हरिद्वार: गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के पांच सौ से ज्यादा पीतवस्त्रधारी कार्यकर्ताओं ने हरीतिमा संवर्धन और कांवड़ (बाइक) शोभायात्रा निकाली. शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी के मार्गदर्शन में वैदिक पूजन के बाद शेफाली पण्ड्या ने इस शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
शोभायात्रा पर जगह-जगह बरसाए गए फूल: शोभायात्रा यात्रा का शुभारंभ शांतिकुंज के गेट नंबर दो से हुआ. जो भारतमाता मंदिर, पावन धाम चौराहा होते हुए शंकराचार्य चौक पहुंची. जहां से वापसी करते हुए देवपुरा चौक, प्रेस क्लब, रेलवे स्टेशन, ललतारौ पुल पहुंची. इस दौरान पूरा हरिद्वार का नजारा वासंती रंग में नजर आया. जगह-जगह लोगों ने शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया.
गंगा स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, पॉलिथीन का इस्तेमाल न करने का आह्वान: शांतिकुंज कार्यकर्ताओं ने गंगा को निर्मल रखने, स्वच्छ-सुंदर हरिद्वार, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण, प्रतिबंधित पॉलिथीन का इस्तेमाल न करने का आह्वान किया. 'हर-हर शंभू' के जयघोष के साथ यात्रा चलती रही. यह यात्रा दूधाधारी चौक, भूपतवाला होते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव परिसर पहुंची.
जहां देव संस्कृति विवि हरिद्वार की बहनों ने शोभायात्रा में शामिल हरीतिमा कांवड़ रथ का पूजन किया. साथ ही फूल बरसाकर जोरदार स्वागत किया. इसके बाद प्रज्ञेश्वर महादेव में 'सर्वे भवंतु सुखिनः' के भाव से सामूहिक जलाभिषेक किया गया. यात्रा का समापन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज स्थित ऋषि युग्म की समाधि के पास विशेष संगोष्ठी से हुई. इस दौरान लोगों को गंगा को निर्मल बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक-एक पौधा रोपने को कहा गया.
वहीं, अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉक्टर प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री साधकों ने राहगीरों को पतित पावनी गंगा को निर्मल बनाए रखने और प्रतिबंधित पॉलिथीन के इस्तेमाल से बचने के साथ ही हरिद्वार को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए प्रेरित किया. वहीं, शैलदीदी ने अखिल विश्व गायत्री परिवार के 'वृक्षा गंगा जन अभियान' के तहत एक पौधा अपने आंगन में लगाने के लिए प्रेरित किया.
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