीपुर : जिले के मोहम्मदाबाद विधानसभा से बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की 29 नवंबर 2005 को अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. वारदात भांवरकोल थाना क्षेत्र के बसेनिया चट्टी के पास हुई थी. हत्याकांड का आरोप अंसारी परिवार पर लगा. मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को कृष्णानंद राय के परिवार ने मुख्य आरोपी बनाया. वारदात के दिन से लेकर आज तक इस सनसनीखेज हत्याकांड ने अंसारी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा.

कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी सीबीआई कोर्ट से बरी हो गए थे, लेकिन इसके बाद भी अंसारी परिवार को राहत नहीं मिली. हत्याकांड से जुड़े मामले को लेकर गैंगचार्ट बनाया गया और मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर 120बी के तहत मोहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया.

इसके बाद मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चलने लगा. बीते 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड के गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की सजा और अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा सुनाई. इसके बाद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता भी रद्द हो गई थी. मूल मुकदमे में अंसारी बंधु सीबीआई कोर्ट से बरी हो गए लेकिन गैंगस्टर के मामले में अभी तक कोई राहत नहीं मिली.

गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को सजा सुनाई थी. इसके बाद अफजाल अंसारी गाजीपुर जेल चले गए, जबकि मुख्तार अंसारी पूर्व से ही बांदा जेल में बंद थे. इस फैसले के खिलाफ अफजाल अंसारी हाईकोर्ट चले गए लेकिन यहां से भी राहत नहीं मिली. स्वास्थ्य कारणों से अफजाल अंसारी को केवल जमानत ही मिल पाई थी.

इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी. इसके बाद संसद की सदस्यता भी बहाल हो गई. अफजाल अंसारी को संसद में बैठने और किसी भी मतदान का हिस्सा नहीं बनने पर रोक लगा दी गई थी. एक बार फिर अफजाल अंसारी 2024 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए.

यहां भी कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर के मामले ने अंसारी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा. प्रयागराज हाईकोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में सुनवाई करते हुए अफजाल अंसारी के अधिवक्ताओं के पक्ष को सुना. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष भी हाईकोर्ट ने सुना. सुनवाई पूरी कर ली गई. 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया गया. आज 29 जुलाई को गैंगस्टर के मामले में फैसला आना है.

यह भी पढ़ें : अफजाल अंसारी की सांसदी रहेगी या जाएगी?, हाईकोर्ट आज सुनाएगी फैसला, आखिर 29 तारीख से क्या है खास कनेक्शन?

गाजीपुर : जिले के मोहम्मदाबाद विधानसभा से बीजेपी के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की 29 नवंबर 2005 को अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी. वारदात भांवरकोल थाना क्षेत्र के बसेनिया चट्टी के पास हुई थी. हत्याकांड का आरोप अंसारी परिवार पर लगा. मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को कृष्णानंद राय के परिवार ने मुख्य आरोपी बनाया. वारदात के दिन से लेकर आज तक इस सनसनीखेज हत्याकांड ने अंसारी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा.

कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी सीबीआई कोर्ट से बरी हो गए थे, लेकिन इसके बाद भी अंसारी परिवार को राहत नहीं मिली. हत्याकांड से जुड़े मामले को लेकर गैंगचार्ट बनाया गया और मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर 120बी के तहत मोहम्मदाबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया.

इसके बाद मामला गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चलने लगा. बीते 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड के गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की सजा और अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा सुनाई. इसके बाद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता भी रद्द हो गई थी. मूल मुकदमे में अंसारी बंधु सीबीआई कोर्ट से बरी हो गए लेकिन गैंगस्टर के मामले में अभी तक कोई राहत नहीं मिली.

गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को सजा सुनाई थी. इसके बाद अफजाल अंसारी गाजीपुर जेल चले गए, जबकि मुख्तार अंसारी पूर्व से ही बांदा जेल में बंद थे. इस फैसले के खिलाफ अफजाल अंसारी हाईकोर्ट चले गए लेकिन यहां से भी राहत नहीं मिली. स्वास्थ्य कारणों से अफजाल अंसारी को केवल जमानत ही मिल पाई थी.

इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी को राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी. इसके बाद संसद की सदस्यता भी बहाल हो गई. अफजाल अंसारी को संसद में बैठने और किसी भी मतदान का हिस्सा नहीं बनने पर रोक लगा दी गई थी. एक बार फिर अफजाल अंसारी 2024 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत गए.

यहां भी कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े गैंगस्टर के मामले ने अंसारी परिवार का पीछा नहीं छोड़ा. प्रयागराज हाईकोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में सुनवाई करते हुए अफजाल अंसारी के अधिवक्ताओं के पक्ष को सुना. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष भी हाईकोर्ट ने सुना. सुनवाई पूरी कर ली गई. 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित कर लिया गया. आज 29 जुलाई को गैंगस्टर के मामले में फैसला आना है.

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