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जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी के पूर्व कुलसचिव पर गिरी निलंबन की गाज, पढ़ें पूरी खबर - registrar suspended ghurdauri - REGISTRAR SUSPENDED GHURDAURI

GB Pant Engineering College Ghurdauri जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी के पूर्व कुल सचिव पर वित्तीय अनियमितता समेत तमाम आरोप लगने के बाद उन पर निलंबन की गाज गिरी है. वहीं निलंबित के बाद उन्हें एप्लाइड साइंस विभाग में संबद्ध कर दिया गया है.

GB Pant Engineering College Ghurdauri
जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 14, 2024, 10:09 PM IST

श्रीनगर: जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार को संस्थान प्रशासन ने नियुक्ति प्रदान करने के तत्काल बाद ही उन्हें निलंबित कर दिया गया है. पूर्व कुलसचिव को पद पर रहते हुए अवैध तरीके से नियुक्तियां करने, टीक्यूप फंड से 2 करोड़ के लेनदेन, निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता के सहित अन्य आरोपों के चलते सितंबर 2021 में उन्हें निलंबित किया गया था. मई 2022 में उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी. सेवा समाप्त किए जाने को लेकर कुलसचिव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए संस्थान प्रशासन को पूर्व कुलसचिव को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया था. साथ ही अदालत ने संस्थान प्रशासन को कार्रवाई की स्वायत्तता भी प्रदान की थी.

जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी में सितंबर 2005 को संदीप कुमार की ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (टीपीओ) के पद पर नियुक्ति हुई थी. हालांकि टीपीओ के पद को शासन से साल 2008 में स्वीकृति मिली थी. अगस्त 2016 में संदीप कुमार को कुलसचिव का प्रभार सौंपा गया था. दिसंबर 2016 में प्रभार वापस लेने के दो सप्ताह बाद दोबारा प्रभार सौंप दिया गया था. साल 2017 में क्षेत्रीय युवाओं ने कुलसचिव की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आंदोलन किया था. नवंबर 2017 में संदीप कुमार से कुलसचिव का प्रभार छीन लिया गया था. संदीप की जून 2018 में कुलसचिव के पद पर नियमित नियुक्ति हुई थी, लेकिन बीओजी ने तैनाती पर रोक लगा दी थी. दिसंबर 2019 में संदीप कुमार काे नियमित कुलसचिव का पदभार मिला था. इस बीच संस्थान में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, नियुक्तियों में गड़बड़ियां सहित कई आरोप लगाए गए.

संस्थान के कर्मचारियों ने भी उनके खिलाफ आंदोलन किया था. क्षेत्रीय युवाओं, कर्मचारी संगठन सहित अन्य ने सीएम, तकनीकी शिक्षा मंत्री, तकनीकी शिक्षा सचिव, निदेशक से शिकायत की गई थी. अगस्त 2021 को संदीप कुमार को कुलसचिव पद से निलंबित किया गया था. नवंबर 2021 में उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. संस्थान प्रशासन ने मई 2022 को उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी. सितंबर 2022 को एसआईटी ने संदीप कुमार को गिरफ्तार किया था. संस्थान के निदेशक प्रो. वीएन काला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 अप्रैल को दिए आदेश में पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार को नियुक्ति दिए जाने और संस्थान प्रशासन को विभागीय कार्रवाई की स्वायत्तता प्रदान की थी. बताया कि संस्थान प्रशासन ने संदीप कुमार को कुलसचिव के पद पर नियुक्ति के बाद बाद निलंबित कर एप्लाइड साइंस विभाग में संबद्ध कर दिया है. पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार ने तत्काल नियुक्त ली और संस्थान प्रशासन ने उन्हें उसी दिन तत्काल निलंबित भी कर दिया.

पढ़ें-पौड़ी के इंजीनियरिंग कॉलेज में फिर SIT का छापा, अवैध नियुक्तियों के दस्तावेज खंगाले

श्रीनगर: जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार को संस्थान प्रशासन ने नियुक्ति प्रदान करने के तत्काल बाद ही उन्हें निलंबित कर दिया गया है. पूर्व कुलसचिव को पद पर रहते हुए अवैध तरीके से नियुक्तियां करने, टीक्यूप फंड से 2 करोड़ के लेनदेन, निर्माण कार्यों में वित्तीय अनियमितता के सहित अन्य आरोपों के चलते सितंबर 2021 में उन्हें निलंबित किया गया था. मई 2022 में उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी. सेवा समाप्त किए जाने को लेकर कुलसचिव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए संस्थान प्रशासन को पूर्व कुलसचिव को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया था. साथ ही अदालत ने संस्थान प्रशासन को कार्रवाई की स्वायत्तता भी प्रदान की थी.

जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी में सितंबर 2005 को संदीप कुमार की ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (टीपीओ) के पद पर नियुक्ति हुई थी. हालांकि टीपीओ के पद को शासन से साल 2008 में स्वीकृति मिली थी. अगस्त 2016 में संदीप कुमार को कुलसचिव का प्रभार सौंपा गया था. दिसंबर 2016 में प्रभार वापस लेने के दो सप्ताह बाद दोबारा प्रभार सौंप दिया गया था. साल 2017 में क्षेत्रीय युवाओं ने कुलसचिव की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आंदोलन किया था. नवंबर 2017 में संदीप कुमार से कुलसचिव का प्रभार छीन लिया गया था. संदीप की जून 2018 में कुलसचिव के पद पर नियमित नियुक्ति हुई थी, लेकिन बीओजी ने तैनाती पर रोक लगा दी थी. दिसंबर 2019 में संदीप कुमार काे नियमित कुलसचिव का पदभार मिला था. इस बीच संस्थान में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, नियुक्तियों में गड़बड़ियां सहित कई आरोप लगाए गए.

संस्थान के कर्मचारियों ने भी उनके खिलाफ आंदोलन किया था. क्षेत्रीय युवाओं, कर्मचारी संगठन सहित अन्य ने सीएम, तकनीकी शिक्षा मंत्री, तकनीकी शिक्षा सचिव, निदेशक से शिकायत की गई थी. अगस्त 2021 को संदीप कुमार को कुलसचिव पद से निलंबित किया गया था. नवंबर 2021 में उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. संस्थान प्रशासन ने मई 2022 को उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी. सितंबर 2022 को एसआईटी ने संदीप कुमार को गिरफ्तार किया था. संस्थान के निदेशक प्रो. वीएन काला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 16 अप्रैल को दिए आदेश में पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार को नियुक्ति दिए जाने और संस्थान प्रशासन को विभागीय कार्रवाई की स्वायत्तता प्रदान की थी. बताया कि संस्थान प्रशासन ने संदीप कुमार को कुलसचिव के पद पर नियुक्ति के बाद बाद निलंबित कर एप्लाइड साइंस विभाग में संबद्ध कर दिया है. पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार ने तत्काल नियुक्त ली और संस्थान प्रशासन ने उन्हें उसी दिन तत्काल निलंबित भी कर दिया.

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