नई दिल्ली/गाजियाबाद: न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्य में रुकावट डालने के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश जनपद न्यायालय गाजियाबाद के प्रभारी अधिकारी नजारत, नीरज गौतम द्वारा जारी किया गया है. आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिन अधिवक्ताओं को न्यायालय में कार्य करने से रोका जा रहा है, उनके प्रति उचित कार्रवाई की जाएगी.
गाजियाबाद के अधिवक्ताओं द्वारा लगातार हड़ताल किए जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. प्रभारी अधिकारी नीरज गौतम ने बताया कि न्यायालय परिसर और न्यायालय कक्षों में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पर्याप्त पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. सभी न्यायिक अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने न्यायालयों में आने वाले अधिवक्ताओं एवं वादकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
ये है मामला: गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुई लाठी चार्ज के मामले ने स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है. अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की है. बार एसोसिएशन गाजियाबाद के अध्यक्ष, दीपक शर्मा ने बताया कि यदि कोई अधिवक्ता बार एसोसिएशन द्वारा पारित प्रस्ताव के खिलाफ कार्य करते हुए पाया जाता है, तो उसकी सदस्यता पांच वर्ष के लिए रद्द कर दी जाएगी.
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव, अमित कुमार नेहरा ने कहा कि कई अन्य जनपदों में भी अधिवक्ताओं से हड़ताल की अपील की गई है. 6 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जनपदों से अधिवक्ताओं को एकत्रित कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
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