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घना को ढाई दशक बाद मिला पांचना बांध से अपने हिस्से का पूरा पानी, उद्यान में पहुंचे दो दर्जन प्रजाति के हजारों पक्षी - Ghana Got Expected Water

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पांचना बांध से अपने हिस्से का पूरा पानी ढाई दशक बाद मिला है. इसके साथ ही घना में गत वर्ष की तुलना में इस बार दोगुना पेंटेड स्टॉर्क ने नेस्टिंग की है.

Migratory Birds in Ghana
घना में पहुंचे दो दर्जन प्रजाति के हजारों पक्षी (ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2024, 4:08 PM IST

भरतपुर: मानसून की मेहरबानी से ढाई दशक बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पांचना बांध से उसके हिस्से का पूरा पानी यानी 550 एमसीएफटी पानी मिला है. उद्यान का वेटलैंड ही नहीं बल्कि वुडलैंड और ग्रासलैंड भी पानी से लबालब हो गया है. यही वजह है कि घना में इस बार गत वर्ष की तुलना में करीब दोगुना अधिक पेंटेड स्टॉर्क ने नेस्टिंग की है. साथ ही करीब दो दर्जन से अधिक प्रजाति के हजारों पक्षी यहां पहुंच चुके हैं. पांचना बांध से उद्यान को पूरा पानी मिलने की वजह से इस बार ना केवल पक्षियों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है बल्कि पर्यटन सीजन भी अच्छा रहने की संभावना है.

90 के दशक के बाद मिला पूरा पानी: उद्यान निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस बार घना को पांचना बांध से 550 एमसीएफटी से अधिक पानी मिला है. इसलिए इस बार उद्यान के वुडलैंड और ग्रासलैंड में भी पांचना का पानी भरा गया है. अब से पहले 90 के दशक में घना को पांचना से इतना पानी मिलता था. इस बार पांचना से पूरा पानी मिलने की वजह से पानी के साथ पक्षियों के लिए भरपूर मात्रा में मछलियां और अन्य भोजन भी यहां पहुंचा है जो कि प्रवासी पक्षियों के लिए अच्छा रहेगा.

पढ़ें: घना को मिली 'संजीवनी'...पांचना का पानी यहां के लिए है अमृत, बढ़ जाएगी प्रवासी पक्षियों की संख्या - Keoladeo National Park

हजारों पक्षी पहुंचे: निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान में अब तक कई प्रजातियों के हजारों पक्षी पहुंच चुके हैं. इनमें पेंटेड स्टॉर्क, ओपन बिल स्टॉर्क, आईबिस, ग्रे हेरोन, स्पून बिल, ई ग्रेट, वार्बलर, पाइपर्स, कॉम्ब डक, ग्लोसी आईबिस, व्हिसलिंग टील, कॉटन टील समेत करीब दो दर्जन से अधिक प्रजाति के हजारों पक्षियों ने डेरा डाल लिया. साथ ही अक्टूबर के अंत तक यहां सैकड़ों प्रजाति के पक्षी पहुंच जाएंगे. इतना ही नहीं इस बार पांचना से पूरा पानी मिलने की वजह से गत वर्ष की तुलना में दोगुना अधिक संख्या करीब 1500 से अधिक पेंटेड स्टॉर्क पहुंच चुके हैं.

पढ़ें: पांचना बांध के पानी के साथ ही घना में पहुंचे 500 पेंटेड स्टॉर्क, भरपूर भोजन से बढ़ेगी पक्षियों की संख्या - Keoladeo National Park

नष्ट होंगी हानिकारक झाड़ियां: मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान को पांचना से 550 एमसीएफटी से अधिक पानी मिला है. इसलिए घना के वुडलैंड और ग्रासलैंड में भी पानी भर गया है. इससे वुडलैंड और ग्रासलैंड में उग आईं हानिकारक प्रजाति की वनस्पति व झाड़ियां जैसे कि गाजर घास, जूली फ्लोरा आदि को नष्ट करने में आसानी होगी. साथ ही स्थानीय प्रजाति की वनस्पतियां फिर से उग सकेंगी.

पढ़ें: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 3 साल बाद मिला 'अमृत', अब पांचना बांध का 300 MCFT पानी मिलने की उम्मीद - Keoladeo National Park

मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान में पर्यटन सीजन में अच्छी संख्या में पक्षी पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की संभावना है. इससे भरतपुर का पर्यटन व्यवसाय बेहतर होगा. उन्होंने बताया कि यदि हर वर्ष घना को पांचना से इसी तरह पानी मिलता रहे तो घना को फिर से उसी ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है जो कभी 1980 और 1990 के दशक में होता था

भरतपुर: मानसून की मेहरबानी से ढाई दशक बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पांचना बांध से उसके हिस्से का पूरा पानी यानी 550 एमसीएफटी पानी मिला है. उद्यान का वेटलैंड ही नहीं बल्कि वुडलैंड और ग्रासलैंड भी पानी से लबालब हो गया है. यही वजह है कि घना में इस बार गत वर्ष की तुलना में करीब दोगुना अधिक पेंटेड स्टॉर्क ने नेस्टिंग की है. साथ ही करीब दो दर्जन से अधिक प्रजाति के हजारों पक्षी यहां पहुंच चुके हैं. पांचना बांध से उद्यान को पूरा पानी मिलने की वजह से इस बार ना केवल पक्षियों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है बल्कि पर्यटन सीजन भी अच्छा रहने की संभावना है.

90 के दशक के बाद मिला पूरा पानी: उद्यान निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस बार घना को पांचना बांध से 550 एमसीएफटी से अधिक पानी मिला है. इसलिए इस बार उद्यान के वुडलैंड और ग्रासलैंड में भी पांचना का पानी भरा गया है. अब से पहले 90 के दशक में घना को पांचना से इतना पानी मिलता था. इस बार पांचना से पूरा पानी मिलने की वजह से पानी के साथ पक्षियों के लिए भरपूर मात्रा में मछलियां और अन्य भोजन भी यहां पहुंचा है जो कि प्रवासी पक्षियों के लिए अच्छा रहेगा.

पढ़ें: घना को मिली 'संजीवनी'...पांचना का पानी यहां के लिए है अमृत, बढ़ जाएगी प्रवासी पक्षियों की संख्या - Keoladeo National Park

हजारों पक्षी पहुंचे: निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान में अब तक कई प्रजातियों के हजारों पक्षी पहुंच चुके हैं. इनमें पेंटेड स्टॉर्क, ओपन बिल स्टॉर्क, आईबिस, ग्रे हेरोन, स्पून बिल, ई ग्रेट, वार्बलर, पाइपर्स, कॉम्ब डक, ग्लोसी आईबिस, व्हिसलिंग टील, कॉटन टील समेत करीब दो दर्जन से अधिक प्रजाति के हजारों पक्षियों ने डेरा डाल लिया. साथ ही अक्टूबर के अंत तक यहां सैकड़ों प्रजाति के पक्षी पहुंच जाएंगे. इतना ही नहीं इस बार पांचना से पूरा पानी मिलने की वजह से गत वर्ष की तुलना में दोगुना अधिक संख्या करीब 1500 से अधिक पेंटेड स्टॉर्क पहुंच चुके हैं.

पढ़ें: पांचना बांध के पानी के साथ ही घना में पहुंचे 500 पेंटेड स्टॉर्क, भरपूर भोजन से बढ़ेगी पक्षियों की संख्या - Keoladeo National Park

नष्ट होंगी हानिकारक झाड़ियां: मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान को पांचना से 550 एमसीएफटी से अधिक पानी मिला है. इसलिए घना के वुडलैंड और ग्रासलैंड में भी पानी भर गया है. इससे वुडलैंड और ग्रासलैंड में उग आईं हानिकारक प्रजाति की वनस्पति व झाड़ियां जैसे कि गाजर घास, जूली फ्लोरा आदि को नष्ट करने में आसानी होगी. साथ ही स्थानीय प्रजाति की वनस्पतियां फिर से उग सकेंगी.

पढ़ें: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 3 साल बाद मिला 'अमृत', अब पांचना बांध का 300 MCFT पानी मिलने की उम्मीद - Keoladeo National Park

मानस सिंह ने बताया कि इस बार उद्यान में पर्यटन सीजन में अच्छी संख्या में पक्षी पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की संभावना है. इससे भरतपुर का पर्यटन व्यवसाय बेहतर होगा. उन्होंने बताया कि यदि हर वर्ष घना को पांचना से इसी तरह पानी मिलता रहे तो घना को फिर से उसी ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है जो कभी 1980 और 1990 के दशक में होता था

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