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रामनगर का गर्जिया माता का मंदिर आज से श्रद्धालुओं के लिए खुला, भक्तों की लगी भीड़ - Garjiya Mata temple opened

Garjia Mata Temple opened for devotees in Ramnagar प्रसिद्ध गर्जिया देवी का मंदिर लगभग 50 दिनों के बाद आज से श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिया गया है. पहले दिन ही श्रद्धालुओं की मां के दर्शन के लिए बहुत भीड़ लगी. श्रद्धालुओं ने कहा कि वो इतने दिन से मां के दर्शनों के लिए थे उतावले थे. प्रसाद विक्रेताओं को भी दो माह बाद रोजगार मिलने के बाद खुशियों का माहौल है.

Garjia Mata Temple opened
गर्जिया माता के दर्शन (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 1, 2024, 2:13 PM IST

भक्तों के लिए खुल गया गर्जिया माता का मंदिर. (ETV Bharat)

रामनगर: पिछले करीब दो महीने से गर्जिया माता का मंदिर बंद था. माता के भक्त दर्शन नहीं कर पा रहे थे. दरअसल गर्जिया माता मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. मानसून सीजन में कोसी की बाढ़ और बारिश के दौरान कोई हादसा न हो जाए, इसे देखते हुए टीले का जीर्णोद्धार कराया गया है. अब आज सोमवार 1 जुलाई 2024 को गर्जिया माता मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है.

पूजा अर्चना के साथ प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर को 10 मई के बाद आज 1 जुलाई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. गौर हो कि नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर में 10 मई से लेकर 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी. यह निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने लिया था. दरअसल प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के बीचों-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है. साल 2010 में आई बाढ़ के चलते मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ रही थी. इससे जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था, तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा हो सकता था.

इसको देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा शासन को इसके टीले की मरम्मत का कार्य किये जाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर लगातार भेजे जा रहे थे. इसी क्रम में मई 2024 में इसके प्रथम चरण के कार्य के लिए सिंचाई विभाग को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी हुई थी. जिसके बाद बरसात को देखते हुए 10 मई से 30 जून तक इस मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया था कि कार्य के दौरान अगर मंदिर खुलता है तो किसी प्रकार से दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो और कोई चोटिल भी न हो. सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया था.

बता दें कि मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया था. सीएम ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया था. मंदिर में आई दरारों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई थी, जिसमें मंदिर के टीले का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है. वहीं पहले फेज का काम 10 मई से शुरू होकर 30 जून को खत्म हो चुका है. वहीं अब दूसरे फेज का काम अक्टूबर माह से प्रारंभ किया जाएगा.

आज दर्शनों के लिए अमेरिका से आये दर्शनार्थियों ने कहा कि आज मां के दर्शनों के लिए आए हैं. सभी भक्तों में माता के दर्शन कर खुशी की लहर थी. वहीं इस पर कारोबार से जुड़े लोगों ने भी खुशी जताई कि एक बार पुनः वे रोजगार से जुड़ गए हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पांडे ने शासन का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि अभी मंदिर का काम 10% हो चुका है. 90% कम और बचा है जो अक्टूबर माह के बाद शुरू किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: युद्ध स्तर पर चल रहा गर्जिया माता मंदिर के टीले का जीर्णोद्धार, श्रमिकों ने खुद बढ़ाए काम के घंटे, 1 जुलाई से हो सकते हैं दर्शन

भक्तों के लिए खुल गया गर्जिया माता का मंदिर. (ETV Bharat)

रामनगर: पिछले करीब दो महीने से गर्जिया माता का मंदिर बंद था. माता के भक्त दर्शन नहीं कर पा रहे थे. दरअसल गर्जिया माता मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. मानसून सीजन में कोसी की बाढ़ और बारिश के दौरान कोई हादसा न हो जाए, इसे देखते हुए टीले का जीर्णोद्धार कराया गया है. अब आज सोमवार 1 जुलाई 2024 को गर्जिया माता मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है.

पूजा अर्चना के साथ प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर को 10 मई के बाद आज 1 जुलाई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. गौर हो कि नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर में 10 मई से लेकर 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी. यह निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने लिया था. दरअसल प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के बीचों-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है. साल 2010 में आई बाढ़ के चलते मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ रही थी. इससे जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था, तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा हो सकता था.

इसको देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा शासन को इसके टीले की मरम्मत का कार्य किये जाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर लगातार भेजे जा रहे थे. इसी क्रम में मई 2024 में इसके प्रथम चरण के कार्य के लिए सिंचाई विभाग को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी हुई थी. जिसके बाद बरसात को देखते हुए 10 मई से 30 जून तक इस मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया था कि कार्य के दौरान अगर मंदिर खुलता है तो किसी प्रकार से दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो और कोई चोटिल भी न हो. सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया था.

बता दें कि मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया था. सीएम ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया था. मंदिर में आई दरारों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई थी, जिसमें मंदिर के टीले का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है. वहीं पहले फेज का काम 10 मई से शुरू होकर 30 जून को खत्म हो चुका है. वहीं अब दूसरे फेज का काम अक्टूबर माह से प्रारंभ किया जाएगा.

आज दर्शनों के लिए अमेरिका से आये दर्शनार्थियों ने कहा कि आज मां के दर्शनों के लिए आए हैं. सभी भक्तों में माता के दर्शन कर खुशी की लहर थी. वहीं इस पर कारोबार से जुड़े लोगों ने भी खुशी जताई कि एक बार पुनः वे रोजगार से जुड़ गए हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पांडे ने शासन का धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि अभी मंदिर का काम 10% हो चुका है. 90% कम और बचा है जो अक्टूबर माह के बाद शुरू किया जाएगा.
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