रामगढ़ः जिले में पिछले दिनों से हो रही बारिश के कारण पतरातू में नलकारी नदी पर बना डैम भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया. जिसके बाद जलस्तर को सामान्य करने के लिए प्रबंधन ने पतरातू डैम के 8 में से एक फाटक को खोल दिया है. गुरुवार सुबह इस फाटक को खोला गया है. प्रशासन ने लोगों को अलर्ट किया है.
बता दें कि लगातार हुई बारिश के कारण पतरातू डैम का जलस्तर 1328 आरएल से ऊपर पहुंच गया. 1328 आर एल पहुंचने के बाद पतरातू डैम के आठ में से तीसरे नंबर के एक फाटक को 3 इंच खोल दिया गया है. गुरुवार सुबह 6:45 मिनट पर फाटक खोला गया है. पीटीपीएस डैम का फाटक खुलने से नलकारी नदी में पानी का बहाव तेज हो गया और नलकारी नदी दामोदर नदी में जाकर मिलती है जिसके कारण दामोदर नदी के जल स्तर में भी बढ़ोतरी रजरप्पा तक देखने को मिलेगी. लोग नलकारी व दामोदर नदी के किनारे खुद या जानवर लेकर न जाए इसको लेकर अनाउसमेंट व जागरूक किया जा रहा है.
नवीन कुमार संपदा पदाधिकारी शेष परिसंपत्ति पीटीपीएस पतरातू ने बताया कि डैम के कैचमेंट एरिया में बारिश होने के कारण पानी भर गया. साथ ही इसके मुख्य जलस्रोत नलकारी और घाघरा नदी से लगातार पानी आने के कारण पतरातू डैम के जलस्तर में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है. वर्तमान समय में डैम का जलस्तर 1328आर एल से पार हो चुका है. इसको देखते हुए पतरातू डैम के आठ फाटक में से तीन नंबर फाटक को 3 इंच खोलकर जल की निकासी की जा रही है. अलर्ट जारी किया गया है.
आपको बता दें कि 1332 आरएल इस डैम की क्षमता है, लेकिन डैम पुराना होने के कारण इसकी क्षमता को 1329.05 आरएल किया गया है ताकि डैम को किसी तरह की कोई क्षति न हो. लगातार हुई बारिश के कारण नलकारी डैम में पानी बढ़ गया और डैम की क्षमता को मैनेज करने को लेकर डैम के तीसरे फाटक को 3 इंच खोल कर जलस्तर को सामान्य किया जा रहा है.
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को ही पतरातू डैम के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासक, शेष परिसंपत्ति पीटीपीएस पतरातू द्वारा यह बताया गया था कि कभी भी डैम के गेट को खोला जा सकता है. जिसके कारण नलकारी नदी व दामोदर नदी का जल स्तर बढ़ सकता है. इसलिए पतरातू डैम व नलकारी नदी के आसपास रहने वाले सभी आम जनों से अनुरोध किया गया कि नदी के आसपास ना जाए और सावधान रहें. बता दें कि डैम के सभी आठ फाटकों को लगभग सात साल पहले 25 जुलाई को खोला गया था. इस डैम से सीसीएल, जेएसपीएल और पीटीपीएस आवासीय कॉलोनी को जलापूर्ति भी की जाती है.
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