साहिबगंज: गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी जारी है. बक्सर से लेकर फरक्का तक हर दिन गंगा में 15 से 20 सेमी की बढ़ोतरी हो रही है. सीडब्ल्यूसी ने जिला प्रशासन को बाढ़ के पूर्वानुमान को लेकर रिपोर्ट दी है.
रविवार की सुबह आठ बजे तक गंगा में 25 सेमी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. शनिवार को गंगा का जलस्तर 22.12 मीटर और रविवार को 22.37 मीटर मापा गया था. जबकि साहिबगंज में गंगा का वार्निंग लेवल 26.25 मीटर और खतरे के निशान 27.25 मीटर है.
संभावित बाढ़ को लेकर किसानों को सताने लगी चिंता
इधर, गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से किसानों को चिंता सताने लगी है. दियारा के निचले इलाकों में पानी प्रवेश करने लगा है. इस बार बाढ़ की भी संभावना है. क्योंकि दो साल से साहिबगंज में बाढ़ नहीं आया है.
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के साथ तेजी से कटाव शुरू
वहीं गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद शहर के ओझा टोली घाट पर कटाव तेजी से शुरू हो गया है. गंगा किनारे करीब पांच फीट तक जमीन कट गंगा में समा चुकी है. गंगा में स्नान करने वाले लोगों को हमेशा कटाव का भय सताता है. जिस तेजी से गंगा में कटाव हो रहा है अनुमान है कि एक-दो दिन में रास्ता भी कटकर गंगा में समा जाएगा.
प्रशासन से कटाव रोधी कार्य शीघ्र शुरू करने की मांग
इस संबंध में स्थानीय राम सागर यादव ने कहा कि गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी जारी है. ओझा टोली घाट पर हर दिन लोग गंगा स्नान करने आते हैं. गंगा में बढ़ोतरी के साथ तेजी से कटाव शुरू हो गया है. घाट तक आने-जाने वाले रास्ते में दरार आ चुकी है. अब रास्ते पर चलने में लोगों को भय लगने लगा है. अब गंगा स्नान करना जोखिम भरा है. गंगा किनारे कुंड है. संभल कर नहाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन शीघ्र कटाव रोधी कार्य शुरू कराए.
संभावित बाढ़ को देखते हुए पहल करे जिला प्रशासन
वहीं त्रिभुवन यादव ने कहा कि गंगा में बढ़ोतरी जिस तरह से हो रही है ऐसा लगा रहा कि बहुत जल्द दियारा क्षेत्र में पानी प्रवेश कर जाएगा. सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में खरीफ सीजन का फसल हर साल डूब जाती है. फसल का मुआवजा तक नहीं मिलता है. इधर मक्का और मवेशी के लिए बाजरा बो दिया जाता है. बाढ़ से सबसे अधिक साहिबगंज सदर, राजमहल और तालझारी का आंशिक भाग प्रभावित होता है. जिला प्रशासन को चाहिए कि संभावित बाढ़ को देखते हुए अभी से पहल करें.
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