भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अब जल्द ही पर्यटकों को रोमांचित करने वाला अनुभव होगा. यहां आने वाले पर्यटक अब एक ही स्थान पर वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान ही नहीं बल्कि यहां आने वाले पक्षियों, जंगल आदि से काफी नजदीक से रूबरू हो सकेंगे. उद्यान के डॉ सालिम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर को हाईटेक बनाने का रास्ता साफ हो गया है. कांग्रेस सरकार के समय से ठंडे बस्ते में पड़े इंटरप्रिटेशन सेंटर को अब जल्द ही वर्चुअल रियलिटी और 3D जैसे फीचर से से युक्त कर पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. भाजपा के भजनलाल शर्मा सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. संभवतः सितंबर प्रथम सप्ताह में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि घना में डॉ सालिम अली इंटरप्रिटेशन सेंटर है. यह करीब 18 साल पहले स्थापित किया गया था. अब उसे हाइटेक बनाया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से सहमति मिल गई है. सितंबर प्रथम सप्ताह में इसके टेंडर की प्रक्रिया पूरी करा दी जाएगी.
वर्चुअल रियलिटी से जंगल दर्शन: डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि इसके लिए आईआईटी हैदराबाद से टेक्निकल सपोर्ट लिया जाएगा. कांग्रेस सरकार के समय इसको लेकर डीपीआर भी तैयार कराई गई थी. लेकिन अब इसको लेकर सरकार से अनुमति मिल गई है. इसके तहत सेंटर को पूरा हाइटेक बनाएंगे. इसमें घना में पाए जाने वाले पक्षियों और वन्य जीवों के नए स्कल्पचर/स्टेच्यू लगाए जाएंगे. पूरे सेंटर को 3डी में कन्वर्ट किया जाएगा. यहां आने वाले पर्यटक 3डी चश्मे लगाकर पूरे जंगल का वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से नजदीक से दीदार कर सकेंगे. यहां आने वाले पक्षियों की प्रजाति, उनका उड़ान का रास्ता आदि के बारे में भी जान सकेंगे.
पढ़ें: घना से उड़े मानसून दूत, भोजन के अभाव में 70% ओपन बिल स्टॉर्क ने किया पलायन - Openbill Stork Migrated
हकीकत का अहसास: डीएफओ मानस ने बताया कि यहां आने वाले पर्यटकों के लिए घना से संबंधित एक शॉर्ट मूवी भी दिखाई जाएगी. इसके अलावा 3डी जैसी तकनीक से पर्यटक घना के वेटलैंड में घूमने, नौकायन आदि का भी हकीकत के अहसास जैसा लूट उठा सकेंगे.
18 साल पहले हुआ था स्थापित: गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्डमैन डॉ सलीम अली की याद में वर्ष 2006 में ऑस्ट्रिया के क्रिस्टल किंग डेनियल स्वारोवस्की ने इंटरप्रिटेशन सेंटर का निर्माण कराया था. इंटरप्रिटेशन सेंटर में तस्वीर और स्कल्पचर के माध्यम से पशु, पक्षी, जंगल और क्लाइमेट की जानकारी को प्रदर्शित किया गया है. जो पर्यटक पूरा घना नहीं घूम पाते, वो सेंटर आकार यहां को पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं.