नई दिल्ली/नोएडा: अगर आप शेयर ट्रेडिंग करते हैं तो खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, मुनाफे का मोटा लालच देकर शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से मोटा रिटर्न देने के नाम पर लोगों को फंसाते हैं और फिर पैसे लेकर फरार हो जाते हैं. गाजियाबाद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो देश के 23 राज्यों में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर फ्रॉड कर रहा था. गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में चेतन शर्मा और राहुल कुमार साहू को धोखाधड़ी के सामान के साथ गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है.
गाजियाबाद के रहने वाले कंवर पाल के साथ 70 लाख, भगवत कुमार बोर के साथ 24 लाख 81,000 और राहुल राजा के साथ 52 लाख 51 हजार रुपये की शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी की गई थी. विभिन्न फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से तीनों लोगों के साथ साइबर फ्रॉड किया गया. इस मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे. जिसमें पुलिस ने 23 राज्यों में घटित 168 घटनाओं में पीड़ितों से कुल 22 करोड़ 42 लख रुपये साइबर अपराध की घटनाओं का खुलासा किया है. गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने तीन घटनाओं में से दो में 36 लख रुपये की रिकवरी की है.
सोशल मीडिया के माध्यम से बनाते थे शिकार
साइबर अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग से संबंधित वीडियो अपलोड की जाते थे. पीड़ित द्वारा इन वीडियो को देखकर वीडियो में दिए गए लिंक के माध्यम से साइबर ठगों द्वारा उन्हें विभिन्न ग्रुपों में जोड़ा जाता था. व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रतिष्ठित शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स के फोटो लगाकर शेयर ट्रेडिंग के टिप्स दिए जाते थे. पीड़ित को शेयर ट्रेडिंग के प्रायमरी मार्केट से इंस्टीट्यूशन अकाउंट खुलवाकर शेयर ट्रेडिंग का लालच दिया जाता था. सीधे कंपनियों से शेयर खरीदने का लालच देकर व्हाट्सएप ग्रुप पर लिंक द्वारा फर्जी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराए जाते थे.
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कैसे करते थे साइबर फ्रॉड ?
शेयर ट्रेडिंग ऐप पर पीड़ित की यूजर आईडी और पासवर्ड बनाया जाता था. इन ऐप में शेयर ट्रेडिंग के लिए पीड़ित से व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विभिन्न बैंक के खाता शेयर किए जाते थे और उसमें पीड़ित से पैसा ट्रांसफर कराया जाता था. ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट प्राप्त कर अपराधी ऐप पर पीड़ित के यूजर आईडी पर शेयर ट्रेडिंग के लिए इस ट्रांजैक्शन को अपडेट किया करते थे. फर्जी शेयर ट्रेडिंग कर मुनाफे के रूप में राशि लगातार बढ़ती हुई दर्शाई जाती थी. पीड़ित जब ऐप के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग से बढ़े हुए मुनाफे को निकालने का प्रयास करता था तो यह साइबर अपराधी पैसे निकालने के लिए मुनाफे पर टैक्स और सरचार्ज बताकर अधिक पैसा जमा करवाया करते थे. टैक्स का पैसा जमा करने पर भी जब पैसा नहीं निकला तो पीड़ित अपने साथ हुई साइबर फ्रॉड की घटना का पता चलता था.
गाजियाबाद की एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार पी के मुताबिक़ शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले राहुल और चेतन शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. चेतन मथुरा और राहुल जयपुर का रहने वाला है. दुबई में बैठकर साइबर क्राइम कर रहे यह दोनों बहुत दिनों जुड़े हुए हैं. जांच करने पर आरोपियों से जुड़ी 168 घटनाएं सामने आई हैं. जिसमें विभिन्न प्रदेशों में तकरीबन 12 एफआईआर दर्ज है.
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