नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में शनिवार, 14 दिसंबर को जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. लोक अदालत के माध्यम से अलग-अलग तरह के केस को समझौते के आधार पर मौके पर ही निस्तारित कर लिया जाता है. यदि आपका ट्रैफिक चालान लंबे समय से पेंडिंग है तो आप लोक अदालत में उसे माफ कर सकते हैं. साल 2024 की यह आखिरी लोक अदालत होगी. लोक अदालत में केवल ट्रैफिक चालान ही नहीं बल्कि कई प्रकार के वादों का निस्तारण होता है.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक 14 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला प्रशासन स्तर पर 1 लाख 70 हजार 800 वादों को चिन्हित करते हुए उनके निस्तारण की संभावनाओं को व्यक्त किया गया है. जनपद गाजियाबाद की अलग-अलग कोर्ट ने लोक अदालत में 11 हजार 143 वादों को चिन्हित करते हुए उनके निस्तारण की संभावनाएं व्यक्त की है.
"वादकारी और पक्षकार अपने लंबित वादों को राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करवाना चाहते हैं तो संबंधित न्यायालय से संपर्क कर अपने वादों को 14 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में नियत करवरकर निस्तारित कर सकते हैं." कुमार मिताक्षर, अपर ज़िला जज/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (गाजियाबाद)
लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के सामान्य आपराधिक वादों, चेक बाउंस से संबंधित, धारा 138 एनआई एक्ट वाद, बैंक रिकवरी वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, बिजली और पानी के बल से संबंधित शमनीय दण्डवाद, वैवाहिक, पारिवारिक, प्रिलिटिगेशन वाद, भूमि अध्यापित वाद और अन्य सिविल वादों को निस्तारित करवा सकते हैं. पक्षकार आपसी सुलह-समझौते के आधार पर विवाद का निस्तारण पक्षकार और व्यक्तिगत स्तर पर पहल कर सकते हैं. जिसमें वादकारी और पक्षकारों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा. लोक अदालत में निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं है. वादकारी और पक्षकार जटिल कानूनी प्रक्रिया से सहज और आपसी समझौते पर वाद को निस्तारित करवा सकते हैं.
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